कौन थी शूर्पणखा? उसकी हंसी पर क्यों है इतना बवाल?
नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को आधार कार्ड योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस योजना का विचार सबसे पहले 1998 में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने दिया था। इस पर वहां मौजूद कांग्रेस नेत्री रेणुका चौधरी खिलखिलाकर हंस पड़ीं। उन्हें सभापति वैंकेया नायडू ने शांत रहने को कहा तो मोदी ने मुस्कुराते हुए सभापति से कहा कि कांग्रेस सांसद को बख्श दें, क्योंकि रामायण सीरियल के बाद आज हमें ऐसी हंसी सुनने का मौका मिला है। बहरहाल यह तो बात हुई राजनीति की, लेकिन पीएम मोदी का इशारा रामायण की प्रमुख महिला नेगेटिव किरदार शूर्पणखा की ओर था। आइये आज जानते हैं शूर्पणखा आखिर कौन थी और उसकी हंसी के इतने चर्चे रामायण से लेकर आज तक क्यों हैं?
क्यों पड़ा था नाम शूर्पणखा
शूर्पणखा रावण की एकमात्र बहन थी। उसके नाखून सूर्प जैसे बड़े-बड़े और चौड़े थे इसलिए उसका नाम शूर्प और नखा से मिलकर शूर्पणखा पड़ा। राम-रावण युद्ध के मूल में जाएं तो वह शूर्पणखा के कारण ही हुआ था। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, जब राम, लक्ष्मण और सीता वनवास के दौरान पंचवटी में निवास कर रहे थे, तब रावण की बहन शूर्पणखा का दिल राम पर आ गया। वह थी तो भयानक कुरूप राक्षसी लेकिन अपनी मायावी शक्तियों से एक अत्यंत सुंदर स्त्री का रूप लेकर राम के पास प्रणय निवेदन लेकर पहुंची।
लक्ष्मण ने काट दी थी शूर्पणखा की नाक
राम ने उसके प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया कि वह पहले से विवाहित हैं और उनकी एक सुंदर स्त्री सीता है। इसके बाद शूर्पणखा लक्ष्मण के पास प्रणय निवेदन लेकर पहुंची, लेकिन लक्ष्मण स्वभाव से क्रोधी थे तो उन्होंने आव देखा न ताव, शूर्पणखा की नाक काट ली। इससे अपमानित होकर वह अपने भाई रावण के पास पहुंची और अपमान का बदला लेने को कहा। अपनी बहन के साथ हुए अत्याचार का बदला लेने के लिए रावण ने सीता का हरण कर लिया और इसकी परिणीति राम-रावण युद्ध हुआ।
अब बात हंसी की...
चूंकि शूर्पणखा राक्षसी थी इसलिए स्वभावत: उसकी हंसी भी भयानक थी। रामायण को आधार बनाकर लिखे गए अनेक ग्रंथों में शूर्पणखा के बारे में कहा जाता है कि किसी खुशी के अवसर पर उसका अट्टाहास महाभयानक होता था और दुख के समय विलाप ऐसा कि अच्छे-अच्छे कांप जाए। कहा जाता है जब वह राम-लक्ष्मण के पास प्रणय निवेदन लेकर पहुंची थी तब वह सुंदरी के रूप में थी और उसके होठों पर संसार को सम्मोहित करने वाली मोहक मुस्कान थी, लेकिन दोनों भाइयों पर उसकी मुस्कान के वशीकरण का कोई प्रभाव नहीं हुआ था। जब लक्ष्मण ने उसकी नाक काटी थी, तो पहले तो उसने भयानक अट्टाहास किया था उसके बाद विलाप करती हुई गायब हो गई थी।
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