जुबान क्यों सिल गई केजरीवाल एंड पार्टी की
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) हर किसी को भ्रष्ट कहने वाले आम आदमी पार्टी के नेताओं की इन दिनों जुबान सिल सी गई है। मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल से लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत तमाम आप नेता अब लगभग अज्ञातवास में चले गए हैं। पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह फर्जी डिग्री केस में फंसे हैं। आप के दूसरे भी कई नेताओं पर भी बदनामी के दाग लग रहे हैं।
निकम्मी सरकार
दिल्ली में भाजपा-अकाली दल टिकट पर विधायक रहे जितेन्द्र सिंह शंटी कहते हैं केजरीवाल सरकार हर स्तर पर निकम्मी और गैर-जिम्मेदार साबित हुई। उसके पास केन्द्र सरकार से पंगा लेने के अतिरिक्त कभी कुछ रहा ही नहीं रहा। [आम आदमी पार्टी के 21 विधायक होंगे गिरफ्तार, मनीष सिसोदिया पर भी लटकी तलवार]
जन्नत की हकीकत
तोमर केस ने आप को जन्नत की हकीकत दिखा दी है। अब उन्हें समझ आ गया है कि उन्हें दिल्ली में सरकार चलाने के लिए केन्द्र सरकार से कदम-कदम पर सहयोग लेना होगा। सरकार चलाते वक्त विनम्रतादिखानी होगी। अब आंदोलन का दौर गुजर चुका है। [अपने ही जाल में फंसी अरविंद केजरीवाल की सेना]
फर्जी डिग्री वाले
सूत्रों का कहना है कि जब से ये खबरें आ रही हैं कि आप के कई और विधायक भी फर्जी डिग्री लेकर बैठे हुए हैं, तब से पार्टी बेहद परेशान है। किसी को कुछ समझ न रहा कि किस तरह से हालातों से मुकाबला किया जा सकता है।
काम करने की कोशिश
दिल्ली सचिवालय के एक सूत्र ने बताया कि तोमर केस के बाद अब दिल्ली सरकार के सारे मंत्री सुबह ही दफ्तर आकर काम करने लगते हैं। पहले तो वे जब चाहते थे, दफ्तर में दस्तक देते हैं। अब लगता ये है कि उन्हें समझ आ रहा है कि अब काम किए बगैर उनका दिल्ली में रहना मुश्किल हो जाएगा।
दाल में काला
जानकार कह रहे हैं कि आप के सारे नेता जिस तरह से चुप से हो गए हैं, उसे संदेश जा रहा है कि दाल में कुछ काला है। वर्ना तो आप के नेता बिना बोले और दूसरों को जलील दिए रह ही नहीं पाते हैं।