जानिए क्यों ‘अलगाववादी’ को गले लगा रहे हैं पीएम मोदी?
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला)। अगर सियासत ना कर रहे होते तो सज्जाद गनी लोन माडलिंग भी कर सकते थे। बेहद खूबसूरत और हैंडसम लोन कभी अलगाववादी कश्मीरी नेता के रूप में जाने जाते थे। लोन बहुत उम्दा अंग्रेजी बोलते हैं। वे आजकल प्रधानमंत्री मोदी के कसीदे पढ़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद वे भाजपा को समर्थन देंगे। हां, बदले में कोई बड़ा पद लेंगे।
वे कश्मीर के दिग्गज नेता अब्दुल गनी लोन के सबसे छोटे साहबजादे हैं। अब्दुल गनी लोन की हत्या कर दी गई थी। उनके बाद सज्जाद ही पीपल्स कांफ्रेंस के मुखिया बने। जानकारों का कहना है कि मोदी ने लोन जैसे अलगावादी नेता को देश की मुख्यधारा से जोड़कर बड़ा काम किया। लोन से पहले मिजोरम में लालडेंगा जैसे अलगाववादी नेता देश की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।
लोन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बीते सोमवार को उनका निवास पर जाकर मिले। इस मुलाकात के बाद लोन ने मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें बड़ा भाई तक बता डाला। लोन और मोदी की इस मुलाकात की नींव जुलाई के पहले हफ्ते में बीजेपी के तत्कालीन महासचिव जेपी नड्डा और लोन की मुलाकात के दौरान पड़ी।
जानने वाले जानते हैं कि घाटी में आगामी चुनाव को देखते हुए यह मुलाकात अहम मानी जा रही है। इस मुलाकात को लेकर कयास ये तक थे कि पूर्व अलगाववादी नेता विधानसभा चुनावों में बीजेपी के साथ आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि कश्मीरी होने के नाते वह घाटी की समस्याओं और उसके समाधान को लेकर प्रधानमंत्री से मिले।
लोन ने मोदी के विनम्र स्वभाव की प्रशंसा की। लोन ने पीएम मोदी को जमीन से जुड़ा व्यक्ति बताया। मोदी की तारीफ करते हुए लोन ने कहा, 'मोदी इतने बड़े दिल के व्यक्ति हैं कि मुझे यह तय करने में दिक्कत हो रही है कि मैं आज भारत के पीएम से मिला हूं या अपने बड़े भाई से।'
सज्जाद लोन ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि घाटी में राहत और पुनर्वास का काम पूरी तरह से ठोस होना चाहिए। कश्मीर का विकास एक स्मार्ट सिटी की तर्ज पर होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने लोन को आश्वासन दिया कि घाटी का विकास स्मार्ट सिटी की तर्ज के साथ ही टूरिस्ट डेस्टिनेशन की तर्ज पर भी किया जाएगा।
बता दें कि राज्य में जम्मू और लद्दाख इलाके में पहले ही पैठ बना चुकी भाजपा घाटी में अपनी जगह बनाने के लिए लोन जैसे नेताओं से संपर्क में है। राज्य में अपना 'मिशन 44 प्लस' पूरा करने के लिए भाजपा नेतृत्व दिन-रात एक किए हुए है। इसी क्रम में हाल ही में नेशनल कांफ्रेस के नेता अजातशत्रु सिंह भी भाजपा में आ गए।