क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जिन्होंने मूल मोटेरा स्टेडियम बनाया, उन्हें ट्रंप के कार्यक्रम में क्यों नहीं बुलाया ?

Google Oneindia News

नई दिल्ली- अहमदाबाद के मोटेरा का सरदार पटेल स्टेडियम आज अपनी भव्यता के लिए दुनियाभर में मशहूर हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत के कार्यक्रम की वजह से इसका नाम इतिहास में दर्ज हो गया है। लेकिन, 1983 में जिनकी कल्पना से पहली बार यह स्टेडियम बनकर तैयार हुआ था, उन्हें सोमवार के भव्य आयोजन में कहीं न कहीं उपेक्षित छोड़ दिया गया है। हम बात कर रहे हैं मूल मोटेरा स्टेडियम के विचार को अमलीजामा पहनाने वाले बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष मरुगेश जयकृष्णा की जिन्हें सोमवार के कार्यक्रम के लिए निमंत्रण नहीं मिला। लेकिन, इसके बावजूद उन्हें इस बात का फक्र है कि उन्होंने 36 साल पहले जिसकी बुनियाद रखी थी, वह अपनी भव्यता के लिए आज विश्व में भारत की डंका बजा रहा है।

जिन्होंने मूल मोटेरा स्टेडियम बनाया,उन्हें नहीं बुलाया

जिन्होंने मूल मोटेरा स्टेडियम बनाया,उन्हें नहीं बुलाया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत में स्वागत के लिए अहमदाबाद के विशाल मोटेरा स्टेडियम को ही चुना गया। लेकिन, सरदार पटेल स्टेडियम की कल्पना को पहली बार धरातल पर साकार करने में जिस व्यक्ति का मुख्य योगदान रहा है, उन्हें इस मौके पर भुला दिया गया। आज जिस मोटेरा स्टेडियम को दुनिया का सबसे बड़ा खेल का मैदान बताया जा रहा है, उसके मूल स्वरूप को मरुगेश जयकृष्णा ने ही सबसे पहले तैयार कराया था। बात 1983 है, जब उन्होंने महज 8 महीने और 13 दिनों में इस स्टेडियम का पहली बार निर्माण कराया था। उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम के लिए उन्हें मोटेरा स्टेडियन पहुंचने का कोई निमंत्रण नहीं मिला। जयकृष्णा बीसीसीआई के उपाध्यक्ष और गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के भी उपाध्यक्ष रह चुके हैं।

दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम

दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम

अपने नए अवतार में अहमदाबाद के मोटेरा स्थित सरदार पटेल स्टेडियम में एक साथ 1.1 लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा खेल का मैदान बताया जाता है। मौजूदा वक्त में इस स्टेडियम की भव्यता को देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका की प्रथम महिला नागरिक मेलानिया ट्रंप की मेजबानी के लिए इसका चुनाव किया। 2009 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तब उन्होंने गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के तौर पर क्रिकेट के बारे में जानकारी जुटाने के लिए जयकृष्णा से ही संपर्क किया था। उसी मुलाकात के दौरान उन्होंने मोदी के क्रिकेट की बेहतरी के लिए कुछ सुझाव दिए साथ ही साथ मोटेरा को खेल का एक बड़ा हब बनाने का विचार भी दिया था। हालांकि, तब उन्होंने क्रिकेट के लिए अलग जगह पर स्टेडियम बनाने का सलाह दी थी। लेकिन, बाद में मूल जगह पर ही मौजूदा स्टेडियम की कल्पना को साकार किया गया है।

उनके विचार से ही बना था मूल स्टेडियम

उनके विचार से ही बना था मूल स्टेडियम

दरअसल, पुराने स्टेडियम में क्रिकेट मैच के पास के लिए आए दिन होने वाले झगड़ों के कारण ही जयकृष्णा के दिमाग में पहली बार नया स्टेडियम बनाने का विचार दिया था। जिस स्थान पर मोटेरा स्टेडियम आज भव्यता के साथ मौजूद है करीब 36 साल पहले वह सिर्फ 63 एकड़ बंजर जमीन का टुकड़ा था। 76 वर्षीय उद्योगपति जयकृष्णा के मुताबिक वह अहमदाबाद नगर निगमके अधीन था। जब भी मैच होने होते थे, जीसीए उनसे किराए पर लेता था। इसके बदले में जीसीए को कई पास देने पड़ते थे। पवेलियन पास पैसे जुटाने का मुख्य स्रोत होता था। लेकिन, जब फ्री पास लेने की होड़ को लेकर परेशानियां होने लगीं तो उन्होंने क्रिकेट स्टेडियम बनाने का विचार देना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने अपने विचारों के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी से जमीन को लेकर मुलाकात की। जब जमीन अधिग्रहित कर ली गई तब उन्होंने भारतीयों और अप्रवासी भारतीयों से पैसे जुटाए और सिर्फ 8 महीने 13 दिनों में स्टेडियम तैयार कर दिया। नवंबर 1983 में उसी स्टेडियम में भारत-वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट मैच खेला गया।

कई रिकॉर्ड का गवाह रहा है ये स्टेडियम

कई रिकॉर्ड का गवाह रहा है ये स्टेडियम

पुराने अवतार में यह स्टेडियम क्रिकेट की कई बड़ी घटनाओं का गवाह रहा है। 1986-87 में यहीं सुनील गावस्कर 10,000 ररन बनाने वाले पहले क्रिकेट बने। 432 टेस्ट विकेट लेकर कपिल देव ने रिचर्ड हेडली का रिकॉर्ड तोड़ा, नवंबर, 2009 में श्रीलंका के साथ मैच खेलकर सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20 साल पूरे किए और साथ ही साथ 30,000 रन बनाने का फासला भी तय किया। आज जब इस स्टेडियम को दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बताया जाता है तो वो बहुत खुश होते हैं। इसे खुद के लिए और सभी गुजरातियों के लिए फक्र की बात मानते हैं। हालांकि, जयकृष्णा ने ये नहीं बताया है कि कार्यक्रम में नहीं बुलाए जाने से उन्हें कोई दुख हुआ है। उनके मुताबिक, 'मोटेरा के दुनिया के सबसे स्टेडियम बनते देखने की खुशी किसी भी दूसरे अनुभव से मेरे दिल में 99.9 फीसदी ज्यादा है। जब मोटेरा में इतना भव्य आयोजन हो रहा है, चाहे मुझे बुलाया गया या नहीं इसका कोई मायने नहीं है।'

इसे भी पढ़ें- Trump tajmahal visit: 389 सालों में पहली बार साफ की गई शाहजहां और मुमताज की कब्रइसे भी पढ़ें- Trump tajmahal visit: 389 सालों में पहली बार साफ की गई शाहजहां और मुमताज की कब्र

Comments
English summary
Why didn't those who built the original Motera Stadium attend Trump's program?
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X