बार-बार बंगाल क्यों जा रहे हैं अमित शाह?
केंद्र और पश्चिम बंगाल के बीच तनातनी के बाद सोमवार को फ़िर से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्य का दौरा कर रहे हैं.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का सोमवार से तीन दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरा शुरू हो रहा है. अप्रैल में भी वह पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए थे इससे साफ़ है कि उनका कुछ अधिक ध्यान बंगाल पर है.
अगले साल की शुरुआत में ही राज्य में पंचायत चुनाव हैं और इस दौरे का मक़सद पंचायत चुनाव के लिए ज़मीनी रणनीति को अंतिम रूप देना है. इसलिए तीन दिन वह पश्चिम बंगाल में बिताएंगे और इस दौरान नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों का लंबा दौर होगा.
मंगलवार को अमित शाह उद्योगपतियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं. इसके अलावा वह पिछली बार की तरह इस बार भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इस दौरे का मुख्य मक़सद ग्रामीण इलाकों में पैठ बनाना बताया जा रहा है.
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बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा है
बीजेपी के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष कहते हैं कि वह पार्टी अध्यक्ष को एक विस्तारित रिपोर्ट पेश करेंगे कि कहां कैसे स्थानीय निकाय चुनावों में वोट बढ़ा है. बीजेपी निकाय चुनावों में नंबर दो पार्टी बनकर उभरी है. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस से उसका फ़ासला काफ़ी है लेकिन वामदलों और कांग्रेस के प्रदर्शन के मुकाबले बीजेपी का खासा अच्छा रहा है. इससे पार्टी में उत्साह है.
स्वामी विवेकानंद के शिकागो के धर्म सम्मेलन में दिए गए भाषण के 125 वर्ष पूरे होने पर 11 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण देने वाले हैं जिसका प्रसारण स्कूलों में किया जाएगा. इस मुद्दे को लेकर भी पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार में तनातनी हुई है.
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हालांकि, दोनों के बीच पहले भी खींचतान चलती रही है. स्वाधीनता दिवस मनाने का मामला हो या मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा स्कूल-कॉलेजों के लिए जारी किए गए सर्कुलर का मामला हो हर बार राज्य सरकार ने अलग सर्कुलर जारी कर उसका विरोध किया है.
तृणमूल कांग्रेस कहती रही है कि उसे देशभक्ति का पाठ किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं है. वह कहती है कि वह अपने हिसाब से करेगी उसे जो करना है. इस बार भी उसने केंद्र सरकार के सर्कुलर को ख़ारिज कर दिया है और वह अब अनिवार्य नहीं है. प्रधानमंत्री के भाषण को लाइव नहीं दिखाया जाएगा.
(बीबीसी संवाददाता आदर्श राठौर से बातचीत पर आधारित)