बीजेपी के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी को अपनाने से क्यों डर रही है कांग्रेस पार्टी?
बेंगलुरू। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आजकल मरणासन्न पड़ी कांग्रेस के लाइफ सपोर्ट बने हुए हैं। भारतीय अर्थव्यस्था पर लगातार कई दिनों से हमलावार मनमोहन सिंह हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था के पांच ट्रिलियन डॉलर होने पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि मोदी सरकार के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है। उन्होंने जीडीपी के पांच फीसदी पहुंचने को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए राहु काल बताया है, जिससे सिर्फ राहुल गांधी शासन में ही निकला जा सकता है।
मनमोहन सिंह के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से आगे बढ़ने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था को मंदी में ढकेल दिया है। मनमोहन सिंह भारतीय अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के लिए नोटबंदी और जीएसटी के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि बीजेपी ने मनमोहन सिंह को उनके कार्यकाल की याद दिलाते हुए जवाब दिया है। बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री को याद दिलाते हुए कहा है कि मोदी सरकार उनकी सरकी सरकार की गलतियों को ही सुधार रही है।
Our economy has not recovered from the man made blunders of demonetisation & a hastily implemented GST... I urge the govt to put aside vendetta politics & reach out to all sane voices to steer our economy out of this crisis: Former PM Dr Manmohan Singh #DrSinghOnEconomicCrisis pic.twitter.com/83cBJWHay9
— Congress (@INCIndia) September 1, 2019
उधर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दावों को झुठलाते हुए विश्व बैंक के प्रमुख ने मोदी सरकार के जमीनी कार्यों की जमकर सराहना की है। विश्व बैंक प्रमुख ने कहा है कि भारत ने वर्ष 1990 के बाद से गरीबी के मामले से स्थिति में काफी सुधार दर्ज किया है, जिससे भारत में गरीबी की दर आधी रह गई है।
विश्व बैंक के मुताबिक भारत ने पिछले 15 वर्ष में 7 फीसदी से अधिक की आर्थिक वृद्धि दर हासिल की है और अधिकाश मानव विकास सूचकांकों में भी भारत ने प्रगति दर्ज की है। भारत की तेज आर्थिक वृद्धि को बुनियादी संरचना में 2030 तक अनुमानित तौर पर 8.8 फीसदी के बराबर यानी 343 अरब डॉलर निवेश की जरूरत होगी।
विश्व बैंक के अनुमान के मुताबिक भारत 2018-19 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बना रहेगा। एक रिपोर्ट जारी करके विश्व बैंक ने कहा है कि भारत की जीडीपी 7.3 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जिसकी तुलना में चीन का विकास दर 6.3 प्रतिशत ही रहने की उम्मीद है। हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पिछली तिमाही की रिपोर्ट अच्छी नहीं कही जा सकती है, जिसमें भारत की विकास दर 5 फीसदी रही थी।
गौरतलब है वर्ल्ड इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स डार्कनिंग स्काइज रिपोर्ट के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष अधिकाश विश्व की अर्थव्यवस्थाओं की रफ्तार धीमी रहेगी। हालांकि इस रिपोर्ट में भी भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए उज्जवल तस्वीर दिखाई गई है।
वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) को लागू करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले पर विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने जीएसटी की हालिया शुरूआत और नोटबंदी के कदम ने अनौपचारिक क्षेत्रों को औपचारिक क्षेत्र में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिसका परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे रहने वाले हैं।
विश्व बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2017 में भारत की अर्थव्यवस्था में जीएसटी और नोटबंदी के कारण गिरावट आई थी। वर्ष 2017 में चीन का विकास दर जहां 6.9 फीसदी रहा था जबकि भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.7 फीसदी थी। विश्व बैंक द्वारा मोदी सरकार के कामकाज और बुनियादी कामों की तारीफ के बाद से कांग्रेसी चुप हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी चुप हैं, क्योंकि वो उतना ही बोलते हैं, जितना कांग्रेस आलाकमान यानी सोनिया गांधी कहती हैं। यह बदस्तूर तब से जारी है जब वो एक दशक तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और बैकडोर से सत्ता का संचालन सोनिया गांधी करती रहीं थी। विश्व बैंक मोदी सरकार के ढांचागत कामकाज और उनके तरीकों को लेकर तारीफ कर चुकी है। इनमें प्रमुख थी मोदी सरकार की हर घर में बिजली पहुंचाने की कवायद।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के हमलों पर बीजेपी का कहना है कि मोदी सरकार कांग्रेस के 10 वर्षो में किए गड्ढों को भर रही है। पिछले पांच वर्षो में मोदी सरकार ने कई बड़े ढांचात सुधार किए है, जिसके परिणाम भविष्य में सकारात्मक होंगे। जहां तक बात जीडीपी ग्रोथ की है तो मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार 2 में वर्ष 2009 से 2014 के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था औसतन 6.7 की दर से बढ़ी थी जबकि मोदी सरकार में भारतीय अर्थव्यवस्ता वर्ष 2014 सो 2019 के बीच 7.5 की दर से बढ़ी थी। वह भी तक नोटबंदी और जीएसटी लागू हो चुका था, जिस पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पूरी कांग्रेस पार्टी सर्वाधिक चोट करती हैं।
मनमोहन सिंह सरकार की तुलना में मोदी सरकार पिछले पांच वर्षो में प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी अधिक हुआ है। पूर्ववर्ती यूपीए 2 सरकार में 5 वर्षो में प्रत्यक्ष कर संग्रह 17.52 फीसदी की गति से बढ़ रही थी, लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रत्यक्ष संग्रह में थोड़ी कमी जरूर आई, जो कि 16.35 फीसदी थी, लेकिन इस दौरान इनकम टैक्स रिटर्न के क्षेत्र में बड़ी सफलता हाथ लगी, जो भविष्य में प्रत्यक्ष कर संग्रह वृद्धि की द्योतक बनीं।
वहीं महंगाई के मुद्दे पर भी मोदी सरकार पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार की तुलना में बेहतर रही। मंहगाई पर मोदी सरकार ने अप्रत्याशित सफलता की। वर्ष 2014 में खुदरा महंगाई की दर जहां 7,72 थी, वह तेजी से घटकर 2,57 रह गई थी। आंकड़ों के लिहाज से पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार में मोदी सरकार हर जगह हावी रही।
बावजूद इसके जब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर बंदूक रखकर कांग्रेस गोली चलाती है, तो बैक फायर होने का खतरा बना रहता है। यही कारण है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार, महंगाई और अर्थव्यवस्था पर जब भी मोदी सरकार पर हमलावर होती है, तो उसके बीजेपी की प्रतिक्रिया के बाद बगले झांकने को मजूबर होना पड़ता है।
पूर्व प्रधानमंत्री कैसे कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए कांग्रेस आलाकमान द्वारा इस्तेमाल हो रहे हैं इसकी बानगी मुंबई के प्रेस कांफ्रेस में तब मिल गई जब मनमोहन सिंह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर पार्टी के पुराने स्टैंड को बदलते हुए सफेद झूठ बोल गए।
पूर्व पीएम से अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस के आधिकारिक स्टैंड पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब आर्टिकल 37 पर बात हुई और जब बिल पार्लियामेंट में लाया गया तो कांग्रेस ने इसके हक में वोट दिया, विरोध नहीं किया। उनके मुताबिक कांग्रेस ने विरोध सिर्फ बिल लाने के तौर-तरीकों पर किया था।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मुंह से निकलाय यह बयान अभी कांग्रेस के गले की फांस बन चुका है, क्योंकि यह एक सफेद झूठ था। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी कह चुके हैं कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और उसके केंद्रशासित प्रदेश के रूप में बंटवारे के खिलाफ कांग्रेस ने दोनों सदनों में वोट किया था।
मनीष तिवारी तब कहा था कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी बाकायदा इसको लेकर लिखित में प्रस्तवा पास कर पार्टी की आधिकारिक स्टैंड साफ कर चुकी है, लेकिन मनमोहन सिंह ने इस अलग स्टैंड लेकर साबित कर दिया कि कांग्रेस चुनावी फायदे के लिए मनमोहन सिंह से झूठ बुलवा रही है।
मनमोहन सिंह के झूठ पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट करके कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर झूठा बयान देने का आरोप लगाया। साथ ही ट्वीट के साथ मनीष तिवारी का बयान और मनमोहन सिंह के बयान वाले क्लिप पर ट्वीट करते हुए लिखा कि कश्मीर के अनुच्छेद 370 हटाने पर कांग्रेस कहां खड़ी है, वेल डा. मनमोहन सिंह पूरी तरह इससे बेखर है!
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह द्वारा 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था पर की टिप्पणी पर घेरते हुए पीएम मोदी ने महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली में कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में भारत को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में 55 साल लग गए, लेकिन सिर्फ पिछले पांच साल के शासन में ही भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान समय में 2 ट्रिलियन डॉलर को पार कर चुकी है। वर्तमान समय में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2.7 लाख करोड़ डॉलर है, जिसे पीएम मोदी वर्ष 2014 तक 5 ट्रिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा हुआ है।
उल्लेखीय है अमेरिका को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने में नौ साल (1979 से 1988) लग गए थे जबकि जापान को आठ साल (1987 से 1984) और चीन को महज तीन साल (2005 से 2008) लगे थे। ऐसा संभव है कि भारत वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी को पार कर जाए, क्योंकि अगर यह काम चीन साल में कर सकता है तो भारत के पास अभी पूरे साढ़े साल शेष हैं।
दरअसल, कांग्रेस भी जानती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनामी को सरपास कर सकती है, लेकिन कांग्रेस के पास अभी बीजेपी को घेरने के लिए कोई और मुद्दा नहीं है। इसलिए ग्लोबल स्लो डाउन के बहाने वह मोदी सरकार को आर्थिक मोर्च पर घेरने मे लगी हुई है। इसीलिए कांग्रेस ने आर्थिक मोर्चे पर बीजेपी को घेरने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मोर्च पर खड़ा करना पड़ा है, लेकिन कांग्रेस खुद इसमें घिरती हुई नजर आ रही है।
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