राष्ट्रपति के लिए मनाही के बावजूद पीएम मोदी के लिए पाकिस्तान से क्यों मांगा एयरस्पेस, जानिए
नई दिल्ली- सितंबर की शुरुआत में ही पाकिस्तान ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए अपना एयरस्पेस देने से मना कर दिया था। तब भारत ने पाकिस्तान की इस हरकत पर कड़ी आपत्ति जताई थी और राष्ट्रपति कोविंद की वीवीआईपी स्पेशल फ्लाइट को आइसलैंड की यात्रा के लिए दूसरा और लंबा रूट लेना पड़ा था। ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी है कि पाकिस्तान की इस करतूत के बाद भी भारत ने इसी महीने प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के लिए उससे एयरस्पेस देने का अनुरोध क्यों किया? दरअसल, भारत ने एक छोटे से अनुरोध के जरिए इमरान खान को अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और उनके घरेलू मोर्चे पर भी बुरी तरह फंसा दिया है। भारत सरकार के इस कदम से इमरान खान और उनकी सरकार के लिए आगे कुआं, पीछे खाई वाली स्थिति पैदा हो गई। हालांकि, इमरान की सरकार ने घरेलू गुस्से के उबाल को रोकने के लिए भारत का अनुरोध ठुकरा तो दिया है, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बुरी तरह घिर चुके हैं।
एयरस्पेस देने से इनकार कर फंस गया पाकिस्तान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते यूएन जनरल असेंबली (यूएनजीएस) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में हुए संवैधानिक परिवर्तन पर पूरी दुनिया में पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा के चलते इसबार की ये बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण हो गई है। जनरल असेंबली की बैठक में दुनिया भर के देशों के नेता जुटे होंगे और माना जा रहा है कि वहां जम्मू-कश्मीर का मुद्दा सबसे गर्म रहने वाला है। इस बैठक में पाकिस्तान की ओर से खुद इमरान खान भी वहां मौजूद होंगे। इन हालातों में पाकिस्तान की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को एयरस्पेस देने से इनकार करने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क तो दूसरे रास्ते से पहुंच ही जाएंगे, लेकिन इमरान खान को दुनिया भर के नेताओं को जवाब देना भारी पड़ेगा। इसके अलावा अमेरिका में टेक्सास के ह्यूस्टन में पीएम मोदी के लिए 'हाउडी' मोदी कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है। अमेरिका में पीएम मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए हजारों लोगों के बीच आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भी पहुंचने वाले हैं। दुनिया में मोदी के बढ़े कद को नजरअंदाज करके वह भारत की एक सोची-समझी कूटनीति में फंस चुका है।
क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय नियम?
इमरान घरेलू दबाव में पीएम मोदी की वीवीआईपी फ्लाइट एयर इंडिया वन को अपने एयरस्पेस से गुजरने देने से मना करके इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन चार्टर का उल्लंघन कर चुके हैं। पाकिस्तान इस ऑर्गनाइजेशन का सदस्य है और चार्टर के मुताबिक किसी निजी फ्लाइट को तबतक मना नहीं कर सकता है, जबतक युद्ध या आपात की स्थिति न हो। पाकिस्तान ने जिस बौखलाहट में इनकार है उसके कारण उसे अंतरराष्ट्रीय चार्टर के उल्लंघ के एवज में भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। मौजूदा समय में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद पतली है और इस नाते भी एक बार फिर इमरान मोदी की कूटनीति में बुरी तरह से घिर चुके हैं।
कुर्सी बचाने के चक्कर में गलतियां करते जा रहे हैं इमरान
गौरतलब है कि पिछले महीने जब प्रधानमंत्री मोदी के विशेष विमान ने फ्रांस में जी-7 सम्मेलन से लौटने के दौरान जब पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल किया था तब पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ गुस्सा काफी भड़क गया था। वहां के लोग अपनी सरकार पर आरोप लगा रहे थे कि पीएम मोदी पाकिस्तान के ऊपर से गुजर गए और इमरान उनका कुछ नहीं कर पाए। इसके बाद ही पाकिस्तान ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपने एयरस्पेस के उपयोग की इजजात नहीं दी थी। तब पाकिस्तान के उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर खान ने अपनी पीठ यह कहकर थपथपाई थी कि बहुत हो गया, पीएम मोदी की फ्लाइट को तो सद्भावना के तौर पर इजाजत दे दी गई थी लेकिन अब नहीं देंगे। ऐसे में अगर उसने फिर से पीएम मोदी की फ्लाइट को पाकिस्तान के ऊपर गुजरने की अनुमति दे दी होती तो पाकिस्तानी जनता का इमरान सरकार के खिलाफ सब्र का बांध टूटना निश्चित था। लेकिन, जिस तरह से भारत की रणनीति के तहत यूरोपियन यूनियन से लेकर अरब देशों ने कश्मीर मुद्दे पर भारत का साथ दिया है, आने वाले यूएन जनरल असेंबली की बैठक में इमरान का सारे प्रोपेगेंडा की हवा निकलनी तय है। यही नहीं जिस तरह से भारतीय विदेश मंत्री ने जनरल असेंबली की बैठक से पहले पीओके को एक दिन भारत में शामिल होने की बात कही है, उससे लगता है कि न्यूयॉर्क में भी भारत इसी मोर्चे पर अब पाकिस्तान को घेरने वाला है।