जानिए कौन हैं साउथ कोरिया की फर्स्ट लेडी किम जोंग सुक और क्यों आई दिवाली के मौके पर अयोध्या
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आज साउथ कोरिया की फर्स्ट लेडी किम जोंग सुक दिवाली के मौके पर आयाजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रही हैं। किम खास तौर पर सियोल से आई हैं और सरयू नदी के किनारे होने वाले विशाल दीपोत्सव में मौजूद रहेंगी। अयोध्या और साउथ कोरिया के बीच दो हजार वर्ष पुराना जो नाता है, वही नाता किम को भारत खींच लाया है। किम मंगलवार को भारत आई हैं और वह साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन की पत्नी हैं। किम, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अयोध्या में पहली सदी की कोरियाई महारानी हियो हवांग ओक की याद में बनने वाले एक मेमोरियल की नींव रखेंगी।
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किम को कहते हैं जॉली लेडी भी
15 नवंबर 1954 को जन्मीं किम जोंग सुक, फर्स्ट लेडी होने के अलावा एक क्लासिकल सिंगर भी हैं। उनके पास क्यूयांग ही यूनिवर्सिटी से गायन में ग्रेजुएशन की डिग्री है। किम को साउथ कोरिया और बाहर के देशों में 'जॉली लेडी' भी कहते हैं। यह निकनेम उन्हें उनके बर्ताव की वजह से दिया गया है। विशेषज्ञों की मानें तो किम एक ऐसी महिला हैं जो जब किसी से मिलती, हमेशा मुस्कुराकर मिलती हैं और किसी भी तरह के माहौल में खुद करे एडजस्ट कर लेती हैं। उन्हें कभी किसी से कम्यूनिकेट करने में कोई दिक्कत नहीं होती है।
राष्ट्रपति मून से हुई लव मैरिज
किम और राष्ट्रपति मून की लव मैरिज है और दोनों की मुलाकात उसी क्यूयांग यूनिवर्सिटी में हुई थी जहां पर किम म्यूजिक की पढ़ाई कर रही थीं। दोनों की रिलेशनशिप कैसे शुरू हुई, इसका किस्सा भी अजीब है। पार्क-चुंग ही के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान आंसू गैस की वजह से मून गिर गए और उन्हें काफी चोट आई। यहीं से मून और किम की रिलेशनशिप शुरू हो गई। किसी को भी भरोसा नहीं हुआ कि दोनों रिलेशनशिप में हैं और साल 1981 में जब मून ने किम को प्रपोज किया तो भी यह इतिहास बन गया। साउथ कोरिया में शादी के लिए प्रपोज करने का रिवाज उन दिनों में न के बराबर था। इसके बाद दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद 10 मई 2017 को मून साउथ कोरिया के राष्ट्रपति बने तो किम इस देश की फर्स्ट लेडी बन गईं।
क्यों आई हैं अयोध्या
इतिहास की कहानियों पर अगर यकीन करें तो सुरीरत्न नामक एक राजकुमारी अयोध्या की रहने वाली थीं और वह आगे चलकर साउथ कोरिया की महारानी बनीं। कहते हैं 42 ईसा पूर्व इस राजकुमारी की शादी किम सुरो से हुई और इसका नाम हियो हवांग ओक पड़ गया। सुरो काराक के कोरियाई साम्राज्य के संस्थापक थे। साल 1991 में यूपी के तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह ने कोरियाई महारानी को सम्मान देने के मकसद से अयोध्या में एक म्यूजियम और एक मेमोरियल की योजना बनाई थी। साल 2000 में सोंग इयून बोक जो उस समय साउथ कोरिया के शहर गिम्हे के मेयर थे, उन्होंने एक छोटे से संग्रहालय का उद्घाटन भी किया। गिम्हे को किम्हे के नाम से भी जानते हैं जिसकी स्थापना किम सुरो ने की थी और जहां पर महारानी का मकबरा भी है। कहा जाता है कि यह मकबरा अयोध्या से पत्थर लाकर ही तैयार किया गया था।