23 मई को नतीजे चाहे जो भी आएं, यहां की सरकार पर संकट आ सकता है
नई दिल्ली- पिछले कुछ महीनों में कर्नाटक (Karnataka) बीजेपी (BJP) की ओर से 23 मई के बाद राज्य की कांग्रेस (Congress)-जेडीएस (JDS) सरकार के गिरने की कई बार आशंका जताई गई है। बीजेपी की इस आशंका को कुछ कांग्रेसी विधायकों की ओर से सिद्दारमैया (Siddaramaiah) को दोबारा सीएम बनाने की इच्छा से भी जोड़कर देखा जा सकता है। लेकिन, जानकार मानते हैं कि बिना आग के धुआं नहीं उठ सकता और अगर लोकसभा चुनाव के परिणाम गठबंधन के पक्ष में नहीं रहे, तो प्रदेश में किसी बड़े सियासी उठापटक की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता।
गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं
न्यूज 18 की एक खबर के मुताबिक कांग्रेस के एक सूत्र ने माना है कि गठबंधन सरकार के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है। उसने कहा है, "इस गठबंधन से कोई खुश नहीं है- न कांग्रेस और न ही जेडीएस (JDS). लेकिन, वे इसमें इसलिए हैं, क्योंकि उनके नेता (राहुल एवं देवगौड़ा) हैं।" उसने भी 23 मई के बाद यह दोस्ती बरकरार रखने की संभावनाओं को लेकर अपनी आशंका जताई। दरअसल, अगर साउथ कर्नाटक (South Karnataka) में मौजूदा लोकसभा चुनावों में गठबंधन के उम्मीदवारों को झटका लगा, तो इनके पार्टी कार्यकर्ताओं में सहयोगी की ओर से छले जाने की भावना पैदा होने की बहुत ज्यादा आशंका है ।
कांग्रेस नेताओं की शिकायत
कांग्रेस के पदाधिकारियों की शिकायत है कि वो अपना काम करवा पाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। चाहे जनता का कोई काम हो या राशन कार्ड और जाति प्रमाण पत्र बनाने का काम। एक वरिष्ठ कांग्रेसी रणनीतिकार और विधायक ने बताया कि, "हमें कई ऐसे जिलों के बारे में पता है, जहां हमारे नेता प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं, हमारी सरकार होने के बावजूद वे कोई काम नहीं करा पा रहे हैं।" इन नेताओं को डर है कि कहीं इसके चलते उनके वोटर जेडीएस (JDS) की ओर न शिफ्ट कर जाएं, ताकि उनका काम आसानी से हो सके।
कांग्रेस-जेडीएस नेताओं में मतभेद
दरअसल, हाल के वक्त में जेडीएस (JDS) के प्रदेश अध्यक्ष एच विश्वनाथ (H Vishwanath) और कांग्रेस के पूर्व सीएम सिद्दारमैया (Siddaramaiah) के बीच के मतभेद और भी गहरे हुए हैं। खास बात ये है कि एच विश्वनाथ (H Vishwanath) गठबंधन के को-ऑर्डिनेशन कमिटी के अध्यक्ष भी हैं। वैसे, कार्यकर्ताओं की ओर से उनकी दोबारा जीत के लिए उतावलेपन को लेकर वे कहते हैं कि वे फैंस की इच्छा है, लेकिन अभी मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली कहां है। यानी कहीं न कहीं वो कार्यकर्ताओं की जज्बातों से नेतृत्व को भी अवगत करा रहे हैं।
अपने चक्कर में लगी है बीजेपी
तथ्य ये है कि 224 सीटों वाली कर्नाटक (Karnatak) विधानसभा में बीजेपी 104 सीटें जीतकर भी सत्ता से बाहर रहने को मजबूर है। उसे विपक्ष से सत्ता में आने के लिए सिर्फ 9 विधायकों की दरकार है। पिछले साल भर में वहां 'ऑपरेशन कमल' (Operation Kamala) की भी कई बार चर्चा उठ चुकी है। इसके तहत बीजेपी पर आरोप लगाए गए हैं कि वह विरोधी विधायकों को पार्टी से बगावत करने को कह रही है। इसकी एवज में उन्हें 'कमल' के सिंबल पर दोबारा चुनाव जिताने और मंत्री पद देने का प्रलोभन देने के भी आरोप लगते रहे हैं।
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बीजेपी नेता क्या संकेत दे रहे हैं?
पिछले 10 दिनों में राज्य बीजेपी के सभी बड़े नेता, पूर्व सीएम और प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदुरप्पा ( BS Yeddyurappa), पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार (Jagadish Shettar), पूर्व डिप्टी सीएम केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa ) और पार्टी महासचिव अरविंद लिंबावली (Arvind Limbavali) 23 मई के बाद सरकार गिर जाने की भविष्यवाणियां कर चुके हैं। अरविंद लिंबावली (Arvind Limbavali) तो दो कदम आगे बढ़कर रविवार को हो रहे दो विधानसभा उपचुनावों में ये तक कह चुके हैं, बीजेपी को वोट दें, ताकि पार्टी अपनी टैली बढ़ा सके। यही नहीं उन्होंने 19 मई के बाद विरोधियों के कुछ और विधायकों के भी इस्तीफे देकर फिर से उपचुनाव में जाने की बात कही है। जबकि, जगदीश शेट्टार (Jagadish Shettar) ने कहा है कि, 'सिद्दारमैया ने लटकती हुई सरकार में टाइम बम लगा दिया है। 23 मई को वो खुद ही उसका बटन दबा देंगे।' बीजेपी को उम्मीद है कि विधानसभा के दोनों उपचुनावों में उसकी जीत होगी और वह जादुई आंकड़े के और करीब पहुंच जाएगी।
और ताकतवर बनकर उभरेगा गठबंधन-कुमारस्वामी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) बीजेपी नेताओं की भविष्यवाणियों पर जोरदार प्रहार करते हैं। उनके मुताबिक, "अब वे (येदियुरप्पा) 23 मई की नई डेडलाइन बता रहे हैं। 23 मई के बाद गठबंधन पहले से भी मजबूत बनकर उभरेगा।"
देवगौड़ा ही सबसे बड़ी उम्मीद
जेडीएस (JDS) सूत्रों के मुताबिक जब तक पूर्व पीएम देवगौड़ा (HD Devegowda) की मौजूदगी है गठबंधन सरकार पर कोई खतरा नहीं आ सकता। उनको लगता है कि उन्हीं के नाम पर कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में बेंगलुरु में विपक्षी नेताओं को जमावड़ा लग गया। यही नहीं उन्हें उम्मीद है कि केंद्र में भी नई सरकार में एचडी देवगौड़ा(HD Devegowda) की बहुत बड़ी भूमिका रहने वाली है। इसलिए केंद्र से मोदी को हटाने के लिए राहुल गांधी भी अपने प्रदेश नेतृत्व को कुछ और महीने गठबंधन सरकार खींचने के लिए बाध्य कर सकते हैं। लेकिन, इतना तो तय है कि राज्य में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के बीच दरार गहरी हो रही है और अगर केंद्र में समीकरण सही नहीं बैठे तो कुमारस्वामी सरकार के भविष्य को लेकर कुछ भी गारंटी से कहना मुश्किल लग रहा है।
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