क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सऊदी-यूएई दौरे पर भारत ने सेना प्रमुख नरवणे को क्यों भेजा

मोदी सरकार ने इन दोनों देशों के दौरे के लिए एनएसए अजित डोभाल और सीडीएस जनरल रावत के बदले जनरल नरवणे को क्यों भेजा?

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
जनरल नरवणे
EPA
जनरल नरवणे

भारत के सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे मंगलवार को एक हफ़्ते के लिए संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के दौरे पर रवाना हुए. पश्चिम एशिया के इन दोनों देशों में भारत के किसी भी सेना प्रमुख का यह पहला दौरा है. कहा जा रहा है कि सेना प्रमुख के इस दौरे से यूएई और सऊदी के भारत से रक्षा संबंध और गहरे होंगे.

जनरल नरवणे का यह तीसरा विदेशी दौरा है. इससे पहले वो अक्टूबर में भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला के साथ म्यांमार गए थे और पिछले महीने ही नेपाल के दौरे से लौटे थे.

भारतीय सेना ने अपने बयान में इस दौरे को ऐतिहासिक कहा है. जनरल नरवणे दोनों देशों के सेना प्रमुखों और सेना के सीनियर अधिकारियों से मुलाक़ात करेंगे. उनका दौरा 14 दिसंबर को ख़त्म होगा.

9-10 दिसंबर को यूएई के दौरे के बाद वो सऊदी अरब जाएँगे.

वहाँ वो रॉयल सऊदी फोर्स के मुख्यालय, जॉइंट फोर्स कमांड मुख्यालय और किंग अब्दुलअज़ीज़ वॉर कॉलेज जाएंगे. इसके अलावा वो सऊदी के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी में छात्रों और अध्यापकों को संबोधित करेंगे.

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर 24 से 26 नवंबर के बीच बहरीन और यूएई के दौरे पर थे. मोदी सरकार ने पश्चिम एशिया को अपनी विदेश नीति में सबसे अहम जगह दी है.

'पाक-सऊदी के प्यार' में क्या मोदी ने खड़ी की दीवार?

मैं गांधी नहीं हूं: सऊदी के क्राउन प्रिंस

सऊदी अरब
Getty Images
सऊदी अरब

जनरल नरवणे का दौरा

भारत के सेना प्रमुख के इस दौरे को उस इलाक़े के मीडिया ने भी जगह दी है. अल जज़ीरा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ''चीन, अमेरिका और जापान के बाद सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है. इसके अलावा सऊदी से भारत सबसे ज़्यादा तेल भी आयात करता है. हाल के वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार ने यूएई के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया है.''

अल जज़ीरा से जनरल नरवणे के सऊदी और यूएई दौरे की अहमियत पर जेएनयू में इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफ़ेसर हैपीमोन जैकब ने कहा है कि भारत इन दोनों देशों के साथ रक्षा साझेदारी बढ़ाना चाहता है. उन्होंने कहा कि सीडीएस जनरल रावत या एनएसए अजित डोभाल को न भेजकर आर्मी चीफ़ को भेजना किसी पहेली से कम नहीं लगता.

खाड़ी के देशों में भारत के 85 लाख कामगार रहते हैं. केवल सऊदी अरब में ही 27 लाख से ज़्यादा भारतीय कामगार हैं जबकि यूएई की कुल आबादी के 30 फ़ीसदी लोग भारतीय हैं.

कौन हैं सउदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान?

किस करवट बैठेगा सऊदी और इसराइल का रोमांस?

हाल के वर्षों में यूएई और सऊदी अरब पाकिस्तान की तुलना में भारत के क़रीब आए हैं. दोनों देशों ने प्रधानमंत्री मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी दिया है. यूएई और सऊदी अरब दोनों मिलकर भारत के महाराष्ट्र में 42 अरब डॉलर के पेट्रोकेमिकल प्लांट बना रहे हैं. दोनों देशों को लगता है कि भारत ऊर्जा का सबसे बड़ा उपभोक्ता है.

यूएई और सऊदी कश्मीर के विशेष दर्जा ख़त्म करने को लेकर भी चुप रहे हैं जबकि पाकिस्तान का पूरा दबाव था कि दोनों देश कुछ बोलें. पिछले महीने यूएई ने कुल 13 देशों के नागरिकों को वर्क वीज़ा देना बंद कर दिया था. इन देशों में पाकिस्तान भी शामिल है.

मिडल ईस्ट आइ ने जनरल नरवणे के दौरे को प्रमुखता से जगह दी है. इसने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ''भारत के सेना प्रमुख का सऊदी और यूएई दौरा तब हो रहा है जब पाकिस्तान से दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही ख़राब दौर में हैं. पाकिस्तान सऊदी अरब का पारंपरिक सहयोगी रहा है. हाल ही में भारत ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओआईसी (ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन की आलोचना की थी. ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक के प्रस्ताव में कश्मीर का ज़िक्र किया गया था.''

सऊदी के क्राउन प्रिंस सलमान बहुत भोले हैं: ईरान

सऊदी अरब
Getty Images
सऊदी अरब

भारत की आपत्ति

सऊदी अरब ने अभी जी-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की थी. इसके उपलक्ष्य में उसने एक बैंकनोट जारी किया था जिस पर सदस्य देशों नक्शा था. उस नक्शे में भारत से कश्मीर को अलग दिखाया गया था. इसे लेकर भी भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कुछ महीने पहले ही कश्मीर पर ओआईसी की बैठक नहीं बुलाने के लिए सऊदी अरब की आलोचना की थी. इसके बाद से सऊदी ने पाकिस्तान से क़र्ज़ चुकाने की मांग की थी और दोनों देशों के संबंध पटरी से उतर गए थे. बाद में पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ जनरल क़मर जावेद बाजवा ने सऊदी अरब जाकर रिश्ते को सामान्य करने की कोशिश की थी.

मिडल ईस्ट आइ ने लिखा है कि बाजवा के इस दौरे में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान नहीं मिले थे. फ़रवरी 2018 में फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफ़एटीएफ़) की संदिग्ध सूची में शामिल किए जाने पर सऊदी ने वीटो नहीं किया. इस मामले में भी पाकिस्तान को झटका लगा था. सऊदी ने यमन में अपने नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन में पाकिस्तान से भी सैनिक भेजने का आग्रह किया था, लेकिन पाकिस्तान ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया था.

यूएई
Getty Images
यूएई

पीएम मोदी के लिए सऊदी अरब ख़ास

29 अक्टूबर 2019 को सऊदी दौरे पर गए पीएम मोदी ने अरब न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कहा था, ''पहली बार 2016 में मैं सऊदी अरब गया. इस दौरे में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में काफ़ी प्रगति हुई. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मेरी मुलाक़ात पाँच बार हुई है. क्राउन प्रिंस से पहले हुई गर्मजोशी भरी मुलाक़ातें मुझे याद हैं और इस दौरे में हम एक बार फिर से उसी जोश के साथ मिलने जा रहे हैं. मैं इसे लेकर आश्वस्त हूं कि किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध और मज़बूत होंगे.''

मोदी ने इस इंटरव्यू में कहा था, ''लगभग 27 लाख भारतीयों ने सऊदी अरब को अपना दूसरा घर बनाया है. यहां की प्रगति में ये भी अपना योगदान दे रहे हैं. बड़ी संख्या में भारतीय हर साल हज यात्रा पर और कारोबार को लेकर यहां आते हैं. मेरा इनके लिए संदेश है कि आपने सऊदी में जो जगह बनाई है उस पर भारत को गर्व है.''

''इनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण सऊदी में भारत का सम्मान बढ़ा है और इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मज़बूत होने में मदद मिली है. हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि सऊदी अरब से आपका संबंध इसी तरह आगे बढ़ता रहेगा.''

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Why India sent Army Chief Narwane on Saudi-UAE tour
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X