WHO ने कहा- कोरोना महामारी लाखों लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही
WHO ने कहा- कोरोना महामारी लाखों लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही
नई दिल्ली। भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कोरोना मनुष्य के कई अंगों को प्रभावित कर रहा हैं। इतना ही नहीं कोरोना मानसिक स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है। अब डब्लूएचओ ने भी ये बात इस बात की पुष्टि की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि चल रहे वैश्विक कोविड -19 महामारी ने लाखों लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। टेड्रोस ने गुरुवार को जिनेवा से एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "कई लोगों के लिए, महामारी के कारण सामाजिक संपर्क में न रहने के कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है।"
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि लंबी अवधि तक घर जैसी सुविधाओं और देखभाल नहीं मिलने के कारण मनोरोग संस्थानों में लोगों को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि कई मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर स्वयं इस वायरस से सकंमित हो गए हैं और कुछ मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले अस्पताल कोविड मरीजों के लिहाज से उपचार सुविधाओं में परिवर्तित करने के लिए वर्तमान समय में इलाज बंद कर रखा है।
उन्होंने याद दिलाया कि मानसिक स्वास्थ्य पहले से ही महामारी से पहले मानसिक विकार के साथ रहने वाले एक अरब लोगों के साथ "एक उपेक्षित स्वास्थ्य मुद्दा" था । उन्होंने कहा कि फिर भी अपेक्षाकृत कम लोगों के पास गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य सेवा पहुंच पा रही है।टेड्रोस ने कहा, कम और मध्यम आय कमाने वाले देशों में, मानसिक, न्यूरोलॉजिकल और मादक द्रव्यों के सेवन से संबंधित 75 प्रतिशत से अधिक लोगों को अपनी स्थिति का कोई इलाज नहीं मिलता है।"
उन्होंने घोषणा की कि इस साल के विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए, जो 10 अक्टूबर मनाया जाता है डब्ल्यूएचओ अपने साथी संगठनों, यूनाइटेड फॉर ग्लोबल मेंटल हेल्थ और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ के साथ मिलकर मानसिक स्वास्थ्य में बड़े पैमाने पर निवेश करेगा।
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