कौन है तेलंगाना में विधानसभा चुनाव जीतने वाला इकलौता भाजपा उम्मीदवार ?
हैदराबाद। तेलंगाना में हुए विधानसभा सीटे के नतीजे भी मंगलवार को आए। यहां पर पिछली बार केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी को पांच सीटें मिली थीं। इस बार बीजेपी को सिर्फ एक ही सीट हासिल हो सकी है। यह एक सीट गई है राजा सिंह लोध को और उन्होंने गोशामहल की सीट पर कब्जा किया है। राजा सिंह ने टीआरएस के प्रेम सिंह राठौर को मात दी है। राजा को जीत के बाद एक फायरब्रांड नेता कहा जा रहा है क्योंकि जहां पार्टी के सारे उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा तो वहीं राजा अकेले विजेता बनकर उभरे हैं। तेलंगाना में सात दिसंबर को वोट डाले गए थे। यह भी पढ़ें-फीकी हो गई 'ब्रांड मोदी' की चमक, बढ़ रहा पीएम पर खतरा
हेट स्पीच से जुड़े 60 केस
राजा सिंह ने गैर-हिंदु मतदाताओं से अपील की थी अगर उन्हें भारत माता की जय' नहीं बोलना है और बीफ खाना बंद नहीं करना है तो वे उन्हें वोट न दें। अपने इस बयान के बाद वह विवादों में आ गए थे। राजा सिंह के खिलाफ 60 से ज्यादा केस दर्ज हैं और ज्यादातर हेट स्पीच से जुड़े हैं। राजा सिंह ने पिछली बार भी गोशामहल से जीत हासिल की थी और इस बार अपनी सीट बरकरार रखने में कामयाबी हासिल की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके लिए कैंपेनिंग की थी।
साल 2014 में टीडीपी के साथ लड़ा चुनाव
बीजेपी ने साल 2014 में टीडीपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी के राज्य ईकाई के अध्यक्ष के लक्ष्मण और किशन रेड्डी मुर्शीदाबाद और अंबरपेट से चुनाव हार गए हैं। अपने बयान में लक्ष्मण ने कहा कि बीजेपी जनता का फैसला स्वीकारती है और नरेंद्र मोदी की सरकार तेलंगाना के विकास के लिए हमेशा अग्रणी रहेगी। लक्ष्मण ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि बेरोजगारी, पारिवारिक सत्ता, भ्रष्टाचार या फिर तानाशाही की वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हार की वजह टीडीपी के मुखिया और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के प्रचार का नुकसान पार्टी को उठाना पड़ा है।
काम नहीं आया मोदी और शाह का प्रचार
लक्ष्मण का दावा है कि नायडू के प्रचार ने लोगों को भावनात्मक कर दिया था। बीजेपी ने तेलंगाना की 118 सीटों पर चुनाव लड़ा था और एक सीट अपनी सहयोगी पार्टी युवा तेलंगाना पार्टी को दी थी। बीजेपी ने मतदाताओं से अपील की थी कि वह राज्य में बदलाव लाने के लिए टीआरएस या फिर कांग्रेस की जगह उसका चुनाव करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यहां पर धुंआधार प्रचार किया था।