'गोवा सीएम मनोहर पर्रिकर के साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं?'- सोशल
अग्नाशय के कैंसर का इलाज काफ़ी मुश्किल है और इस बीमारी के केवल पांच फ़ीसदी मरीज़ ही बीमारी होने के बाद पाँच साल तक जिंदा रह पाते हैं.
इसकी ख़ास वजह यह है कि इस बीमारी के दस रोगियों में केवल एक के ट्यूमर का ही ऑपरेशन संभव हो पाता है.
पर्रिकर भी काफी वक़्त से बीमार हैं.
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की एक नई तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
इस तस्वीर में मनोहर पर्रिकर ड्रिप लगाकर एक निर्माणाधीन पुल का दौरा करते हुए इंजीनियरों को निर्देश देते नज़र आ रहे हैं.
ठीक एक दिन पहले ही पर्रिकर ने गोवा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्थायी कैंपस की आधारशिला का शिलान्यास करते दिखे थे.
इन दोनों ही मौक़ों की तस्वीरें सीएम मनोहर पर्रिकर के ट्विटर अकाउंट से शेयर की गईं.
अब सोशल मीडिया पर लोग इन दोनों ही तस्वीरों पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. कुछ लोग इन तस्वीरों पर पर्रिकर को लेकर सहानभूति जता रहे हैं और कुछ हैरानी.
पर्रिकर की तस्वीर पर क्या बोले लोग?
राहुल अग्रवाल ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा- ''ये पर्रिकर के साथ बेहद अमानवीय व्यवहार है.''
https://twitter.com/PsychoMaan/status/1074528430845296640
जितेंद्र लिखते हैं, ''मनोहर पर्रिकर को प्लीज़ कुछ आराम दीजिए.''
किरन लिखती हैं, ''मनोहर सर, अपनी सेहत का ख्याल रखिए. आराम कीजिए और ज़रूरी दवाइयां लीजिए.''
सूर्या लिखते हैं, ''इन तस्वीरों को देख नहीं सकता. ये लोग पर्रिकर के साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं?''
उमेश ने लिखा, ''युवाओं के लिए पर्रिकर प्रेरणा के स्रोत हैं. मैंने कभी किसी नेता में ऐसी लगन नहीं देखी. वो अपनी सेहत की परवाह नहीं करते हैं. मेरी दूसरे नेताओं को सलाह है कि वो मनोहर पर्रिकर से कुछ सीखें.''
हर्षल ने ट्वीट किया, ''इस तस्वीर को देखकर रोने का मन करता है. अपनी सेहत का ख्याल रखिए. हमें देश में आप जैसे लोगों की और ज़रूरत है.''
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पर्रिकर को है क्या बीमारी?
पर्रिकर पैन्क्रियाज़ यानी अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे हैं.
पैन्क्रियाज़ कैंसर की वेबसाइट के मुताबिक़, शुरुआती स्टेज में इस बीमारी के बारे में नहीं पता चल पाता है.
इस बीमारी का किस पर कितना असर होता है, ये किसी व्यक्ति की सेहत पर निर्भर करता है. आमतौर पर इसके लक्षण ये हैं कि बीमार व्यक्ति के पेट और पीठ में दर्द होता है, अचानक वज़न घटने लगता है और पाचन तंत्र बिगड़ जाता है.
इसके अलावा भूख कम हो जाती है और कुछ मामलों में शुरुआती लक्षणों में बीमार व्यक्ति को पीलिया तक हो जाता है.
अग्नाशय के कैंसर का इलाज काफ़ी मुश्किल है और इस बीमारी के केवल पांच फ़ीसदी मरीज़ ही बीमारी होने के बाद पाँच साल तक जिंदा रह पाते हैं.
इसकी ख़ास वजह यह है कि इस बीमारी के दस रोगियों में केवल एक के ट्यूमर का ही ऑपरेशन संभव हो पाता है.
पर्रिकर भी काफी वक़्त से बीमार हैं.
बीमार होने के बावजूद पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के चलते बीजेपी को विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है.
बीते महीने गोवा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मार्च निकालकर पर्रिकर के इस्तीफे की मांग की थी.
दिल्ली के एम्स से छुट्टी होने के बाद पर्रिकर अपने घर पर ही हैं.