शीला दीक्षित के बाद कौन होगा दिल्ली कांग्रेस का नया अध्यक्ष, ये नाम सबसे आगे
ऐसे में अब सवाल उठता है कि शीला दीक्षित के जाने के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष किसे बनाया जाएगा।
नई दिल्ली। अपनी दिग्गज नेता और संगठन की मजबूत कड़ी शीला दीक्षित को खोने के बाद अब कांग्रेस के सामने दिल्ली में नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया है। शीला दीक्षित 81 साल की उम्र के बावजूद पूरी ऊर्जा के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहीं थीं। अजय माकन के इस्तीफा देने के बाद संगठन को एकजुट करने की जिम्मेदारी शीला दीक्षित को सौंपी गई थी और उन्होंने इस जिम्मेदार को बखूबी निभाया। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं, जिसमें शीला दीक्षित ने अपनी पार्टी को नंबर तीन की पॉजिशन से नंबर दो पर लाकर खड़ा कर दिया। ऐसे में अब सवाल उठता है कि शीला दीक्षित के जाने के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष किसे बनाया जाएगा। फिलहाल कांग्रेस नेताओं के बीच इन 7 नामों को लेकर चर्चा तेज है।
सबसे आगे इस नेता का नाम
दिल्ली में कुछ ही महीनों बाद 2020 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस के सामने समस्या यह है कि शीला दीक्षित के जाने के बाद संगठन को एकजुट करने की जिम्मेदारी किसे दी जाए। पार्टी एक ऐसे नेता को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना चाहती है, जो संगठन को मजबूत और एकजुट करने के साथ-साथ विधानसभा चुनाव के लिए भी कार्यकर्ताओं में जोश भर सके। इस कड़ी में सबसे पहला नाम अरविंदर सिंह लवली का है। लवली पहले भी प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी मजबूत पकड़ भी है। हालांकि लवली पिछले विधानसभा चुनाव के समय अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गए थे, लेकिन कुछ समय बाद ही फिर से कांग्रेस में लौट आए। हाल में अरविंदर सिंह लवली को पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से टिकट भी दिया गया था।
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इन 6 नामों पर भी चर्चा तेज
अरविंदर सिंह लवली के बाद जो नाम चर्चा में हैं उनमें अजय माकन, जेपी अग्रवाल, डॉ, अशोक वालिया, राजकुमार चौहान, राकेश लिलोठिया और हारून यूसुफ के नाम आगे बताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि शीला दीक्षित ने अध्यक्ष रहते हुए पार्टी में चल रही गुटबाजी को काफी हद तक कम कर दिया था और कार्यकर्ताओं में भी आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ऊर्जा भर दी थी। कांग्रेस की निगाहें आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव पर हैं और वो काफी सोच-विचार के बाद ही किसी नेता को नया पार्टी अध्यक्ष बनाना चाहती है।
विरोधी भी करते थे शीला की तारीफ
आपको बता दें कि लंबी बीमारी के बाद शनिवार को दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में शीला दीक्षित का निधन हो गया। एस्कॉर्ट हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. अशोक सेठ के मुताबकि, 'तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें हॉस्पिटल लाया गया था, जहां डॉक्टरों की एक टीम उनकी हालत पर लगातार नजर बनाए हुए थी। दोपहर 3:15 बजे उन्हें फिर से दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। दोपहर को 3 बजकर 55 मिनट पर उनका निधन हो गया।' शीला दीक्षित के निधन की खबर से कांग्रेस सदमे में है। मुख्यमंत्री रहते हुए शीला दीक्षित ने विकास के मामले में दिल्ली का कायापलट कर दिया था। उनके कार्यकाल में कई ऐसी योजनाएं थीं, जिनके लिए विरोधी भी उनकी तारीफ करते थे।
'शीला दीक्षित जी के निधन से गहरा दुख'
हाल ही में 2019 के लोकसभा चुनाव में शीला दीक्षित दिल्ली की उत्तर-पूर्व दिल्ली सीट से चुनाव लड़ीं थी। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उनके निधन पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी की एक प्यारी बेटी शीला दीक्षित जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुखी और निराश हूं, जिनके साथ मैंने एक करीबी व्यक्तिगत संबंध महसूस किया। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार और दिल्ली के नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्हें उन्होंने निस्वार्थ भाव से तीन बार सीएम रहते हुए अपनी सेवाएं दी।' वहीं, उनके निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'शीला दीक्षित जी के निधन से गहरा दुख हुआ। एक ऊर्जावान और मिलनसार व्यक्तित्व के साथ उन्होंने दिल्ली के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।'
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