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'अगर BJP अल्पसंख्यक विरोधी है तो क्या कांग्रेस हिंदू विरोधी है?' Khushboo Sundar ने क्यों किया ऐसा सवाल

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नई दिल्ली- सोमवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाली अभिनेत्री और कांग्रेस की पूर्व प्रवक्ता खुशबू सुंदर ने कहा है कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला कई महीने पहले ही कर लिया था। उनके मुताबिक लॉकडाउन और कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए हालातों की वजह से उन्हें बीजेपी में शामिल होने और कांग्रेस छोड़ने में इतनी देरी हो गई। उन्होंने ये भी कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली थी, इसलिए वो चाहती थीं कि वह अपना इस्तीफा खुद से उनके हाथों में सौंपें। गौरतलब है कि आज दिल्ली में तमिलनाडु के तीन बड़े चेहरे बीजेपी में शामिल हुए हैं, जिसमें खुशबू सुंदर सबसे चर्चित नाम हैं।

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Why Khushboo Sundar ask If the BJP is anti-minority, then is Congress anti-Hindu?

अभिनेत्री से नेता बनीं खुशबू सुंदर ने सोमवार को नई दिल्ली में तमिलनाडु प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ए मुरुगन और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन किया है। बाद में अंग्रेजी अखबार दि हिंदू को उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की वजह ज्यादा विस्तार से स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी में उन्होंने पार्टी छोड़ने का कारण बताया है। जिसके मुताबिक, 'पार्टी में ऊंचे पदों पर बैठे हुए कुछ तत्व, जिन लोगों को जमीनी हकीकत के बारे में कुछ भी पता नहीं है, वही सब कुछ तय करते हैं।' उन्होंने ये भी कहा कि, 'मेरे जैसा व्यक्ति, जो पार्टी के लिए ईमानदारी से काम करना चाहता था उसे पीछे किया गया और दबाया गया।'

खुशबू ने सबसे बड़ा खुलासा तो यह किया है कि वो तो मार्च से ही इस्तीफा लिखकर बैठी हुई थीं। उनके मुताबिक, 'चिट्ठी तो मार्च से ही तैयार थी, लेकिन मैंने श्रीमती गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वाइन किया था, इसलिए मैं चाहती थी कि इस्तीफा उनको खुद दूं। लेकिन, कोविड-19 महामारी और फिर लॉकडाउन की वजह से इसमें देर होती चली गई।' उन्होंने यह भी साफ किया है कि चिट्ठी लिखते वक्त यह तय नहीं था कि वह बीजेपी ज्वाइन करेंगी। उन्होंने बताया कि, 'प्रवक्ता के पद पर रहने वाले व्यक्ति के तौर पर यह मेरी ड्यूटी थी कि सरकार कि नीतियों पर हमला करें....... लेकिन, बाद में मुझे लगा कि विचारधारा के मामले में बीजेपी में स्पष्टता है और लीडरशिप बहुत ही महत्वपूर्ण थी, बजाय ऐसी पार्टी में रहने के जिसकी लीडरशिप भी सवालों के घेरे में थी। लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए जो लगातार भरोसा दिखाया है, इसको समझना जरूरी है। '

जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि वह इस धारणा से कैसे निपटेंगी कि एक पार्टी के रूप में बीजेपी अल्पसंख्यकों के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती। इसपर उन्होंने जबाव दिया कि 'अगर बीजेपी अल्पसंख्यक विरोधी है तो क्या कांग्रेस हिंदू विरोधी है?' उन्होंने कहा है कि उन्हें इस बात का इंतजार है कि पार्टी की प्रदेश यूनिट क्या जिम्मेदारियां सौंपता है। वैसे, उन्होंने तमिलनाडु के लिए बीजेपी की भविष्य की रणनीति के बारे में कुछ भी नहीं बताया कि वहां पार्टी कैसे अपना विस्तार कर सकती है। क्योंकि, अभी वहां पार्टी की उपस्थिति ना के बराबर है।

खुशबू सुंदर के साथ तमिलनाडु के दो और चेहरों ने बीजेपी ज्वाइन किया है, जिसमें पत्रकार मदन रविचंद्रन और पूर्व आईआरएस अधिकारी सरवन कुमार भी शामिल हैं। इस दौरान आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सुंदर ने कहा था, 'पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी उसे निभाने का वादा करती हूं और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की लीडरशिप में भरोसा जताती हूं।'

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English summary
Why Khushboo Sundar ask If the BJP is anti-minority, then is Congress anti-Hindu?
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