Kerala:हाथियों के साथ क्यों हो रही है क्रूरता, महीनेभर में दो-दो हथिनी की दर्दनाक हत्या
नई दिल्ली- केरल में हाथियों पर संकट आया नजर आ रहा है। एक महीने के अंदर दो-दो हथिनी को तड़पा-तड़पा कर मार दिया गया है। यह घटना अब तिरुवनंतपुरम से लेकर दिल्ली तक सियासी बवाल का विषय भी बन चुका है। मालाप्पुरम जिले में एक हाथिनी को अनानास में पटाखे डालकर जख्मी कर की घटना को लेकर सियासी संग्राम तो छिड़ा ही हुआ है, अब जानकारी सामने आई है कि एक महीने पहले एक और कम उम्र की हथिनी को भी ठीक इसी तरह मार दिया गया था। राज्य सरकार तब जाकर नींद से जागी है, जब दूसरी घटना को लेकर हंगामा बरपा है। जबकि, अप्रैल में हुई घटना को तो वह लगभग भुला ही चुकी है।
एक महीने में दो हथिनियों को निर्मता से मार डाला
केरल में एक महीने के भीतर दो-दो हथिनियों की दर्दनाक हत्या कर दी गई है। अभी मई के अंत में मालाप्पुरम में एक गर्भवती हथिनी की जघन्य हत्या को लेकर बवाल मचा हुआ है, तो उधर एक वन अधिकारी ने कहा है कि अप्रैल महीने में कोल्लम जिले के पथानापुरम की जंगलों में भी इसी तरह से एक हथिनी को मार डाला गया था। 27 मई की घटना में मालाप्पुरम के साइलेंट वैली फॉरेस्ट में एक शख्स ने एक गर्भवती हथिनी के सामने अनानास में पटाखे डालकर रख दिया, जैसे उस हथिनी उसे चबाया पटाखे में धमाका हो गया। जबकि, अप्रैल की घटना के बारे में वरिष्ठ वन अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि, वन अधिकारियों ने उसे जंगल के बाहरी इलाके में गंभीर हालत में पाया था। उन्होंने कहा, 'वह हाथियों की झुंड से अलग हो गई थी। उसके जबड़े टूट चुके थे और वह खाने में असमर्थ थी।'
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दूसरी हथिनी की मौत के बाद जागी सरकार
वन अधिकारी ने घटना की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 'वह बहुत ही कमजोर हो चुकी थी। जब वन अधिकारी उसके नजदीक पहुंचे तो वह जंगलों में भाग गई और फिर से हाथियों की झुंड के साथ मिल गई। लेकिन, अगले दिन वह फिर अपनी झुंड से अलग पायी गई। उसका पूरा इलाज किया गया, लेकिन दुर्भाग्य से वह जख्मों की वजह से बच नहीं पायी।' एक दूसरे वन अधिकारी ने मौजूदा घटना के बारे में कहा है कि जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर माना कि, 'ऐसा संदेह है कि हाथी के पटाखों से भरा हुआ खाने की कोई चीज दी गई और वह उसके मुंह में विस्फोट कर गया। हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।' उन्होंने ये भी बताने की कोशिश की है कि ऐसे मामलों में पूरी जानकारी जुटा पाना बहुत ही मुश्किल काम है। क्योंकि, जंगली हाथियों का झुंड एक दिन में कई किलोमीटर तक निकल जाता है। उनके मुताबिक ये हथिनी वन अधिकारियों को दो हफ्ते बाद मिली थी, जिसके चलते जांच में दिक्कत हो रही है।
वन अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है- वन मंत्री
इस बीच केरल के वन मंत्री के राजू ने पीटीआई से कहा कि उन्होंने हाथियों की मौत की घटनाओं को लेकर वन अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि गर्भवती हथिनी के मुंह में पटाखा विस्फोट के बाद वह कुछ भी चबाने में असमर्थ हो चुकी थी और आखिरकार इसी वजह से उसने दम तोड़ दिया। केरल के चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (वाइल्डलाइफ) और चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन सुरेंद्र कुमार ने कहा है कि यह घटना अट्टाप्पाडी के साइलेंट वैली के किनारे के इलाके में सामने आई है। उन्होंने कहा कि हथिनी की 27 मई को मालाप्पुरम जिले में वेल्लियार नदी में मौत हो गई। उन्होंने कहा कि 'मैंने वन अधिकारियों को अपराधी को पकड़ने का निर्देश दिया है। हम उसे हथिनी का शिकार करने के लिए सजा देंगे।'
हथिनी को मौत का एहसास हो चुका था- चश्मदीद
साइलेंट वैली में गर्भवती हथिनी की दर्दनाक मौत की सच्चाई सामने नहीं आती, अगर मोहन कृष्णन नाम के एक वन अधिकारी अपने फेसबुक पेज पर उसकी दर्दनाक दास्तां बयां नहीं करते। उन्होंने लिखा है, 'जब हमनें उसे देखा, वह नदी में खड़ी थी, उसका सिर पानी में डूबा हुआ था। उसे एहसास हो गया था कि वह मरने वाली है। उसने नदी में खड़े-खड़े जल समाधि ले ली।' उन्होंने ही उसकी वो तस्वीर पोस्ट की है।
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मेनका ने मंत्री से इस्तीफा मांगा
बता
दें
कि
इस
घटना
को
लेकर
भाजपा
सांसद
और
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
मेनका
गांधी
ने
केरल
के
वन
सचिव,
वहां
के
वन
मंत्री
और
कांग्रेस
सांसद
राहुल
गांधी
के
खिलाफ
मोर्चा
खोल
दिया
है।
उन्होंने
वन
सचिव
को
हटाने
और
वन
मंत्री
से
इस्तीफे
की
मांग
गई
है,
जबकि
राहुल
गांधी
से
पूछा
है
कि
उन्होंने
कोई
कार्रवाई
क्यों
नहीं
की,
क्योंकि
वह
भी
उसी
इलाके
से
आते
हैं।
(हथिनी
की
तस्वीर
सौजन्य:
मोहन
कृष्णन
के
फेसबुक
पेज
से)
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भूखी
हथिनी
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हत्यारों
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जाएगी
सख्त
कार्रवाई