लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की विपक्ष क्यों कर रहा है तारीफ
नई दिल्ली- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला अपने स्वभाव की वजह से सांसदों की बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं। मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल में उनकी कोशिश यही रही है कि विपक्षी सदस्यों को वह कभी भी पक्षपात का आरोप लगाने का मौका ना दें। वह कई बार सख्ती भी करते नजर आते हैं तो उसकी वजह यही होती है कि वह सदन को ठीक तरीके से संचालित करना चाहते हैं। यही वजह है कि कई बार विपक्षी सदस्य भी उनकी खूब सराहना करते नजर आते हैं। मानसून सत्र में यह मौका फिर से देखने को मिल रहा है, जब विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष के प्रति आभार जताते हुए थक नहीं रहा है।
विपक्ष ने स्पीकर के सम्मान में पढ़े कसीदे
देश ने रविवार को राज्यसभा में कुछ सांसदों की अमर्यादित हरकत देखी है। वहां बात इतनी बिगड़ गई की सदन की मर्यादा बचाने के लिए सभापति को 8 सांसदों को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित करना पड़ा है। जबकि, वह उच्च सदन है। अपेक्षा की जाती है कि वहां पर पहुंचने वाले सांसदों का व्यवहार ज्यादा मर्यादित होगा। लेकिन, राज्यसभा में जो चीजें नहीं देखने को मिल रही हैं, वह स्पीकर ओम बिड़ला के कार्यकाल में लोकसभा में देखा जाने लगा है। रविवार को एक तरफ राज्यसभा में हुए बवाल के बाद विपक्ष उपसभापति हरिवंश के खिलाफ मोर्चा खोले हुए था तो दूसरी तरफ लोकसभा में विपक्षी सदस्य आश्चर्यजनक तौर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे थे। सबसे दिलचस्प बात ये है कि यह मामला भी राज्यसभा में हुए हंगामें से ही जुड़ा हुआ है।
आपका प्रयास सदन के इतिहास में दर्ज होगा- अधीर रंजन
असल में रविवार को राज्यसभा में कुछ विपक्षी सदस्य सदन की कार्यवाही के बाद भी धरने पर बैठे हुए थे। इसकी वजह से लोकसभा के उन सदस्यों के लिए सदन की कार्यवाही में शामिल होना मुश्किल होता, जिन्हें कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत बैठने के लिए राज्यसभा के सदन में सीट आवंटित की गई थी। इस पर कई सदस्यों ने स्पीकर से सदन स्थगित करने की मांग की और स्पीकर ने उनकी मांग फौरन मान ली। इस पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'आप हमारी मांग खारिज कर सकते थे। लेकिन, आपने उसे मानकर विपक्ष के प्रति अपना सम्मान और सदन में सबको साथ लेकर चलने का प्रयास दिखाया है। यह सदन के इतिहास में दर्ज किया जाएगा। ' गौरतलब है कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत अभी दोनों सदनों की कार्यवाही बारी-बारी से होती है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए दोनों सदनों में दोनों सदनों के सांसदों को बिठाया जाता है।
विपक्ष के कहने पर सदन की कार्यवाही रोकी
दरअसल, ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही को एक घंटे यानी 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था, क्योंकि राज्यसभा के कुछ सांसदों के धरने की वजह से सभी सांसदों के बैठने के लिए सीटें उपलब्ध नहीं हो पाती। जबकि, कृषि विधेयक पास होने के बाद ऊपरी सदन की कार्यवाही करीब 1.30 बजे ही स्थगित हो चुकी थी। जब लोकसभा की कार्यवाही 3 बजे शुरू हुई तो अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर से कहा कि राज्यसभा में सहमति बनने तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दें। शुरू में स्पीकर ने कहा कि वह तब कार्यवाही रोकेंगे, जब लोकसभा के दोनों चैंबर और गैलरी भर जाएंगे। लेकिन, जब अधीर रंजन ने उनसे इसके लिए गुजारिश की तो उन्होंने सदन को 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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अपने व्यवहार से लोकप्रिय स्पीकर बन चुके हैं ओम बिड़ला
इससे दो दिन पहले ही ओम बिड़ला ने तब भी सभी सदस्यों को साथ लेकर सदन चलाने की पहल की थी, जब वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर की एक विवादित टिप्पणी पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही कई बार रोकनी पड़ गई। जब मामला शांत हुआ और सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो बिड़ला ने कहा कि "सभी माननीय सदस्यों से आग्रह करता हूं कि हम सभी अपने तथ्यों को रखें, चर्चा करें, वाद-विवाद करें, संवाद करें। लेकिन, बिना तथ्यों के आरोप-प्रत्यारोप की परिस्थिति से हमें बचना चाहिए।" उन्होंने यहां तक कहा कि "मेरे लिए हर सदस्य बराबर हैं और हर सदस्य का संरक्षण करना मेरा दायित्व है। इसलिए मैं कोई बात भी कहता हूं तो सदन को संचालित करने के लिए कहता हूं। किसी को पीड़ा पहुंची हो तो व्यक्तिगत रूप से मैं माफी चाहता हूं। मैं किसी को पीड़ा नहीं पहुंचाना चाहता।" अपने इसी व्यवहार की वजह से बिड़ला कई बार लोकसभा के लोकप्रिय स्पीकर बनते नजर आए हैं।
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