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इस्लामिक राष्ट्र पाक को इस्लामिक देशों ने क्यों दिखाया ठेंगा?

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बंगलुरु। जम्मू कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किये जाने के बाद पाकिस्तान हताश हो चुका है। भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध समाप्त करने से पहले उसने सोचा नहीं था कि वो अकेला पड़ जाएगा। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ मदद के लिए पड़ोसी देशों समेत यूनाइटेड स्टेट्स से गुहार लगाई, लेकिन हर तरफ निराशा ही हाथ लगी है। इनमें यूएई, सऊदी अरब, मालदीव और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देश भी शामिल हैं। आखिर ऐसा क्या है जो पाकिस्तान को कोई मदद नहीं करना चाहता है?

imran khan

आतंकवाद के खिलाफ में विफल रहा पाकिस्तान
वर्तमान में दुनिया जिन समस्याओं का समाना कर रही है, उसमें सबसे अहम समस्या आतंकवाद है। ऐसे में भारत ही नहीं अधिकांश देश आतंकवाद को अब जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते हैं। आतंकवाद को भारत और अफगानिस्तान जैसे देशों के खिलाफ स्टेट पॉलिसी की तरह इस्तेमाल करते आ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही खस्ताहाल है और ऊपर से उस पर फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कार्रवाई का संकट मंडरा रहा है। FATF ने पाक को आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए 27 कदम उठाने को कहा था लेकिन पाकिस्तान ने इसके आधे पर ही कदम उठाये वो भी मात्र दिखावा ही था।
उम्मीद जतायी जा रही है कि FATF उसे अपनी बैठक के बाद ब्लैकलिस्ट कर सकता है। मालूम हो कि अंतराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ की आगामी बैठक अक्टूबर में है इसने पिछले साल ही आतंकवाद पर लगाम लगाने और आतंकी संगठनों को धन देने से रोकने के उपाय करने का आदेश दिया था।

FATF का भारत देश भी सदस्य है। भारत समेत इसमें शामिल कुल 39 देश हैं। सभी सदस्य देशों को पता है कि ग्लोबल लान्ड्रिंगऔर आतंकियों को वित्तीय पोषण को रोकने के 27 मानकों की इस समीक्षा में अधिकतर मानकों में पाकिस्तान असफल साबित होगा। गौरतलब है कि FATF ने पाकिस्तान को पिछले साल निगरानी सूची (ग्रे) में डाला था।

बता दें कि पाकिस्तान अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए आतंकवाद को सहारा देने वाले देशों पर लगाम लगायी जा रही है। जिसमें आतंकवाद के वित्त पोषण की पहचान कर उसे रोकने और अवैध मुद्रा पर काबू पाने को कहा गया है। अगर पाकिस्तान इसे पूरा करने में नाकाम रहता है तो उसे ईरान और उत्तर कोरिया की तरह ही पाकिस्तान को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। इसलिए पाकिस्तान एफएटीएफ के अन्य सदस्य देशों चीन, मलयेशिया और तुर्की का समर्थन जुटाने की कोशिश में है, ताकि उसे ब्लैकलिस्ट होने से बचाया जा सके।

बता दें, एसएटीएफ सदस्यों की आम सहमति पर किसी भी देश को ब्लैकलिस्ट करता है। वहीं, जून में पाकिस्तान की समीक्षा के बाद एफएटीएफ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि वह जनवरी से मई के बीच की कार्ययोजना को दिए गए समय में पूरा करने में नाकाम रहा है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादियों या उनके सहयोगियों के रूप में नामित लगभग 1,300 लोगों पर प्रतिबंध लगाने के लिए बाध्य है।

भारत की तुलना में 9 गुना छोटी है पाक अर्थव्यवस्था
भारत की तुलना में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का आकार 9 गुना छोटा है। इसके अलावा पाकिस्तान चीन और सऊदी का दो, दो करोड़ का कर्जदार है। कंगाल हो चुके पाकिस्तान की अभी अपना कर्ज चुकाना ही बड़ी समस्या है। इसके अलावा भारत की अर्थव्यवस्था का आकार पाक से 9 गुना बड़ा है और इस्लामिक देशों के अलावा कई अन्य देशों का भारत के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध है।
अंतराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) 2018 के अनुसार भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 2.71 करोड़ अमेरिकी डॉलर है। इसके मुताबिक भारत दुनिया की सातर्वी बड़ी अर्थव्यवस्था है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान पर वर्तमान में 105 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज है।

कंगाल पाकिस्तान को संकट के काले बादलों ने घेरा
लंबे अरसे से पाकिस्तान की आर्थिक हालत खस्ताहाल थी और 370 के फैसले के बाद बौखलाहट में भारत से व्यापारिक संबंध समाप्त करने के बाद उसने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाक में रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे है। मंहगाई चरम पर है जिस कारण आमजन का जीना मुहाल हो चुका है। भारत से तनाव वजह से पाकिस्तान का शेयर बाजार भी औंधे मुंह गिर गया है। सिर्फ दो दिनों में ही कराची स्टॉक एक्सचेंज में करीब 1,500 अंकों की गिरावट आयी।

स्टॉक एक्सचेंट में गिरावट के चलते निवेशकोंं के 7,400 करोड़ पाकिस्तानी रुपये डूब गए हैं, जो पिछले 5 वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट है। बता दें भारत की कुल आयात और निर्यात 844 अरब डॉलर हैं, जिसमें पाकिस्तान से आयात 0.50 अरब डॉलर है जबकि पाकिस्तान को निर्यात करोबार 2.06 अरब डॉलर है। भारत के साथ रोजगार बंद करने के बाद से पाकिस्तान और मंहगाई की मार से जूझ रहा है, क्योंक‍ि रोजमर्रा की वस्तुएं पाक भारत से आयात करता था।

मालूम हो, पाक का सरकारी खजाना भी खाली हो चुका है। खजाने में जो भी विदेशी पूंजी बची हुई है उससे वह केवल अगले दो माह तक निर्यात कर सकता है। समाप्त होते ही उसे भुगतान संकट पैदा हो सकता है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि पाकिस्तान को काली सूची में डाल दिया जाएगा। जिसके बाद उसे जो विश्व स्तर पर आर्थिक मदद मिल रही है वह भी नहीं मिलेगी। गौरतलब है कि पाकिस्तान को अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कुल 6 अरब डॉलर मिलते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि काली सूची में पाक का नाम दर्ज हो जाने के बाद उसे जो कर्ज दूसरे देशों से मिल रहा है उससे भी उसे हाथ धोना पड़ेगा।

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English summary
countries for help against India.Neighboring countries like UAE, Saudi Arabia, Maldives and Bangladesh all disappointment Pakistan.
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