क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पाकिस्तान की भड़काऊ कार्रवाई के बावजूद, भारत की सधी प्रतिक्रिया के कूटनीतिक मायने

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। पांच अगस्‍त को जब से भारत ने जम्‍मू कश्‍मीर में लागू धारा 370को खत्‍म करने का फैसला किया है तब से ही पाकिस्‍तान बौखलाया हुआ है। उसने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो उसके लिए अहितकर हैं। अब भारत की तरफ से पहली बार पाकिस्‍तान के रुख पर आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी किया और पाक के कदमों पर अफसोस जाहिर किया है। भारत के रुख से साफ है कि वह पाकिस्‍तान की तरफ से लिए जा रहे फैसलों को ज्‍यादा तवज्‍जो नहीं दे रहा है। पाकिस्‍तान भी इस मसले पर अलग-थलग पड़ता नजर आ रहा है। अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय में उसे अमेरिका, ब्रिटेन के अलावा यूएई से भी कोई मदद नहीं मिल सकी है।

<strong>यह भी पढ़ें-ऐसे तैयार हुई जम्‍मू कश्‍मीर में ' आर्टिकल-370 एंडगेम' की स्क्रिप्‍ट</strong>यह भी पढ़ें-ऐसे तैयार हुई जम्‍मू कश्‍मीर में ' आर्टिकल-370 एंडगेम' की स्क्रिप्‍ट

'यह हमारा आतंरिक मामला'

'यह हमारा आतंरिक मामला'

सोमवार को ही विदेश मंत्रालय ने पी 5 देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और रूस के प्रतिनिधियों को स्थिति के बारे में जानकारी दी थी। विदेश मंत्रालय ने इन देशों को बता दिया था कि सरकार ने आर्टिकल 370 को खत्‍म करके राज्‍य दो संघ शासित प्रदेशों में विभाजित करने जा रही है। विदेश मंत्रालय ने इन देशों को बताया दिया था कि कश्‍मीर, भारत का आतंरिक मसला है। भारत के स्‍पष्‍ट रुख के बाद अमेरिका को भी मानना पड़ा कि आतंरिक मसला होने की वजह से इसमें ज्‍यादा हस्‍तक्षेप नहीं किया जा सकता है। ब्रिटेन ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया और बस इतना ही कहा कि यह भारत का आतंरिक मसला और वह उम्‍मीद बस स्थिति बेहतर होने की, की जा सकती है।

कानून तोड़ने वाला पाकिस्‍तान

कानून तोड़ने वाला पाकिस्‍तान

एक जनवरी 1948 को भारत की तरफ से यूएन सिक्‍योरिटी काउंसिल में कश्‍मीर मसले पर प्रस्‍ताव की मांग की कई थी। इसके बाद 21 अप्रैल 1948 को रेजोल्‍यूशन पास हुआ। इस रेजोल्‍यूशन में एक शर्त थी कि दोनों में से कोई भी देश एक-दूसरे पर हमला नहीं करेंगे। लेकिन पाकिस्‍तान ने खुद ही इस नियम को नहीं माना है और कई बार भारत पर आतंकी हमलों का मददगार रहा है। ऐसे में कहीं न कहीं पाकिस्‍तान विदेश मंत्रालय का यह बयान कि भारत ने गैर-कानूनी कार्रवाई की है, पूरी तरह से गलत साबित हो जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो पाक यूएन की कोर्ट आईसीजे में भी अपील नहीं कर सकता है।

फैसलों का समीक्षा करे पाक

फैसलों का समीक्षा करे पाक

विदेश मंत्रालय की ओर से जो गुरुवार को बयान जारी किया गया है उसमें कहा गया है, 'भारत सरकार उन कदमों पर अफसोस जाहिर करती है जो कल पाकिस्‍तान की तरफ से उठाए गए हैं। इसके साथ ही हम उनसे अपील करते हैं कि एक बार उन फैसलों की समीक्षा करे ताकि कूटनीतिक संपर्क के सामान्‍य माध्‍यमों को संरक्षित रखा जा सके।' बयान में आगे कहा गया, 'हमनें ऐसी रिपोर्ट्स देखी हैं कि पाकिस्‍तान ने फैसला कर दिया द्विपक्षीय संबंधों के सिलसिले में कुछ तय कदम उठाने जा रहा है जिसमें राजनयिक संबंधों को कमतर करना भी शामिल है।' भारत जानता है कि जो भी कदम पाकिस्‍तान उठा रहा है,उसके दूरगामी परिणाम सिर्फ इस्‍लामाबाद को ही झेलने पड़ेंगे।

देश की सुरक्षा और संप्रभुता सबसे ऊपर

देश की सुरक्षा और संप्रभुता सबसे ऊपर

भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी सुरक्षा और संप्रभुता से बढ़कर कुछ भी नहीं है। सुरक्षा को ध्‍यान में रखकर ही भारत ने धारा 370 पर अहम फैसला लिया। एक‍ सितंबर को तालिबान पर पाकिस्‍तान और अमेरिका के बीच अहम वार्ता होनी है। इस बात को भी ध्‍यान रखकर भारत ने जम्‍मू कश्‍मीर के लिए एक बड़ा फैसला लेने की ठानी थी।पांच अगस्‍त को जब भारत ने आर्टिकल 370 वाला प्रस्‍ताव पेश किया तो उससे ठीक एक माह पहले पांच जुलाई को इंटेलीजेंस एजेंसी रॉ के मुखिया समंत गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। गोयल ने पीएम मोदी को साफ कर दिया था कि भारत के पास बस एक महीने का समय है। इसके बाद उन्‍होंने पीएम को आगाह करते हुए कहा था कि एक माह बाद चीजें भारत के नियंत्रण से बाहर हो जाएंगी।

Comments
English summary
Why India is not reacting much to Pakistan after scrapping article 370.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X