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कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के लिए लड़ाई का मुद्दा क्यों हैं

हालांकि भारत ने मूल रूप से इस विचार का समर्थन किया था, लेकिन बाद में कहा कि यह ज़रूरी नहीं है क्योंकि भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव भारत में इसके विलय का समर्थन करते हैं.

लेकिन पाकिस्तान इससे सहमत नहीं है. उसका कहना है कि क्षेत्र के बहुत से लोग यह नहीं चाहते हैं कि वहां भारत का शासन हो. वो आज़ाद होना चाहते हैं या फिर पाकिस्तान में मिलना चाहते हैं.

By BBC News हिन्दी
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कश्मीर
Getty Images
कश्मीर

दुनिया के सबसे अधिक सैन्यकृत इलाक़ों में से एक है कश्मीर. पिछले सप्ताह पुलवामा ज़िले में भारतीय सैनिकों पर हुए हमले के बाद अब तक यहां कई जानें जा चुकी हैं.

एक के बाद एक विस्फोट और सशस्त्र संघर्ष इन मौतों का कारण है. इस हिंसा ने क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है.

मौजूदा दशक में इस क्षेत्र में अब तक की सबसे अधिक मौतों के मामले में यह आंकड़ा सबसे ऊपर है. साल 2018 में 500 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें आम नागरिक, सुरक्षाबल और चरमपंथी शामिल थे.

हालात इतना ख़तरनाक क्यों है?

आज़ादी के बाद से ही कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का विषय रहा है. भारत प्रशासित कश्मीर और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के अलावा इसके एक हिस्से पर चीन का भी नियंत्रण है.

पिछले हफ्ते एक आत्मघाती हमले में 40 भारतीय जवानों की मौत ने भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंध की उम्मीदों पर फिलहाल पानी फेर दिया है.

भारत पाकिस्तान सीमा
AFP/Getty Images
भारत पाकिस्तान सीमा

भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान स्थित चरमपंथी समूह जैश-ए-मोहम्मद को दोषी ठहराया है, जिसके बाद पूरे देश में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और गुस्साए लोग कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों को निशाना बना रहे हैं. हमले के बाद भारत प्रशासित कश्मीर में एक हफ्ते के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है.

पाकिस्तान ने हमले में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के एक बयान में यहां तक कहा कि "ऐसा सुनने में आ रहा है कि पाकिस्तान से बदला लेना चाहिए इसलिए हमला किया जाए. अगर आप समझते हैं कि पाकिस्तान पर हमला करेंगे तो पाकिस्तान इसका जवाब देगा."

भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु संपन्न देश हैं. अगर दोनों देशों के बीच टकराव होता है तो इसका परिणाम बुरा होगा.

कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का खामियाजा मुख्य रूप से वहां के स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है. सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, देश के अलग-अलग हिस्सों में भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है.

कश्मीर
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कश्मीर

चरमपंथी गतिविधियों के लिए उपजाऊ मैदान

दोनों देशों के बीच 1947 और 1965 में युद्ध हो चुके हैं- कई सशस्त्र अभियान, सेना और आम नागरिकों पर अनगिनत हमलों को अंजाम दिया जा चुका है.

इन वजहों से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती है.

नतीजतन, आज क्षेत्र की अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में है, बेरोजगारी अधिक है और राजनीतिक अस्थिरता ज़्यादा है.

ब्रिटिश सांसद और कश्मीर पर नज़र रखने वाले लॉर्ड नज़ीर अहमद के मुताबिक कश्मीर चरमपंथी गतिविधियों के लिए एक उपजाऊ मैदान बन गया है.

लॉर्ड अहमद जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि कश्मीर में संघर्ष की अनदेखी से अफ़ग़ानिस्तान के आसपास के इलाक़ों में कथित इस्लामिक स्टेट और तालिबान जैसे समूहों को रोकना मुश्किल हो जाएगा.

कश्मीर
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कश्मीर का इतिहास

1947 में देश के बंटवारे के वक़्त कश्मीर किसके साथ जाएगा, इस पर काफी मंथन हुआ था. कश्मीर के महाराज दोनों में से एक देश को चुनने में मुश्किलों का सामना कर रहे थे.

उन्होंने अंततः भारत को चुना और इस फ़ैसले के बाद दुनिया के नए बने इन दोनों देशों के बीच दो साल तक युद्ध हुआ.

युद्धविराम पर सहमत होने के बाद पाकिस्तान ने अपने सैनिकों को निकालने से इनकार कर दिया और कश्मीर दो भागों में विभाजित हो गया.

1950 के दशक में जब भारत और पाकिस्तान विषम परिस्थितियों में थे, चीन ने पूर्वी कश्मीर पर धीरे-धीरे नियंत्रण कर लिया. इस इलाके को अक्साई चीन कहा जाता है.

भारत और पाकिस्तान के बीच दूसरा युद्ध 1965 में हुआ था. 1980 और 1990 के दशक के बीच भारतीय शासन के ख़िलाफ़ यहां विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हुआ और क्षेत्र में पाकिस्तान समर्थित चरमपंथी समूह बढ़ने लगे.

1999 में भारत ने पाकिस्तान समर्थित सैन्य ताकतों के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी. उस समय तक दोनों देशों ने खुद को परमाणु शक्ति घोषित कर दिया था.

जब से यहां हिंसा का दौर शुरू हुआ है, हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं.

कश्मीर
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कश्मीर

कश्मीर पर जनमतसंग्रह

1950 के दशक में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि क्षेत्र के मतदाताओं के विचारों को जानने के लिए कश्मीर में एक जनमत संग्रह करवाना चाहिए.

हालांकि भारत ने मूल रूप से इस विचार का समर्थन किया था, लेकिन बाद में कहा कि यह ज़रूरी नहीं है क्योंकि भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव भारत में इसके विलय का समर्थन करते हैं.

लेकिन पाकिस्तान इससे सहमत नहीं है. उसका कहना है कि क्षेत्र के बहुत से लोग यह नहीं चाहते हैं कि वहां भारत का शासन हो. वो आज़ाद होना चाहते हैं या फिर पाकिस्तान में मिलना चाहते हैं.

भारत प्रशासित कश्मीर में मुसलमानों की आबादी 60 फीसदी से अधिक है. यह भारत का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं.

BBC Hindi
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English summary
Why Kashmir is the issue of war for India and Pakistan
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