सरकार ने क्यों बैन नहीं किया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप Zoom, जानिए इसका चीन से क्या है कनेक्शन
नई दिल्ली। भारत सरकार ने चीन को झटका देते हुए सोमवार को अचानक 59 चीनी एप्स को बैन कर दिया था। जिसमें लोकप्रिय एप शीन, टिकटॉक, लाइक और कैम स्कैनर शामिल हैं। इस बीच लिस्ट में जूम एप का नाम ना देख लोगों ने इसे बैन करने की मांग की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जूम एप को भारत में कोरोना वायरस (कोविड-19) लॉकडाउन के दौरान काफी इस्तेमाल किया गया है। जूम यूजर्स की बढ़ती संख्या के बीच भी इस एप पर डाटा सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि जूम एप को भारत में क्यों बैन नहीं किया गया है।
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इस वजह से बैन नहीं हुआ जूम एप
दरअसल जूम को भारत में इसलिए बैन नहीं किया गया है क्योंकि ये एक अमेरिकन एप है। इस एप के संस्थापक एरिक युआन (Eric Yuan) हैं। कंपनी का मुख्यालय कैलिफोर्निया में है। जूम के सीईओ एरिक युआन का जन्म चीन में हुआ था, लेकिन वह मूल रूप से अमेरिकी नागरिक हैं। जूम को लेकर पहले भी कई बार ऐसा कहा गया है कि ये चीनी एप है। इसे लेकर युआन ने स्पष्टीकरण भी दिया था कि जूम पूरी तरह अमेरिकी एप है। जो अमेरिका में ही बनाया गया है और यहीं उसका मुख्यालय भी है।
जूम की विश्वसनीयता पर उठे थे सवाल
युआन ने कहा था, 'हाल ही में जूम और चीन को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। ऐसा लगता है कि एक अस्थायी गलत धारणा उपजी है।' उनके इसपर सफाई दिए जाने के बाद भी भारत में बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि जूम एक चाइनीज एप है और इसमें चीन का स्वार्थ छिपा है। लोगों में जूम एप को लेकर शंका इसिलए भी बढ़ी क्योंकि हाल ही में इसकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े हुए थे और ये कहा गया था कि जूम बेशक अमेरिकी एप है लेकिन इसका सर्वर चीन में है।
सरकार ने चिंता व्यक्त की थी
इसके अलावा भारत सरकार के तहत संचालित साइबर समन्वय केंद्र (CyCord) ने भी जूम एप को लेकर चिंता व्यक्त की थी और एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को सतर्क रहने को कहा था। जिसमें लोगों से एप का इस्तेमाल करते समय जरूरी दिशा-निर्देश अपनाने को कहा गया था ताकि उनका डाटा सुरक्षित रह सके। इसके बाद भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-in) द्वारा चेतावनी दी गई थी कि जूम उपयोग करने के लिए सुरक्षित एप नहीं है। इसके साथ ही सरकारी अधिकारियों को भी इस एप का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया था।
पबजी क्यों नहीं हुआ बैन?
ठीक इसी तरह के सवाल पबजी को लेकर भी उठ रहे हैं। पबजी यानी प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड्स दक्षिण कोरिया की टेक कंपनी ब्लूहोल ने साल 2000 में बनाया था। इसे आई जापानी फिल्म बैटल रॉयल से प्रेरित होकर बनाया गया। शुरुआत में चीन की टेंसेंट गेम्स ने पबजी को स्थानीय बाजार में पेश किया और गेम बनाने वाली कंपनी से इसकी कुछ फीसदी हिस्सेदारी भी खरीदी। लेकिन चीन में कुछ समय बाद ही इसपर प्रतिबंध लग गया। इसलिए इसे पूरी तरह से चीनी एप नहीं कहा जा सकता है।
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