'आज के शिवाजी- नरेंद्र मोदी' नाम की किताब पर क्यों है विवाद
'आज के शिवाजी- नरेंद्र मोदी'. यह नाम है जय भगवान गोयल की किताब का. किताब कितने लोगों ने पढ़ी और इसकी कितनी प्रतियां बिकीं, ये बता पाना मुश्किल है लेकिन यह स्पष्ट है कि किताब ने विवाद अच्छा-खासा खड़ा कर दिया है. हालांकि बीजेपी भरसक कोशिश कर रही है कि वो इस विवाद से ख़ुद को अलग ही रखे. बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रमुख संजय मयूख ने कहा, "यह लेखक की निजी किताब है.
'आज के शिवाजी- नरेंद्र मोदी'. यह नाम है जय भगवान गोयल की किताब का.
किताब कितने लोगों ने पढ़ी और इसकी कितनी प्रतियां बिकीं, ये बता पाना मुश्किल है लेकिन यह स्पष्ट है कि किताब ने विवाद अच्छा-खासा खड़ा कर दिया है.
हालांकि बीजेपी भरसक कोशिश कर रही है कि वो इस विवाद से ख़ुद को अलग ही रखे.
बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रमुख संजय मयूख ने कहा, "यह लेखक की निजी किताब है. इसका बीजेपी से कोई लेना-देना नहीं है."
BJP National Media Co-Head @drsanjaymayukh on Chhatrapati Shivaji Maharaj’s book issue...@BJP4India pic.twitter.com/bG8ggmWaeD
— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) January 13, 2020
किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से की गई है जिसे लेकर विपक्ष बीजेपी की आलोचना कर रहा है.
इस पुस्तक को जय भगवान गोयल ने लिखा है.
किताब के बारे में लेखक ने क्या कहा?
जय भगवान गोयल ने अपनी किताब के बारे में कहा "जिस तरह शिवाजी महाराज मुगलों के काल में अपने स्वाभिमान को बनाए रखते हुए काम करते थे, 70 साल में पहली बार ऐसा कोई प्रधानमंत्री आया है जो उसी तरह काम कर रहे हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस किताब के बारे में सोचा."
किताब को लेकर हो रहे विवाद पर गोयल ने कहा कि इस देश में हर किसी को अपनी बात और अपनी भावना को अभिव्यक्त करने का अधिकार है. ऐसे में इस तरह के विवाद क्यों खड़ा करना.
गोयल कहते हैं कि इस किताब के माध्यम से वो शिवाजी के सम्मान को कहीं से भी कम नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जो लोग इस पुस्तक का विरोध कर रहे हैं उन्हें पहले ये पुस्तक पढ़ लेनी चाहिए और उसके बाद ही प्रतिक्रिया देनी चाहिए.
विपक्ष ने जताई नाराज़गी
रविवार को दिल्ली में भाजपा कार्यालय में एक धार्मिक, सांस्कृतिक सभा का आयोजन किया गया था. बैठक में भाजपा दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, पूर्व सांसद महेश गिरी उपस्थित थे.
बीजेपी नेता शिवेंद्रराजे भोंसले ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "किसी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज या संभाजी महाराज से नहीं की जा सकती."
काजवे सूर्य नसतात .... pic.twitter.com/p3JLO6ULi5
— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) January 12, 2020
महाराष्ट्र राज्य के गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने कहा, "अगर मैं खुद की तुलना अमिताभ से करूंगा, तो यह कैसा लगेगा? मोदी को खुद को आईने में देखना चाहिए."
अव्हाड ने आगे कहा "आज, मोदी भक्तों ने कुछ नहीं किया है बल्कि बेशर्मी की सभी सीमाएं पार की हैं. शिवाजी महाराज जैसा दुनिया में दूसरा कोई नहीं हो सकता हैं."
भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "मोदी जानते हैं कि वह शिवाजी महाराज की तुलना में कहां हैं इसलिए इस पुस्तक को वापस लिया जाना चाहिए. इस पुस्तक में कहने के लिए कुछ भी नहीं है. मोदी को स्वयं प्रतिक्रिया देनी चाहिए. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. ''
पुस्तक पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए - छगन भुजबल
"छत्रपति शिवाजी महाराज और नरेंद्र मोदी की तुलना कभी नहीं की जा सकती है. आज जिस तरह से नरेंद्र मोदी एक धर्म के ख़िलाफ़ कानून बना रहे हैं, उसे देखते हुए उनकी तुलना किसी सूरत में नहीं की जा सकती."
एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि जो कोई भी शिवाजी से प्यार करता होगा उसका नाराज़ होना जायज़ है.
सातारा गादीचे वारसदार श्रीमंत ऊदयन राजे श्रीमंत शिवेंद्रराजे कोल्हापूरचे छत्रपती संभाजी राजे यांना हे मान्य आहे का?
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 12, 2020
शिवरायांचया वंशजांनो बोला..
काहीतरी बोला.. pic.twitter.com/FVZEOIkn8v
शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "यह कौन हैं जिसने आज भाजपा के कार्यालय में इस महान पुस्तक का विमोचन किया है?"
जयभगवान गोयल पहले शिवसेना में थे. महाराष्ट्र सदन पर हमला करने पर उन्हें शिवसेना से निकाल दिया गया था.
जलसंसाधन और क्षेत्र विकास मंत्री जयंत पाटिल ने भी ट्वीट कर अपना विरोध दर्ज कराया है.
छत्रपती शिवाजी महाराजांनी सर्व धर्मियांना स्वराज्यात सामावून घेतले,शेतकऱ्यांच्या पिकालाही धक्का लागू दिला नाही, गोरगरिबांना आधार दिला,जनतेसाठी आपल्या प्राणाचीही पर्वा केली नाही.सह्याद्रीऐवढ्या माझ्या राजाची तुलना कोणाशीच होऊ शकत नाही. हे लक्षात ठेवा, नाहीतर गाठ महाराष्ट्राशी आहे. pic.twitter.com/b1nUsjShhb
— Jayant Patil (@Jayant_R_Patil) January 12, 2020
उन्होंने लिखा, "छत्रपति शिवाजी महाराज सभी धर्मों को साथ लेकर चलने वाले थे. उन्होंने किसानों पर कोई कर्ज़ नहीं लगाया. ग़रीबों का समर्थन किया और जनता के लिए अपने जीवन की भी परवाह नहीं की.
राज्य मंत्री बच्चू कडू ने कहा है कि शिवाजी महाराज की तुलना नरेंद्र मोदी से नहीं की जा सकती.
उन्होंने कहा, "ऐसी पुस्तक प्रकाशित करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए. इस तरह की तुलना करना बेहद ग़लत है."