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जम्मू कश्मीर में क्यों मची है खलबली?

भारत प्रशासित कश्मीर में बीते कई घंटों से हलचल बहुत ज़्यादा बढ़ गई है. सरकार ने घाटी में चरमपंथी हमला होने की आशंका जताई और अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को वापस लौटने की सलाह दी. सरकार ने यात्रियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की अवधि को छोटा कर जल्दी से जल्दी घाटी छोड़ने की कोशिश करें.

By BBC News हिन्दी
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AFP

भारत प्रशासित कश्मीर में बीते कई घंटों से हलचल बहुत ज़्यादा बढ़ गई है. इसकी शुरुआत शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जारी एक सुरक्षा संबंधी सूचना के साथ हुई.

सरकार ने घाटी में चरमपंथी हमला होने की आशंका जताई और अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को वापस लौटने की सलाह दी.

सरकार ने यात्रियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की अवधि को छोटा कर जल्दी से जल्दी घाटी छोड़ने की कोशिश करें.

सरकार की ओर से जारी इस सूचना के बाद कई तरह की आशंकाओं का बाज़ार गर्म हो गया.

महबूबा की आपात बैठक

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने शुक्रवार रात अपने निवास स्थान पर एक आपात बैठक बुलाई.

इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के अन्य क्षेत्रीय दलों के नेता शामिल हुए. जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन और पीपल्स मूवमेंट के शाह फ़ैसल शामिल हैं.

बैठक के बाद महबूबा मुफ़्ती ने बताया कि उन्होंने घाटी के हालात के बारे में चर्चा की है.

इसके बाद इन सभी नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मुलाक़ात की. उन्होंने राज्यपाल से घाटी में फैली अव्यवस्था और अफ़वाहों को रोकने की अपील की.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने इस घटनाक्रम पर कहा है कि राज्य में हालात सामान्य हैं.

सत्यपाल मलिक ने कहा है, ''सुरक्षा संबंधी सूचना और दूसरे मुद्दों को एक साथ मिला दिया गया है, जिस वजह से कई तरह की अफ़वाहों ने जन्म ले लिया है. मैंने तमाम राजनेताओं से अपील की है कि वे अपने समर्थकों से इन दो अलग-अलग मुद्दों को मिलाने ना दें. साथ ही किसी तरह की अफ़वाहों पर ध्यान न दें.''

डर का माहौल

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने ट्वीट कर सवाल उठाया कि पूरे राज्य में दहशत का माहौल क्यों बनाया जा रहा है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''गुलमर्ग में ठहरे दोस्तों को वहां से हटाया जा रहा है. लोगों को पहलगाम और गुलमर्ग से निकालने के लिए राज्य की बसें लगाई जा रही हैं. अगर यात्रा को लेकर ख़तरा है तो गुलमर्ग ख़ाली क्यों कराया जा रहा है?''

वहीं श्रीनगर के मेयर जुनैद अज़ीम मट्टु ने ट्वीट कर लिखा है, ''आज जारी की गई सुरक्षा संबंधी सूचना के बाद घाटी में इस साल का पर्यटन पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा. मुझे नहीं पता क्या चल रहा है. लेकिन इतना पता है कि यहां की जनता की कोई अहमियत नहीं समझी जा रही है.''

भारत प्रशासित कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर बसीर अहमद ख़ान ने कहा है कि कहीं भी कर्फ्यू नहीं लगाया गया है. उन्होंने कहा है, ''कहीं भी कर्फ्यू लगाने के आदेश नहीं दिए गए हैं. कल स्कूल बंद नहीं रहेंगे. इलाक़े में शांति बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा संबंधी सूचना जारी की थी क्योंकि उन्हें ख़ुफ़िया विभाग से कुछ जानकारियां मिली थीं.''

इस बीच एयर इंडिया ने घोषणा की है कि ताज़ा हालात को देखते हुए वह 15 अगस्त तक श्रीनगर से आने जाने वाले पर्यटकों के टिकटों की रीशेड्यूलिंग या रद्द करने का पूरा शुल्क माफ़ करेंगे.

इतना ही नहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पठानकोट ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि अमरनाथ यात्रा से आने वाले यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए तैयारियां करें.

ट्विटर पर #OperationKashmir, #KashmirIssue और #AmarnathYatra टॉप ट्रेंड बने हुए हैं.

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English summary
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