मुंबई में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की प्रतिमा लगाने का क्यों हो रहा है विरोध ?
नई दिल्ली- रविवार को बीएमसी (BMC) ने दक्षिणी मुंबई (South Mumbai) के कोलाबा (Colaba)में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे (Shiv Sena founder Bal Thackeray) की प्रतिमा स्थापित की है। गौरतलब है कि गेटवे ऑफ इंडिया ( Gateway of India) के पास कोलाबा का इलाका मुंबई के सबसे पॉश जगहों में शामिल है। बीएमसी ने सत्ताधारी शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की यह प्रतिमा महात्मा गांधी रोड पर स्थित व्यस्तम श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक पर स्थापित की है। हालांकि, जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) इसका अनावरण 23 जनवरी को करने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही स्थानीय निवासियों ने इस जगह पर ठाकरे की प्रतिमा लगाए जाने का विरोध शुरू कर दिया है। फिलहाल, यह प्रतिमा ढंकी हुई है और शिवसेना शासित बीएमसी से संकेत मिल रहे हैं कि वह अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक इसका अनावरण करवा कर रहेगी।
कोलाबा में बाल ठाकरे की प्रतिमा लगाने का विरोध
महाराष्ट्र (Maharashtra) में अभी शिवसेना (Shiv Sena) की अगुवाई में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)की सरकार है। लिहाजा इस सत्ताधारी दल के संस्थापक बाल ठाकरे (Bal Thackeray) की प्रतिमा और वह भी मुंबई के महत्वपूर्ण स्थान पर लगाए जाने के लिए इससे बेहतर समय पार्टी के लिए कोई नहीं हो सकता। लेकिन,मुंबई मिरर के मुताबिक स्थानीय निवासी 2013 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर इसकी स्थापना का विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के मुताबिक सार्वजनिक सड़कों (Public roads) पर कोई भी प्रतिमा नहीं स्थापित की जा सकती। इस विरोध के बारे में अपली मुंबई नाम के के एक एनजीओ (NGO) के प्रेसिडेंट वाइस एडमिरल (रिटायर्ड) आईसी राव ने बताया है स्थानीय निवासियों ने 2019 के दिसंबर में भी इसका विरोध किया था। वो कहते हैं, '2013 का सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश है कि सार्वजनिक सड़कों पर कोई भी मूर्ति नहीं लगाई जा सकती। इससे पैदल चलने वालों की सुरक्षा तो प्रभावित होगी ही और जब मूर्ति पर माल्यार्पण का कोई कार्यक्रम होगा तो सड़कें बंद हो जाएंगी। हमारा मामला सुरक्षा से जुड़ा है ना कि राजनीतिक। सैकड़ों लोग सेल्फी लेने लगेंगे और ट्रैफिक की समस्या खड़ी हो जाएगी। ट्रैफिक आइलैंड पर कोई जगह नहीं बचेगी। '
विरोध राजनीतिक है- शिवसेना
मुंबई के कलेक्टर (सिटी) राजीव निवात्कर ने कहा है कि वह इस मामले में और जानकारी जुटाएंगे। लेकिन, सिविक स्टैंडिंग कमिटी के चीफ और शिवसेना के कॉर्पोरेटर यशवंत जाधव ने हर हाल में तय कार्यक्रम के मुताबिक आगे बढ़ने का संकेत दिया है। उनका कहना है, 'बालासाहेब ठाकरे का मुंबई के लिए किए गए त्याग अनोखा है। इसलिए सब कोई उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहता है। पहले जो जगह चुनी गई थी, वह बहुत छोटी थी। मौजूदा स्थान में बहुत ज्यादा जगह है,जहां लोग जाकर बालासाहेब को श्रद्धांजलि दे सकते हैं। सभी जरूरी मंजूरी ले ली गई है। कोई भी मुंबई वाला बालासाहेब की प्रतिमा का विरोध नहीं करेगा। जो इसका विरोध कर रहे हैं, उसके पीछे उनका राजनीतिक इरादा है।'
कोर्ट के किसी आदेश का उल्लंघन ना हो-बीजेपी
बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि मुंबई हेरिटेज कंजर्वेशन कमिटी और दूसरी संस्थाओं से मंजूरी ली जा चुकी है। लेकिन,जब इसके बारे में एडिश्नल म्युनिसिपल कमिश्नर संजीव जायसवाल से पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं कोलोबा के भाजपा (BJP) पार्षद मार्कंड नारवेकर ने कहा है कि प्रतिमा नियमों के मुताबिक स्थापित की जानी चाहिए और कोर्ट के किसी भी आदेश का उल्लंघन बिल्कुल नहीं होना चाहिए। सवाल है कि अब इस प्रतिमा के अनावरण में बहुत ही कम समय रह गया है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि अगर वाकई सुप्रीम कोर्ट का ऐसा कोई आदेश है तो उसका पालन होता है या फिर शिवसेना शासित बीएमसी अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक इसका अनावरण कराती है।