कौन था 10 लाख का इनामी आतंकी अब्दुल कयूम नजर
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में सेना को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मोस्टवाटेंड आतंकी अब्दुल कयूम नजर उर्फ जन साबिह को मार गिराया है। घाटी में घुसपैठ की कोशिश कर रहे नजर को सेना ने मार गिराया। आतंकी नजर उस वक्त सेना की गोलियां का शिकार हो गया जब वो घाटी के लाछीपुरा में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था। उसे खास मकसद के साथ घाटी भेजा रहा था। दरअसल घाटी में सुरक्षाबलों की चौकसी की वजह से आंतकियों की कोशिशें नाकाम हो रही है। लगातार आतंकी मार गिराए जा रहे हैं, ऐसे में यहां हिजबुल मुजाहिद्दीन की कमान लेने के लिए वो घाटी में लौट रहा था। वो एक बार फिर से उरी जैसे हमले के इरादे से घाटी में घुस रहा था।
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अब्दुल नजर आतंकी संगठन का सबसे पुराना कमांडर था। आतंकी नजर घाटी में 50 से अधिक हत्याओं के मामले में वांछित था। कश्मीर पुलिस ने आतंकी नजर के सिर पर 10,00000 रुपए का इनाम रखा हुआ था। आतंकी अब्दुल कयूम नजर 16 साल की उम्र से ही आतंकवादी घटनाओं में शामिल था। साल 2015 में उसे इंडियन मुजाहिद्दीन से बाहर निकाल दिया गया, जिस के बाद उसने अपना एक अलग संगठन बना लिया, जिसके नाम लश्कर ए इस्लाम रखा।
16 साल की उम्र में आतंकी संगठन में शामिल होने वाला नजर चर्चा में उस वक्त आया जब उसने साल 2016 में सापोर में एक मोबाइल टावर उड़ाया और 6 लोगों की हत्या कर दी। इसी हमले के बाद नजर पर 10 लाख रुपए के ईनाम की घोषणा की गई। सापोर के रहने वाले नजर को 1992 में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन छूटने के बाद 1995 से एक बार फिर से वो आतंकी संगठन से जुट गया। नजर भले ही एक आतंकी था, लेकिन उस की नजर हमेशा से कमांडर के पद पर रहती थी।
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इसलिए हिजबुल के चीफ कमांडर की हत्या के बाद उसे वो तमगा भी मिल गया। लेकिन हिजबुल के टॉप कमांडर के साथ तालमेल की कमी के चलते उसे कमांडर सैयद सलाहुद्दीन ने उसे संगठन से बाहर कर दिया था। जिसके बाद उसने लश्कर-ए-इस्लाम नाम से दूसरी आतंकी संगठन बना दी। नजर ने हुर्रियत नेता शेख अल्ताफ उर रहमान से जुड़े लोगों की हत्या करनी शुरू कर दी। घाटी में आतंक मचाया। बिजनेसमैन को टारगेट किया। लेकिन अब उस आतंक का खात्मा हो चुका है।