क्यों बदनाम है 'हरामी नाला', जहां से कच्छ में दाखिल होने की फिराक में हैं पाकिस्तानी 'कमांडो'
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नई दिल्ली- कश्मीर के मसले को लेकर पाकिस्तान की ओर से हो रही तमाम तरह की भड़काने वाली हरकतों के बीच इंटेलिजेंस एजेंसियों ने आगाह किया है कि पाकिस्तान में प्रशिक्षत आतंकी भारत में अंडरवॉटर अटैक करने की फिराक में हैं। इंटेलिजेंस एजेंसियों को आशंका है कि पानी के रास्ते घुसकर हमले को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षत ऐसे कमांडो सर क्रीक एरिया के जरिए खंभात की खाड़ी में दाखिल हो सकते हैं। गौरतलब है कि करीब 100 किलोमीटर लंबे सर क्रीक एरिया में ही 22 किलोमीटर का वह कुख्यात समुद्री चैनल 'हरामी नाला' भी है, जो सभी तरह की खतरनाक गतिविधियों के लिए बदनाम है। आइए जानते हैं कि इंटेलिजेंस इनपुट क्या है, किस तरह के हमलों की आशंका है और यह छोटा सा नाला इतना बदनाम क्यों है?
भारत में अंडरवॉटर अटैक की तैयारी में पाकिस्तान
खबरों के मुताबिक इंटेलिजेंस इनपुट मिली है कि पाकिस्तान में प्रशिक्षित पानी के जरिए हमले करने में सक्षम आतंकी कमांडो खंभात की खाड़ी के रास्ते गुजरात के कच्छ इलाके में प्रवेश करने की कोशिश में हैं। खुफिया सूचना मिलने के बाद राज्य की एजेंसियों को आगाह करने के साथ-साथ दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट (पहले कांडला पोर्ट) और मुंद्रा पोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इन्हें बताया गया है कि पाकिस्तानी आतंकी सर क्रीक इलाके के 'हरामी नाला' के जरिए भारत में घुस सकते हैं। 'हरामी नाला' के अलावा खावदा या आसपास के इलाकों को भी आतंकी अपना रास्ता बना सकते हैं। पिछले 27 अगस्त को ही नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद ने अपना एक मैरिटाइम विंग तैयार किया है, जो अपने आतंकियों को अंडरवॉटर हमलों की ट्रेनिंग दे रहा है।
जिहादियों के निशाने पर क्यों है खंभात की खाड़ी?
गुजरात से सटी खंभात की खाड़ी कई महत्वपूर्ण उद्योंगों, रिफाइनरीज और स्थानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां तेल रिफाइनरी के अलावा दो महत्वपूर्ण पोर्ट और बड़े पॉवर प्लांट हैं। इसके अलावा द्वारका का ऐतिहासिक भगवान कृष्ण का द्वारकाधीश मंदिर भी है, जहां पूरे साल तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ रहती है। टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात मैरिटाइम बोर्ड के अधिकारियों के ने बताया कि इस वक्त करीब 50 जहाज खंभात की खाड़ी में हैं, इसके अलावा 100 बड़े जहाज और 300 बोट कच्छ की खाड़ी में मौजूद हैं।
कितने खतरनाक हैं 'फ्रॉगमेन'?
केंद्रीय खुफिया सूत्रों के मुताबिक अंडरवॉटर हमलों में प्रशिक्षित जैश ए मोहम्मद जैसे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के 'फ्रॉगमेन' कमांडो लंबी दूरी तक स्वीमिंग में ट्रेंड हैं। ये पानी के भीतर इस्तेमाल करने लायक अत्याधुनिक हथियारों का प्रयोग में माहिर हैं। एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि 'ऐसी ट्रेनिंग उन्हें महत्वपूर्ण ठिकानों पर समंदर या नदी या पानी के किसी स्रोत के जरिए में सक्षम बनाता है। ऐसे में जब सतह से हमले की आशंकाओं को रोकने के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं, तब ये आतंकी संगठन इन कमियों के चलते अपना नापाक कदम बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं।' हालांकि, अधिकारी ने ये भी बताया कि 26/11 के मुंबई हमलों के बाद समंदर या पानी के जरिए होने वाले सभी हमलों की आशंकाओं के मद्देनजर सुरक्षा की तकनीक और स्तर दोनों को ही काफी पुख्ता किया जा चुका है।
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नाम से ही बदनाम है 'हरामी नाला'
गुजरात के पश्चिमी तट से लगा सर क्रीक के 96 किलोमीटर के हिस्से पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद है। बेहद दलदली होने के चलते इस इलाके की सीमा का निर्धारण हमेशा से चुनौती रहा है। इसी 96 किलोमीटर के इलाके में 22 किलो मीटर लंबा वह समुद्री चैनल भी है जो भारत एवं पाकिस्तान को विभाजित करता है। यह चैनल हमेशा अपनी धारा बदलने के लिए कुख्यात है और यह आतंकी घुसपैठियों और तस्करों के लिए स्वर्ग माना जाता है। इन्हीं बदनाम गतिविधियों के कारण इसका नाम ही 'हरामी नाला' पड़ चुका है। 2008 में मुंबई हमले के लिए पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने यहीं से मछली पकड़ने वाली भारतीय बोट 'कुबेर' को अगवा कर लिया था, जिसके जरिए वे मुंबई में दाखिल हुए थे। इस इलाके से हाल में भी संदिग्ध पाकिस्तानी बोट पकड़े गए हैं और ऐसी घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं। इस इलाके में मछली पकड़ने पर पाबंदी है, लेकिन प्रॉन (झींगा) और रेड सालमन मछलियों की बहुतायत होने के चलते दोनों देशों के मछुआरे वहां पहुंचने की कोशिश करते हैं।