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15 जनवरी से मोबाइल नंबर पर लैंडलाइन से पहले '0' डायल करना क्यों होगा जरूरी ?

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नई दिल्ली- दूर-संचार विभाग ने अगले साल 15 जनवरी से लैंडलाइन से मोबाइल फोन पर लगाए जाने वाले हर कॉल के लिए मोाबइल नंबर से पहले 'शून्य' (0) लगाना अनिवार्य कर दिया है। दूर-संचार विभाग ने यह फैसला टेलिकॉम रेगुलेटर टीआरएआई (TRAI) की सलाह के आधार पर किया है। ट्राई ने मोबाइल फोन और लैंड लाइन के लिए पर्याप्त नंबरों के तमाम विकल्पों और संसाधनों पर गहन अध्ययन के बाद सरकार को यह सुझाव दिया था। उम्मीद है कि इस प्रक्रिया से देश में मोबाइल नंबरों की उपलब्धता करीब दोगुनी हो जाएगी। गौरतलब है कि कुछ साल पहले तक मोबाइल के लिए शून्य लगाने की व्यवस्था थी, लेकिन जब से पूरा देश लोकल हुआ है, यह व्यवस्था खत्म हो चुकी है।

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15 जनवरी से क्या बदलाव होने वाला है?

15 जनवरी से क्या बदलाव होने वाला है?

15 जनवरी, 2021 से लैंडलाइन से मोबाइल नंबर पर डायल करते समय पहले 'शून्य' नंबर लगाना अनिवार्य होगा। जो लोग लैंडलाइन से बिना शून्य नंबर डायल किए मोबाइल नंबर पर कॉल लगाएंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से शून्य लगाने के लिए कहा जाएगा। गौरतलब है कि पहले दूसरे शहरों वाले मोबाइल नंबर पर 'शून्य' लगाना पड़ता था। लेकिन, जबसे सरकार ने इंटर-सर्किल मोबाइल पोर्टिबिलिटी की शुरुआत की है और पूरे देश का मोबाइल नंबर लोकल हो गया है, ये अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी। तब इससे यह भी सुनिश्चित हो गया था कि दूसरे शहरों के किसी मोबाइल नंबर में ट्रंक डायलिंग ना हो पाए। वैसे 15 जनवरी से जो नई व्यवस्था शुरू हो रही है, वह सिर्फ लैंडलाइन से मोबाइल फोन के लिए है, मोबाइल टू मोबाइल में शून्य लगाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

'शून्य' का फिर से क्यों हो रहा है इस्तेमाल ?

'शून्य' का फिर से क्यों हो रहा है इस्तेमाल ?

भारत में 10 डिजिट के मोबाइल नंबर की व्यवस्था है। '0' और '1' नंबर से सीरीज की शुरुआत खास वजहों से आरक्षित है। इस तरह से सैद्धांतिक तौर पर 800 करोड़ नंबर संभव हैं। भारत में शुरू से ज्यादातर मोबाइल नंबर 9 से शुरू होते हैं। कुछ फोन नंबर 8, 7 और 6 से भी शुरू होने लगे हैं। इन नंबरों वाले अभी कुल 115 करोड़ मोबाइल नंबर उपलब्ध हैं। '9' नंबर सीरीज से शुरू होने वाले मोबाइल नंबर अब लगभग खत्म हो चुके हैं। दूसरे नंबरों की सीरीज के साथ दिक्कत ये हो रही है कि वे नंबर कुछ मामलों में लैंडलाइन नंबरों से मेल खाते हैं। इसलिए, पर्याप्त नंबर उपलब्ध रहें और उनका लैंडलाइन के साथ ओवरलैपिंग ना होने पाए, इसलिए लैंडलाइन से मोबाइल पर पहले शून्य लगाने की व्यवस्था फिर से शुरू की जा रही है। एक बात और भी है कि मोबाइल के अलावा भी कुछ मशीन टू मशीन संचार के लिए सिम कार्य इस्तेमाल हो रहे हैं। इसके लिए सरकार ने 13 डिजिट वाले नंबर आवंटित किए हैं। यही नहीं ट्राई ने तो यह भी सुझाव दिया है कि मोबाइल से मोबाइल पर डायल करने के लिए 10 की जगह 13 डिजिट के नंबर जल्द इस्तेमाल किए जाएं।

सरकार के नए फैसले का असर क्या पड़ेगा ?

सरकार के नए फैसले का असर क्या पड़ेगा ?

इस साल 31 अगस्त तक देश में 114.79 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर थे। एक तरफ जहां मोबाइल सेवा के ग्राहक बढ़ते जा रहे हैं, लैंडलाइन सेवाएं कम होती जा रही हैं। अभी तक कुछ सीरीज के नंबर सिर्फ लैंडलाइन सेवाओं तक ही सीमित हैं। मसलन, 2 और 4 सीरीज के नंबर एमटीएनएल और बीएसएनएल के लैंडलाइन नंबरों के लिए आवंटित हैं। तो एयरटेल लैंडलाइन को 4 की सीरीज मिली हुई है। जबकि, रिलायंस जियो के लैंडलाइन नंबर 35 और 796 से शुरू होते हैं। अब जब लैंडलाइन से मोबाइल नंबरों पर पहले शून्य नंबर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, मोबाइल और लैंडलाइन के बीच नंबरों का घालमेल भी दूर होगा और भविष्य में इससे 253.9 करोड़ अतिरिक्त नंबरों की भी गुंजाइश बढ़ेगी।

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English summary
Why dialing '0' as prefix is must from landline to mobile number from January 15?
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