क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

गलवान घाटी से हैदराबाद क्यों लौट रही है 16 बिहार रेजिमेंट, उसकी जगह 1 बिहार की होगी तैनाती

Google Oneindia News

नई दिल्ली- पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के दांत खट्टे करने वाले 16 बिहार रेजिमेंट को अब हैदराबाद भेजा जा रहा है। उनकी जगह बिहार की ही सबसे पुरानी रेजिमेंट 1 बिहार की तैनाती हो रही है। 15 जून की रात गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों ने चीन के जवानों को जो सबक सिखाया था, उसकी चर्चा चाइनीज मीडिया में भी सुनाई पड़ी हैं। हालांकि, चीन ने आधिकारिक तौर पर तो अभी तक सिर्फ अपने कमांडिंग ऑफिसर और सेकंड कमांड के मारे जाने की बात ही मानी है, लेकिन चीन की सेना में काम कर चुके रिटायर्ड अधिकारियों ने भी चीन के हताहतों की संख्या बहुत ही ज्यादा बताई है। गलवान के खूनी संघर्ष में 16 बिहार रेजिमेंट ने जिस वीरता और अदम्य साहस का परिचय दिया है, वह अब एक सुनहरे अक्षरों में लिखा गया सेना की सफलता के रूप में दर्ज हो चुका है। ऐसे में आइए जानते हैं कि यह रेजिमेंट हैदराबाद क्यों जा रही है और उसकी जगह तैनात होने वाले 1 बिहार का पराक्रम कैसा रहा है।

Recommended Video

Galwan Valley से Hyderabad लौट रही है 16 Bihar Regiment,जानें क्या है इसकी वजह | वनइंडिया हिंदी
गलवान से हैदराबाद लौट रही है 16 बिहार रेजिमेंट

गलवान से हैदराबाद लौट रही है 16 बिहार रेजिमेंट

16 बिहार रेजिमेंट के वीर बांकुरे अब गलवान घाटी के फॉर्वर्ड लोकेशन से पीसटाइम स्टेशन हैदराबाद भेजे जा रहे हैं। 15 जून की रात इस रेजिमेंट के जवानों ने जो शौर्य का परचम लहराया था, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। भारत माता की हिफाजत के लिए इस रेजिमेंट ने कर्नल संतोष बाबू जैसा अपना कमांडिर ऑफिसर भी खो दिया। हालांकि, गलवान के खूनी संघर्ष में कर्नल संतोष बाबू और उनके रेजिमेंट समेत कुछ और रेजिमेंट के जवानों ने पीएलए के कई सैनिकों और उसके कमांडिंग ऑफिसर को भी मौत की नींद सुला दिया था। अब गलवान घाटी में 16 बिहार रेजिमेंट की जगह 1 बिहार रेजिमेंट लेगी। आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एएस लांबा का कहना है कि एक अभूतपूर्व युद्ध की स्थिति में 16 बिहार की ओर से दिखाई गई वीरता भारत के सैन्य इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होने के लिए बाध्य है। बटालियन की कार्रवाइयां भारत की विशाल सीमाओं पर फ्रंट-लाइन ड्यूटी निभाने वालों को प्रेरित करेंगी।

पूर्वी लद्दाख में ढाई साल के लिए ही हुई थी तैनाती

पूर्वी लद्दाख में ढाई साल के लिए ही हुई थी तैनाती

हम यहां 1 बिहार रेजिमेंट की वारताओं से आपको रूबरू करवाएं उससे पहले ये जान लेते हैं कि16 बिहार रेजिमेंट आखिरकार ऐसे समय में गलवान से क्यों जा रही है, जब एलएसी पर भले ही चीन थोड़ा पीछे हटने को मजबूर हुआ हो, लेकिन उसके असल इरादे के बारे में कुछ भी कयास लगाना बहुत ही असंभव है। सूत्रों की मानें तो 16 बिहार रेजिमेंट का पीसटाइम लोकेशन पर जाना वहां के मौजूदा हालात से कोई मतलब नहीं है। दरअसल, इस रेजिमेंट को अप्रैल में ही हैदराबाद शिफ्ट हो जाना था। इस रेजिमेंट ने पूर्वी लद्दाख में अपना ढाई साल का कार्यकाल मार्च-अप्रैल में ही पूरा कर लिया था। लेकिन, कोरोना लॉकडाउन के वजह से इसका मूवमेंट नहीं हो पाया और इसमें देरी हो गई। एक अधिकारी के मुताबिक गलवान घाटी में 16 बिहार और दूसरी यूनिट ने खूनी संघर्ष में सम्मानजनक लड़ाई लड़ी और चुनौतियों का बेहतरीन मुकाबला किया। अब यह पीस-टाइम लोकेशन की ओर जा रही है।

भौतिक जायजा लेने के दौरान ही पीएलए ने किया था हमला

भौतिक जायजा लेने के दौरान ही पीएलए ने किया था हमला

लेकिन, गलवान का संकट अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। चाइनीज सेना पीछे जरूर हटी है और वहां पर पीएलए का जमावड़ा भी घटा है। लेकिन, अगले कुछ हफ्तों में वहां की जमीनी हालातों का भौतिक निरीक्षण होना है। यह उसी तरह की चुनौती है, जिस दौरान चीनी सैनिकों ने धोखे से 37 वर्षीय कर्नल संतोष बाबू की टीम पर कातिलाना हमला कर दिया था। वे कमांडर स्तरीय बातचीत के मुताबिक ही पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर यह देखने गए थे कि वादे के मुताबिक पीएलए वहां से हटी है कि नहीं। इसी दौरान चाइनीज आर्मी ने हिंसक झड़प शुरू कर दी। उस घटना में कर्नल संतोष बाबू समेत 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और 78 जख्मी हो गए थे, जिनमें कुछ काफी गंभीर रूप से घायल हुए थे। अब सारे घायल जवान ठीक हो चुके हैं। इस लड़ाई में 3 पंजाब रेजिमेंट और फॉर्वर्ड ऑब्जर्वर्स के दो आर्टिलियर रेजिमेंट्स के जवान भी तैनात थे।

1 बिहार, बिहार की सबसे पुरानी रेजिमेंट है

1 बिहार, बिहार की सबसे पुरानी रेजिमेंट है

अब गलवान के फॉर्वर्ड लोकेशन पर जिस 1 बिहार रेजिमेंट की तैनाती होनी है, उसकी स्थापना 1941 में हुई थी। यह बिहार की सबसे पुरानी रेजिमेंट है। इस रेजिमेंट ने बर्मा युद्ध और करगिल युद्ध के दौरान बटालिक में अपनी बहादुरी दिखाई थी।

इसे भी पढ़ें- India-China: पैंगोंग त्‍सो पर स्थिति अभी भी मुश्किल, भारी संख्‍या में मौजूद हैं PLA के सैनिकइसे भी पढ़ें- India-China: पैंगोंग त्‍सो पर स्थिति अभी भी मुश्किल, भारी संख्‍या में मौजूद हैं PLA के सैनिक

Comments
English summary
Why 16 Bihar Regiment is returning from Galvan Valley to Hyderabad, will be replaced by 1 Bihar
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X