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राजीव गांधी का नाम बार-बार क्यों ले रहे हैं मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सभाओं में भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बार-बार आलोचना की है.

By श्रीकांत बंगाले
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राजीव गांधी, नरेंद्र मोदी
AFP
राजीव गांधी, नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सभाओं में भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बार-बार आलोचना की है. कांग्रेस ने उनकी आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि पिछले पांच साल की नाकामियों के लिए राजीव गांधी ही ज़िम्मेदार हैं क्या?

अब तक हम राजीव गांधी की मोदी की आलोचना पर एक नज़र डालते हैं-

1. "आपके (राहुल गांधी) पिता को दरबारी लोग मिस्टर क्लीन कहते थे, लेकिन उनके जीवन का अंत भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में हुआ."

2. "जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो गांधी परिवार युद्धपोत आईएनएस विराट का उपयोग ''निजी टैक्सी'' के रूप में करता था."

मोदी की टिप्पणी पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया.

उन्होंने कहा, "बोफोर्स, आईएनएस विराट से सवाल पूछे जा रहे हैं और हम जवाब देने के लिए तैयार हैं. मोदी कह रहे हैं कि राजीव गांधी 30 साल पहले अंडमान गए थे, लेकिन वह सीरियल लायर हैं. वाइस एडमिरल विनोद पसरिचा ने मीडिया को बताया है कि राजीव गांधी एक आधिकारिक दौरे पर थे और वो यात्रा के लिए नहीं गए थे लेकिन मोदी सच्चाई से बात नहीं करना चाहते हैं. उनके पास कहने के लिए कुछ भी नहीं है."

लोकसभा चुनाव के पांच चरण पूरे हो चुके हैं और दो चरण का मतदान अभी भी जारी है. इस स्थिति में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की लगातार आलोचना कर रहे हैं.

बार-बार राजीव गांधी का नाम क्यों ले रहे हैं? क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक मतलब छिपा है?

राजीव गांधी
Getty Images
राजीव गांधी

राजीव गांधी का बार-बार जिक्र?

वरिष्ठ पत्रकार रशीद क़िदवई के अनुसार, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की लगातार आलोचना कर रहे हैं, दो बातें हो सकती हैं. एक तो लोकसभा चुनाव की जीत में उन्हें बहुत अधिक विश्वास हो सकता है. उन्हें लगता है कि वो 300 से अधिक सीटें जीतने जा रहे हैं. या, दूसरी ओर, उनके दिमाग़ में भारी दुविधा हो सकती है कि माहौल उनकी पार्टी के लिए माक़ूल नहीं है."

क़िदवई कहते हैं, "बोफोर्स, 1984 के दंगों के लिए मोदी राजीव गांधी की आलोचना कर रहे हैं. लेकिन इन मुद्दों में कोई नई बात नहीं है, ये सभी चीजें पहले ही सार्वजनिक हो चुकी हैं."

वरिष्ठ पत्रकार सुजाता आनंदन ने कहा, "मोदी लोगों के सामने उन सभी बातों को लेकर आ रहे हैं जो पहले ही लोगों को पता हैं, जिसकी वजह से राजीव गांधी 1989 के चुनाव हार गए थे, इसलिए नरेंद्र मोदी 30 साल पहले के इन मुद्दों को फिर से खड़ा कर रहे हैं."

उनके मुताबिक़, 'मोदी सरकार की पांच साल की उपलब्धियों पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए, पर उनके पास नया मुद्दा नहीं है.'

वे आगे कहती हैं, "भाजपा की आंतरिक समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार शायद उत्तर प्रदेश में उन्हें अधिक सीटें मिलने की संभावना कम है, इसलिए ये मोदी की कोशिश हो सकती है कि वो राजीव गांधी का नाम लोगों की भावनाएं उभारने के लिए लें."

राजीव गांधी
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राजीव गांधी

सिख वोटरों का असर?

बीबीसी पंजाबी के संपादक अतुल संगर कहते हैं, "इंदिरा गांधी ने 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था, इसके बाद उनके ही सुरक्षा गार्ड ने उनकी हत्या कर दी. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में बड़ा दंगा हुआ था. राजीव गांधी ने उसके बाद एक बयान दिया था."

वो बयान था- "जब एक बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती कांप जाती है."

अतुल संगर के अनुसार, "उनके इस बयान को सिख नरसंहार के समर्थन के रूप में देखा गया. यही कारण है कि विपक्षी दल आज भी उनका नाम लेते हैं. विरोधी भी सिख समुदाय को सिख हत्याओं की याद दिलाना चाहते हैं. उनकी कोशिश है कि सिखों को वो दिन भी याद रखना चाहिए."

"अब दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में मतदान होना है, जहाँ तीनों राज्यों में सिख मतदाताओं की संख्या अधिक है, इस दौरान मोदी इन बयानों के ज़रिए सिखों को राजीव गांधी के वक़्त की याद दिलाना चाहते हैं, ताकि सिख मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके."

कांग्रेस पार्टी बात क्यों नहीं कर रही है?

कांग्रेस पार्टी शुरू में राजीव गांधी की आलोचना पर जवाब देने से बचती रही. लेकिन तब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने जवाब दिया.

राहुल गांधी ने कहा, "आपका कर्म आपकी बाट जोह रहा है. आप चाहे जितने तिरस्कार से बोलें, लेकिन मैं आपको प्रेम से गले लगाउंगा."

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प्रियंका गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री, जो सैनिकों के नाम पर वोट चाहते हैं, उन्होंने एक ईमानदार व्यक्ति का अपमान किया है, अमेठी के लोग आपको जवाब देंगे."

लेकिन ये केवल प्रतिक्रियाएं हैं, कांग्रेस के नेता राजीव गांधी की आलोचना के बारे में ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं.

अतुल संगर कहते हैं, "राजीव गांधी के नाम से जुड़े कुछ मुद्दे हैं, जिनमें बोफोर्स मामला, दिल्ली और पंजाब में हिंसा. जब भी राजीव गांधी का नाम आता है ये मुद्दे ज़िंदा हो जाते हैं. और कांग्रेस राजीव गांधी की आलोचना का माक़ूल जवाब नहीं दे पाती है."

महाराष्ट्र के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा, "मैं राजीव गांधी की आलोचना के बारे में इतना ही कहूंगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हार मान गए हैं, इसलिए वे चुनाव प्रचार में राजीव गांधी के बारे में अपमानजनक बयान दे रहे हैं."

नरेंद्र मोदी
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नरेंद्र मोदी

मोदी का स्पष्टीकरण

प्रधानमंत्री मोदी ने इस सवाल का जवाब दिया है कि वो राजीव गांधी की लगातार आलोचना क्यों कर रहे हैं.

उन्होंने टाइम्स नाउ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "जब कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा कि मैं नरेंद्र मोदी की छवि को तार तार करना चाहता हूं और इसीलिए वो मेरे ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगा रहे हैं, इसलिए मैंने इसके ख़िलाफ़ बात करने का फैसला किया."

मोदी ने कहा, "उनके पिता को दरबारी लोग मिस्टर क्लीन कहते थे, लेकिन उनका अंत भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में हुआ."

मोदी ने कहा, "यदि आप देश के नेता की छवि को तार तार करने के लिए किसी भी ग़लत तरीक़े का इस्तेमाल करते हैं, तो मैं कहूंगा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में भी बात करनी चाहिए."

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English summary
Why are Modi calling Rajiv Gandhi's name repeatedly?
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