WHO ने की ओडिशा सरकार की तारीफ, कहा- कई मुसीबतों के बाद भी कोरोना से बचाव के लिए किया अच्छा काम
नई दिल्ली: भारत में अब तक कोरोना वायरस के 62 लाख मामले सामने आ चुके हैं। मौजूदा वक्त में सभी राज्य कोरोनो से बुरी तरह प्रभावित हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कुशल कोविड-19 प्रबंधन के लिए ओडिशा सरकार की प्रशंसा की है, क्योंकि अम्फान तूफान के दौरान भी ओडिशा सरकार ने अपने नागरिकों और प्रवासी मजदूरों की रक्षा की थी। इसके अलावा राज्य में कोरोना का पहला केस आने से पहले ही वहां पर कई बड़े कदम उठाए गए थे। जिस वजह से स्थिति नियंत्रण में रही।
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WHO की वेबसाइट पर "गवर्नेंस से सामुदायिक लचीलापन: ओडिशा की कोविड-19 पर प्रतिक्रिया" नाम से एक लेख प्रकाशित हुआ है। जिसमें ओडिशा और वहां पर कोरोना वायरस के रोकथाम को लेकर विस्तार से लिखा गया है। WHO के मुताबिक सामाजिक विकृति के उपायों का पालन करते हुए फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन आपदा प्रबंधन में राज्य के अनुभव ने स्थिति को संभालने में मदद की। साथ ही पंचायती राज संस्थानों ने भी कोरोना के प्रसार को रोकने में अहम भूमिका निभाई है। लेख के मुताबिक राज्य में प्रवासी मजदूर आते रहे फिर भी केस लोड वहां पर कम ही रहा।
ओडिशा सरकार के अन्य बड़े फैसलों को बातते हुए लेख में कहा गया कि जब राज्य में कोई भी मामला सामने नहीं आया था, तो भी वहां की सरकार ने 13 मार्च को सभी सार्वजनिक स्थलों को बंद कर दिया था। इसके बाद 15 मार्च को वहां पर पहला मामला दर्ज हुआ। जिसके बाद स्टेट कंट्रोल रूम को ऑपरेशन में लगा दिया गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य अधिकारियों ने हाथ धोने, मास्क आदि को लेकर जागरुकता अभियान शुरू कर दिया था। ओडिश में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने भी तेजी से फैसले लिए और कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल के साथ एक सप्ताह के रिकॉर्ड समय के अंदर देश के पहले 1,000 बेड वाले COVID-19 अस्पताल की स्थापना की।
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लेख के मुताबिक सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया था। जैसे कि प्रवासी की आवाजाही की निगरानी, ऑनलाइन ई-पास जारी करना, मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना, भोजन और आवास की सुविधा देना, स्वास्थ्य की निगरानी आदि। इसके अलावा 18 हजार से ज्यादा अस्थायी चिकित्सा शिविरों को भी क्वारंटीन सेंटर के रूप में परिवर्तित किया गया। वहीं कोरोना काल में भी सभी को चिकित्सा सुविधा मिले, इसके लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की गई थी।