विजयनगरम: 400 साल पुरानी भगवान राम की मूर्ति किसने तोड़ी, आंध्र प्रदेश में सियासी बवाल
नई दिल्ली- आंध्र प्रदेश के विजयनगरम (Vizianagaram) में भगवान राम (Lord Rama)की 400 साल पुरानी मूर्ति तोड़े जाने की घटना पर सियासी बवाल मच चुका है। राज्य की विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी दल के खिलाफ इस घटना पर मोर्चा खोल चुकी हैं। यह घटना आंध्र प्रदेश के विजयनगरम स्थित रामतीर्थम मंदिर (Ramateertham temple) की है। विपक्ष मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी (Chief Minister YS Jagan Mohan Reddy) की सरकार से सवाल पूछ रहा है कि एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में उनकी मूर्ति तोड़ी जा रही है।
सीबीआई जांच की उठी मांग
आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में 400 साल पुरानी भगवान राम की मूर्ति तोड़े जाने की घटना का दूरगामी सियासी असर देखा जा सकता है। यही वजह है कि इस मुद्दे पर राज्य की विपक्षी पार्टियां जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। अभिनेता से नेता बने जना सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने कहा है, 'भगवान राम की मूर्ति पर हमला किया जा रहा है, जबकि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। 'राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का आरोप है कि 'सिर्फ लोग ही नहीं वाईएस जगन के शासन में मंदिर और मूर्तियां भी सुरक्षित नहीं हैं।' पवन कल्याण ने इस तरह की कई घटनाओं की जांच के लिए सीबीआई जांच तक की मांग कर दी है।
आंध्र प्रदेश में कौन कर रहा है मंदिरों पर हमले?
दरअसल, विजयनगरम के रामतीर्थम मंदिर के पुजारी ने मंगलवार की सुबह में पाया था कि प्राचीन मंदिर की मूर्ति टूटी हुई है। बाद में उस 400 साल पुरानी भगवान राम की मूर्ति के कई हिस्से पास के एक तालाब में मिले। विजयनगरम पुलिस ने इस घटना की जांच के लिए पांच टीमें बनाई हैं। विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार के निकम्मेपन की वजह से समाज के दुश्मन ऐसी हिमाकत कर रहे हैं। पवन कल्याण ने कहा है, 'उन्होंने ऐतिहासिक मंदिर में इस विभत्स वारदात को अंजाम दिया, क्योंकि राज्य सरकार पीथमपुरम, कोंडा बिटरागुंटा और अंतरावेदी की घटनाओं पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं की। अंतरावेदी में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के रथ को जलाने जैसी घटना के पीछे जो लोग थे उनका अबतक न तो पता चला है और ना ही गिरफ्तारी हुई है।'
16वीं सदी की गोवा जैसी घटना- BJP
इस संग्राम में भाजपा ने भी सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश के सह-प्रभारी और भाजपा(BJP) के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने कहा है, 'आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में 400 साल पुरानी भगवान राम की प्रतिमा तोड़ना बहुत ही भयानक घटना है। अधिकारियों ने अब तक "उत्तरआंध्रा अयोध्या" मंदिर पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया है। वाईएस जगन की ओर से कोई कार्रवाई ना होना मंदिर पर हमले का मौन समर्थन दिखाता है।' उन्होंने दावा किया है कि राज्य में हिंदू मंदिरों पर हो रहे 16वीं सदी में गोवा में हुए हमलों की याद ताजा करते हैं, जिसमें क्रूर सेंट जेवियर ने मंदिरों को तोड़ दिए थे और जबरन धर्मांतरण करवाए थे। उन्होंने यह भी कहा है कि यह हमला तालिबान के द्वारा बामियान में बुद्ध प्रतिमा तोड़ने की वारदात की भी याद दिला रही है।
19 महीनों में 120 मंदिरों पर हमले- चंद्रबाबू
जबकि टीडीपी(TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का आरोप है कि 'पिछले 19 महीनों में मंदिरों पर 120 हमले हो चुके हैं। ये सारे हमले पूर्वनजबकि टीडीपी(TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का आरोप है कि 'पिछले 19 महीनों में मंदिरों पर 120 हमले हो चुके हैं। ये सारे हमले पूर्वनियोजित हैं। पीथमपुरम में 6 मंदिरों में 23 प्रतिमाएं तोड़ी गईं। गुंटूर में दुर्गामा मंदिर को गिरा दिया गया।' उन्होंने कहा कि लेकिन मुख्यमंत्री मूकदर्शक बनकर मंदिरों पर हमले होते देख रहे हैं। वाकई सवाल गंभीर है और इसके पीछे कोई बहुत बड़ी साजिश लग रही है, जिसकी जांच में कोताही बरतना राज्य सरकार को आगे चलकर काफी भारी पड़ सकती है।
योजित हैं। पीथमपुरम में 6 मंदिरों में 23 प्रतिमाएं तोड़ी गईं। गुंटूर में दुर्गामा मंदिर को गिरा दिया गया।' उन्होंने कहा कि लेकिन मुख्यमंत्री मूकदर्शक बनकर मंदिरों पर हमले होते देख रहे हैं। वाकई सवाल गंभीर है और इसके पीछे कोई बहुत बड़ी साजिश लग रही है, जिसकी जांच में कोताही बरतना राज्य सरकार को आगे चलकर काफी भारी पड़ सकता है।