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बिहार में आजकल हत्याएं AK-47 से क्यों होने लगी हैं?

पुलिस को अब तक की छापेमारी में जो AK-47 मिले हैं, वे सारे एड्रयू क्लाशनिकोव सिरीज़ के हैं. तफ्तीश में पूछताछ पर जमालपुर से गिरफ्तार इमरान ने बताया कि एक AK-47 की कीमत कम से कम पांच लाख रुपए हैं. कभी-कभी कीमत सात से आठ लाख भी लग जाती है. ये खरीदारों पर निर्भर करता है.

जबलपुर से गिरफ्तार ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के सीओडी गोदाम कर्मचारी सुरेश ठाकुर और गिरोह के सरगना पुरुषोत्तम रजक के घर हुई छापेमारी में बिक्री के साक्ष्य और अन्य प्रमाण भी मिले हैं.

By BBC News हिन्दी
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AK-47, बिहार, हत्याएं
Getty Images
AK-47, बिहार, हत्याएं

रविवार की शाम बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर शहर के पूर्व मेयर समीर सिंह की अज्ञात अपराधियों ने सरेशाम हत्या कर दी. पुलिस तफ्तीश में पता चला है कि अपराधियों ने समीर की गाड़ी को घेर कर AK-47 से गोलियों की बौछार कर दी, जिसमें ड्राइवर समेत पूर्व मेयर की मौत मौक़े पर ही हो गई.

समीर सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि AK-47 की अंधाधुंध फायरिंग में उन्हें 16 गोलियां लगीं, जबकि ड्राइवर को 12 गोलियां लगी हैं.

मुज़फ़्फ़रपुर एसएसपी हरप्रीत कौर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जब इस मामले का अपडेट दे रही थीं, तब उन्होंने कहा कि हमला AK-47 से हुआ था. दोनों को अधिक गोलियां लगी थीं, इसलिए मौके पर ही मौत हो गई है.

अब सवाल ये है कि अपराधियों को पास प्रतिबंधित हथियार AK-47 कहां से पहुंचा?

यही सवाल उठाते हुए बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट किया, "मुज़फ़्फ़रपुर में पूर्व मेयर को दिन-दहाड़े AK-47 से मार दिया गया. नीतीशजी की नाकामियों से बिहार में AK-47 आम हथियार हो गया है."

https://twitter.com/yadavtejashwi/status/1044131532741509121

यही नहीं, तेजस्वी ने अपने ट्वीट में बिहार में AK-47 से हुई तीन हत्या की घटनाओं की भी जिक्र किया है. इस क्रम में तेजस्वी लिखते हैं कि समस्तीपुर में बिजनेसमैन की हत्या, पटना में व्यवसायी की हत्या और मोतिहारी में छात्र की हत्या AK-47 से कर दी गई.

https://twitter.com/yadavtejashwi/status/1044124976545239040

AK-47, बिहार, हत्याएं
Neeraj Priyadarshy/BBC
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आखिर कहां से आया है प्रतिबंधित हथियार AK-47?

इस सवाल के जवाब के लिए कि बिहार में इन दिनों AK-47 से हत्या की घटनाओं में अचानक ही क्यों इजाफा क्यों हो गया है, मुंगेर प्रमंडल के डीआईजी जीतेन्द्र मिश्रा के इस बयान पर गौर करना होगा.

वो कहते हैं, "जबलपुर से AK-47 की एक खेप मुंगेर लाई गई है. मुंगेर पुलिस ने जबलपुर पुलिस के साथ मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भांडाफोड़ करते हुए गिरोह के सरगना पुरुषोत्तम रजक समेत गिरोह के दूसरे अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है. मामले की जांच जारी है. पुलिस ने अब तक निशानदेही के आधार पर छापेमारी कर कुल आठ AK-47 हथियारों को जब्त किया है."

इसी मामले में मध्यप्रदेश के जबलपुर एसपी अमित सिंह ने प्रेस वार्ता कर कहा है, "यह गिरोह जबलपुर की ऑर्डिनेंस डिपो से AK-47 चुरा कर मुंगेर में बेचा करता था. गिरोह के सरगना पुरूषोत्तम ने पूछताछ में बताया है कि, वो सेना में आर्मोर (Armour) के पद से रिटायर हुए हैं. 2012 से सीओडी गोदाम के कर्मचारी सुरेश ठाकुर उसे राइफल लाकर देते थे और वो उन्हें बिहार में बेचकर आते थे. पुलिस की पूछताछ में उन्होंने 2012 से अगस्त 2018 तक लगभग 70 AK-47 राइफल के बेचने की बात स्वीकार की है."

जबलपुर एसपी अमित सिंह के अनुसार, "मुंगेर पुलिस से मिले इनपुट के बाद जबलपुर पुलिस की टीम ने पंचशील नगर में दबिश दी, जहां पर पुरूषोत्तम रजक और उनका बेटा शीलेन्द्र मिले. घर की तलाशी ली गई तो प्रतिबंधित बोर के तीन जिंदा कारतूस, राइफल स्प्रिंग, राइफल के बट प्लेट, ट्रिगर स्प्रिंग, ट्रिगर क्लिप और AK-47 राइफल से जुड़े दूसरे औजार, एक तलवार और 14 बोतल अंग्रेजी शराब और आठ बीयर की बोतलें मिलीं."

AK-47, बिहार, हत्याएं
Neeraj Priyadarshy/BBC
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मुंगेर से ऐसे जुड़ा है AK-47 का कनेक्शन

AK-47 से इस गिरोह का पहला सुराग मुंगेर से ही मिला था. जब पुलिस ने पिछले 29 अगस्त को मुंगेर के जमालपुर से इमरान को गिरफ्तार किया था. मुंगेर एसपी बाबू राम के मुताबिक इमरान से हुई पूछताछ में ये पता चला था कि उसके पास जबलपुर के एक आदमी ने जमालपुर आकर तीन AK-47 उपलब्ध कराए थे.

इमरान को AK-47 उपलब्ध कराने वाला व्यक्ति जबलपुर में पकड़ा गया सेना का रिटायर्ड आर्मोर पुरुषोत्तम रजक ही था.

जबलपुर एसपी अमित सिंह के अनुसार, "पुरुषोत्तम जब हथियार पहुंचाने जमालपुर बिहार गया था, तब वहां से लौटते समय मुंगेर में उसे AK-47 पकड़े जाने की खबर मिली. जिस पर उसने फोन कर अपने बेटे शीलेन्द्र से घर पर रखे हुए पैसे और अन्य साक्ष्य मिटाने के लिए कहा. शीलेन्द्र ने मण्डला रोड में गौर नदी के पुल के उपर से AK-47 राइफल के कलपुर्जे नदी में फेंक दिए. ऐसा उसने पूछताछ में स्वीकार भी किया है."

मुंगेर से इतनी भारी संख्या में मिले AK-47 हथियारों की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हथियार तस्करों का कनेक्शन बिहार, मध्यप्रदेश के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना से भी जुड़ता जा रहा है. इन राज्यों की पुलिस ने गिरोह में शामिल करीब आधा दर्जन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है.



AK-47, बिहार, हत्याएं
Neeraj Priyadarshy/BBC
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शुक्रवार को तेलंगना पुलिस ने भी मुंगेर पहुंच कर AK-47 रायफलों की तस्करी से संबंधित इनपुट मुंगेर पुलिस से लिए. इस मामले में डीआईजी जीतेन्द्र मिश्र ने कहा कि मुंगेर पुलिस मामले का अनुसंधान कर रही है. एकाध दिनों में अनुसंधान की समीक्षा रिपोर्ट सौंप दी जाएगी.

जबलपुर की रक्षा मंत्रालय की ऑर्डिनेंस फैक्टरियों सें लगातार छह वर्षों में 70 AK-47 रायफल और उसके कलपुर्जे चोरी हो जाने की घटना हिन्दुस्तान की आंतरिक सुरक्षा सुरक्षा में बड़ी सेंध है. जांच एजेंसियों ने इसे लेकर संबंधित राज्यों में अलर्ट भेज दिए हैं.

मुंगेर प्रमंडल के डीआईजी जीतेन्द्र मिश्र ने यह कहा है कि अब तक बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड और बंगाल से तस्करों के कनेक्शन की बात सामने आई है. इतने सारे राज्यों से कनेक्शन मिलने के बाद मामला गंभीर होता जा रहा है.

इसकी जांच के लिए एनआईए से भी अनुशंसा की जा सकती है, ताकि, अनुसंधान में और अधिक तेज़ी आए और गिरोह के दूसरे सदस्यों को पकड़ा जा सके. डीआईजी ने कहा कि जब तक मुंगेर पुलिस के पास यह मामला है, तब तक पुलिस पूरी ईमानदारी से अपने दायित्वों को निभाएगी.

AK-47, बिहार, हत्याएं
Neeraj Priyadarshy/BBC
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पांच लाख में बिक रहा है क्लाशिनिकोव सीरिज का AK-47

पुलिस को अब तक की छापेमारी में जो AK-47 मिले हैं, वे सारे एड्रयू क्लाशनिकोव सिरीज़ के हैं. तफ्तीश में पूछताछ पर जमालपुर से गिरफ्तार इमरान ने बताया कि एक AK-47 की कीमत कम से कम पांच लाख रुपए हैं. कभी-कभी कीमत सात से आठ लाख भी लग जाती है. ये खरीदारों पर निर्भर करता है.

जबलपुर से गिरफ्तार ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के सीओडी गोदाम कर्मचारी सुरेश ठाकुर और गिरोह के सरगना पुरुषोत्तम रजक के घर हुई छापेमारी में बिक्री के साक्ष्य और अन्य प्रमाण भी मिले हैं. मुंगेर पुलिस गिरफ्तार इमरान और उसके साथी शमशेर से पूछताछ कर ये पता लगा रही है कि आखिर ये एके-47 किन किन लोगों को सप्लाई की गई या बेची गई.

मुंगेर पुलिस अधीक्षक बाबूराम कहते हैं कि अब ये जांच का विषय है कि हथियारों की सप्लाई किन किन लोगों को की गई. पुलिस गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ कर रही है. हथियार नक्सलियों के पास गए या स्थानीय अपराधियों को सप्लाई किए गए, अब यह जांच का विषय है.

(जबलपुर से संजीव चौधरी के इनपुट के साथ)


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English summary
Why are the murders started in AK-47 in Bihar
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