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करतारपुर साहिब: 'पासपोर्ट में छूट' के इमरान खान के झांसे में क्यों नहीं आया भारत?

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नई दिल्‍ली। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले दिनों भारत से करतारपुर साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक बड़ा ऐलान किया। उन्‍होंने कहा कि करतारपुर आने वाले तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी और इसकी जगह उन्‍हें सिर्फ एक वैध आईडी प्रूफ अपने साथ लाना होगा। जहां कुछ लोगों को यह ऐलान एक बड़ी राहत के जैसा नजर आया तो कई लोगों को लगा के अपने उनके लिए यहां जाना आसान हो सकता है। जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। अगर आपको करतारपुर साहिब जाना है तो आप पासपोर्ट के बिना नहीं जा पाएंगे। भारत की तरफ से करतारपुर साहिब जाने के लिए तीर्थयात्रियों को बिना पासपोर्ट के यात्रा करने का कोई विकल्‍प नहीं दिया है।

 बिना पासपोर्ट नंबर रजिस्‍ट्रेशन नामुमकिन

बिना पासपोर्ट नंबर रजिस्‍ट्रेशन नामुमकिन

पिछले दिनों गृह मंत्रालय की तरफ से तीर्थयात्रियों के ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन के लिए वेबसाइट लॉन्‍च की गई थी। https://prakashpurb550.mha.gov.in/kpr/ इस वेबसाइट पर जब कोई तीर्थयात्री अप्‍लाई ऑनलाइन वाले सेक्‍शन पर क्लिक करेगा तो पार्ट ए में जो सवाल हैं, वे सभी पासपोर्ट से ही जुड़े हुए हैं। पासपोर्ट नंबर, जारी होने और इसकी वैधता खत्‍म होने की तारीख जैसे सेक्‍शन में जानकारी देने के बाद ही तीर्थयात्री दूसरे सेक्‍शन की तरफ जा पाएंगे। यानी भले ही पाकिस्‍तान के पीएम इमरान यह कहकर अपनी पीठ थपथपा ले कि उन्‍होंने तीर्थयात्रियों को रियायत दे दी है, भारत में एजेंसियां कोई रिस्‍क नहीं लेना चाहती हैं। इंटेलीजेंस एजेंसी के सूत्र और रक्षा मामलों के विशेषज्ञ मानते हैं कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए इमरान के ऐलान को आईएसआई और आतंकी संगठन एक ऐसे मकसद के तौर पर देख रहे हैं जिसे अपने फायदे के लिए किसी भी पल भुनाया जा सकता है।

खालिस्‍तान आंदोलन को हवा दे रहा है पाक

खालिस्‍तान आंदोलन को हवा दे रहा है पाक

इंटेलीजेंस सूत्रों से जब इसका जवाब जानने की कोशिश की गई तो उनका कहना था कि पाकिस्‍तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। फरवरी में हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव का माहौल है। इस माहौल में पाक की निराशा उस समय और बढ़ गई जब पांच अगस्‍त को भारत ने जम्‍मू कश्‍मीर से आर्टिकल 370 हटाने का ऐलान किया। पाकिस्‍तान भड़का हुआ है और यह बात पिछले तीन माह में साफ हो चुकी है। दोनों देशों के तनाव के बाद भी पाक ने इस कॉरिडोर से पीछे हटने का कोई ऐलान नहीं किया जबकि उसने एयरस्‍पेस बंद करने से लेकर बॉलीवुड फिल्‍मों तक को बैन कर दिया था। सूत्रों की मानें तो पाकिस्‍तान इस समय खालिस्‍तान आंदोलन को जिंदा करने की कोशिशों में लगा हुआ है। पाक के रेल मंत्री की तरफ से ऐलान किया जा चुका है कि उद्घाटन में खालिस्‍तानी आएंगे और उनका स्‍वागत किया जाएगा। पंजाब में जिस कोशिश के बाद आतंकवाद पर लगाम लगाई गई थी अगर वह फिर से जिंदा हो गया तो इस बार हालात बहुत मुश्किल हो जाएंगे।

सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियां दोगुनी

सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियां दोगुनी

बिना पासपोर्ट के तीर्थयात्रियों का बॉर्डर पार करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौतियों का दोगुना होने जैसा है। जिस नारोवाल जिले में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा है वहां पर कई आतंकी कैंप चल रहे हैं। ऐसे में बिना पासपोर्ट के यात्रियों को जाने देना अपने लिए मुसीबत मोल लेने जैसा है। पासपोर्ट की वजह से किसी भी यात्री के लापता होने पर उसका रिकॉर्ड आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। जहां दूसरे आईडी प्रूफ के नकली होने की संभावनाएं ज्‍यादा होती हैं पासपोर्ट के न‍कली होने की आशंका बहुत कम या फिर न के बराबर होती है। पासपोर्ट एक अहम दस्‍तावेज है और इसलिए भारत ने बिना इस दस्‍तावेज के यात्रा करने का विकल्‍प तीर्थयात्रियों को नहीं दिया है। आईएसआई और पाकिस्‍तान आर्मी के हाथ से कश्‍मीर का मुद्दा निकल चुका है और अब करतारपुर कॉरिडोर ही उसके मकसद को पूरा करने का जरिया बन सकता है। एजेंसियां नहीं चाहती हैं कि पाकिस्‍तान इस नेक शुरुआत की आड़ में आतंकवाद के खेल को आगे बढ़ाने की कोशिश करे।

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English summary
Indian Pilgrims going to Kartarpur Sahib Corridor need passport despite Pakistan PM Imran Khan's announcement.
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