BJP ने सुशील मोदी को क्यों नहीं बनाया डिप्टी सीएम, शिवानंद तिवारी ने बताई वजह
शिवानंद तिवारी ने सुशील मोदी को फिर से बिहार का डिप्टी सीएम ना बनाए जाने की वजह का खुलासा किया है।
नई दिल्ली। बिहार में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर एनडीए की सरकार का गठन हो चुका है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ उनकी कैबिनेट के 14 मंत्रियों ने अपने पद और गोपनीयता की शपथ ली। हालांकि इस बार भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को बिहार सरकार में शामिल नहीं किया गया है। दरअसल इस बार सुशील मोदी के स्थान पर बिहार में दो डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा है, जिसके लिए भाजपा नेता रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद का नाम फाइनल किया गया है। इस बीच आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने सुशील मोदी को फिर से बिहार का डिप्टी सीएम ना बनाए जाने की वजह का खुलासा किया है।
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'BJP से ज्यादा नीतीश के सहयोगी बन गए थे सुशील'
शिवानंद तिवारी ने इस मामले पर मीडिया से बात करते हुए कहा, 'बिहार सरकार में सुशील मोदी की भूमिका भाजपा नेता की कम और नीतीश कुमार के सहयोगी की ज्यादा बन गई थी। मुझे लगता है कि इसी वजह से भाजपा ने इस बार उन्हें डिप्टी सीएम नहीं बनाया। बिहार में सुशील मोदी किसी और भाजपा नेता को आगे बढ़ने ही नहीं दे रहे थे। वो हर रोज किसी ना किसी मुद्दे पर बयान देते थे और उन्हें टीवी, अखबारों पर दिखने की आदत पड़ गई थी।'
'सुशील मोदी के व्यक्तित्व में गंभीरता की कमी'
शिवानंद तिवारी ने आगे कहा, 'सुशील मोदी से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है, वो मेरे छोटे भाई की तरह हैं, लेकिन उनके व्यक्तित्व में गंभीरता की कमी है। मेरा मानना है कि इसी वजह से भाजपा नेतृत्व ने उन्हें इस बार बिहार सरकार की कैबिनेट में कोई पद नहीं दिया है।' आपको बता दें कि चर्चा इस बात की भी है कि भाजपा सुशील मोदी को केंद्र की राजनीति में जगह दे सकती है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बिहार चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने भी सोमवार को शपथ ग्रहण के दौरान कहा कि सुशील मोदी को नई जिम्मेदारी दी जाएगी।
बिहार में भाजपा का सोशल इंजीनियरिंग पर फोकस
इससे पहले सोमवार को राजभवन में नीतीश कुमार ने 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नीतीश कुमार के अलावा भाजपा के कोटे से 7, जेडीयू के कोटे से 5 और VIP व HAM के कोटे से 1-1 मंत्री बनाए गए हैं। सियासी जानकारों के मुताबिक भाजपा ने बिहार में अपनी तय रणनीति के तहत पूरी तरह से सोशल इंजीनियरिंग पर फोकस करते हुए सरकार में अपनी भागीदारी रखी है। रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद का नाम डिप्टी सीएम पद के लिए आगे करना भी भाजपा की इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
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