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कौन हैं शरजील इमाम?, जानिए देशद्रोह केस में कितने हैं आरोपी और कन्हैया कुमार व अन्य के साथ क्या हुआ?

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बेंगलुरू। नागरिकता संशोधन एक्ट यानी सीएए के खिलाफ दिल्ली में अनवरत रूप से जारी धरना-प्रदर्शन लोकतांत्रिक मूल्यों को लांघते हुए देशविरोधी गतिविधियों की ओर कूच कर चला है। इसकी बानगी दिल्ली के शाहीन बाग में लगे देशविरोधी नारे, फ्री कश्मीर के पोस्टर और बैनरों में मिल जाएंगे।

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राजधानी दिल्ली से थोड़ी ही दूर स्थित अलीगढ़ यूनिवर्सटी कैंपस में लगे बहुसंख्यक हिंदू विरोधी नारे और अब हिंदुस्तान की एकता और अंखडता के खिलाफ मुहिम चलाते नारों से स्पष्ट हो गया है कि सीएए की आड़ में देशविरोधी ताकतें किस हद तक जा सकती हैं।

एएमयू में देशविरोधी भाषण देने वाले जेएनयू छात्र शरजील इमाम पर अभी तक करीब 5 राज्यों में राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज हो चुका है और पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए लगातार जगह-जगह दबिश दे रही है। यूपी पुलिस ने बिहार के जहानाबाद जिले के काको में स्थित शरजील इमाम के पैतृक घर पर छापेमारी की है।

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माना जा रहा है कि राजद्रोह का केस दर्ज होने के बाद आरोपी शरजील इमाम भूमिगत हो गया है और छिपा-छिपा फिर रहा है। हालांकि जहानाबाद गई यूपी पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसके जरिए पुलिस शरजील अहमद को सरेंडर करने का दवाब बनाएगी।

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Shaheen Bagh से चर्चा में आया Sharjeel Imam कौन है?, जिसके Video पर मचा बवाल | Oneindia Hindi
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राजद्रोह केस में आरोपी जेएनयू छात्र शरजील इमाम के सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो देशविरोधी बयान से पहले जेएनयू का कैंपस भी ऐसे ही देशविरोधी नारों का गवाह बन चुका है। 9 दिसंबर, 2016 की रात जेएनयू कैंपस में एकत्र सैकड़ों छात्रों द्वारा संसद भवन पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरू की फांसी की पहली बरसी पर भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह-इंशा अल्लाह के नारों लगाए गए थे।

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जेएनयू कैंपस में लगाए गए देशविरोधी छात्रों का नेतृत्व तत्कालीन जेएनयूएसयू अध्यक्ष और मौजूदा वामवंथी नेता कन्हैया कुमार ने किया था। जेएनयू में लगे देश विरोधी नारे और कश्मीर की आजादी के लगे नारों से अब पूरा देश वाकिफ है, लेकिन सियासी कारणों से कन्हैया कुमार आजाद घूम रहा है।

दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार समेत कुल 7 लोगों के खिलाफ करीब 12000 पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया, लेकिन दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार की मंजूरी नहीं मिलने से अभी तक कन्हैया कुमार खुला घूम रहा है, क्योंकि दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी है।

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माना जाता है कि राष्ट्रद्रोह के मुकदमे अक्सर राजनीति की शिकार होकर दम तोड़ देती है। यह राजद्रोह के मामले में अब तक दर्ज हुए केस की दुर्गति देखकर कहा सकता है, जिसमें 80 फीसदी राष्ट्रद्रोह के मुकदमे खारिज हो जाते हैं। इनमें ज्यादातर मुकदमों को राजनीति से प्रेरित केस करार दे दिया जाता है। इसका बेहतर और मौजू उदाहरण कन्हैया कुमार हैं, जिनकी फाइल को पिछले 1 वर्ष से केजरीवाल सरकार दबाकर बैठी हुई है।

शरजील अहमद वीडियो में असम को भारत से काटने जैसे आपत्तिजनक भाषण देते हुए पकड़ा गया है। पहले कहा गया कि वीडियो शाहीन बाग का है, लेकिन बाद में पता चला कि उक्त वीडियो एएमयू यानी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी कैंपस में रिकॉर्ड किया गया था। पुलिस की पकड़ से बाहर शरजील कहां है अभी पुलिस को भी अंदेशा नहीं है।

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गौरतलब है जहानाबाद से हिरासत में लिए गए दो रिश्तेदार और एक चचेरे भाई से पूछताछ में अभी तक पुलिस को शरजील का सुराग नहीं मिल पाया है। पूर्व जदयू नेता अकबर इमाम के बेटे शरजील इमाम मूल रूप से जहानाबाद के काको का निवासी है, लेकिन अभी उसका परिवार पटना शिफ्ट हो गया है।

IIT मुंबई से कंप्यूटर साईंस में ग्रेजुएट शरजील इमाम फिलहाल JNU में सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडी में रिसर्चर है। वीडियो में इमाम ने अलीगढ़ में दिए विवादित बयान देते हुए कहा था कि असम को इंडिया से काट कर अलग करना हमारी( मुस्लिम) की जिम्मेदारी है, क्योंकि Chicken Neck मुसलमानों का है।

उसने आगे कहा कि असम का शेष भारत से जोड़ने वाली रेलवे लाइन पर इतना मवाद (मलबा) डालो कि इंडियन मिलेट्री (भारतीय सेना) असम दाखिल न हो सके। भाषण के अंत में शरजील ने कहा कि इसके बाद सारे गैर-मुसलमानों (हिंदुओं) को मुसलमानों के शर्त पर ही आना होगा।

भारत विरोधी यह ज़हरीला बयान उस शरजील इमाम के मुंह से निकला है, जो देश के सर्वोच्च विश्वविद्यालय जेएनयू का एक पीएचडी होल्डर है और देश के सर्वोच्च आईआईटी संस्थानों में से एक IIT से कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट है। यही नहीं, शरजील इमाम का एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें शरजील इमाम, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के साथ नजर आ रहा है।

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दूसरा वीडियो जामिया हिंसा के पहले का बताया जा रहा है जब सड़क जाम की शुरुआत हुई थी। दूसरे वीडियो में आप विधायक अमानतुल्ला खान के साथ नज़र आए शरजील इमाम पर आरोल लग रहा है कि जामिया हिंसा को भड़काने में उसका भी हाथ हो सकता है।

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शरजील इमाम के विवादास्पद और देशविरोधी बयान पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं के बयान आया है। औवैसी ने शरजील इमाम के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे बयान बर्दाश्त करने के लायक नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि भारत कोई मुर्गी की गर्दन नहीं है जो टूट या अलग हो जाए। ये एक राष्ट्र है। कोई भी भारत या किसी भी क्षेत्र को नहीं तोड़ सकता।

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वहीं, आप विधायक अमानतुल्ला खान के साथ वीडियो में दिखे शरजील इमाम पर सियासी बयान देत हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि ऐसे बयान देने वाले व्यक्ति को बीजेपी जेल में डाले, वरना यह माना जाएगा कि बीजेपी की साजिश के तहत शरजील इमाम ने देशविरोधी बयान दिया है।

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वहीं, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने जेएनयू छात्र शरजील इमाम के बयान पर टिप्पणी देते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षा का केंद्र रहा है, लेकिन अब गुंडागर्दी का केंद्र बन गया है। उन्होंने जेएनयू विश्वविद्यालय प्रशासन को भी ऐसे छात्र पर कार्रवाई करने की अपील करते हुए कहा कि शरजील ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएचडी किया है, लेकिन उसका व्यवहार देशद्रोही जैसा है।

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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शरजिल को गद्दार करार दिया है। उन्होंने बाकायदा ट्वीट करके कहा, 'ये कहते है सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है। इन गद्दारों की बात सुनकर कैसे मान लूं कि इनका खून शामिल है यहां की मिट्टी में? कह रहा है असम को काट कर हिंदुस्तान से अलग कर देंगे।'

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असम को भारत से काटने जैसे विवादित बयान के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि इस तरह के भड़काऊ बयान जिसमें भारत के बाकी हिस्सों से असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को अलग करने की बात कही गई है, के जरिए सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करना, भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में बाधा डालना है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने भी ट्वीट कर शरजील इमाम के देशविरोधी बयान की निंदा की है। एक ट्वीट के जरिए उन्होंने बताया कि आपत्तिजनक वीडियो पर संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत राजद्रोह का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है।

यह भी पढ़ें- पुलिस को मिली देशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम की लास्ट लोकेशन, छापेमारी जारी

अब तक कहां-कहां दर्ज हो चुका है राजद्रोह का केस?

अब तक कहां-कहां दर्ज हो चुका है राजद्रोह का केस?

असम को देश के बाकी हिस्सों से काटने के भड़काऊ बयान के बाद जेएनयू के छात्र शरजील इमाम पर लगातार पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम के बाद शरजील इमाम पर रविवार (26 जनवरी) को अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया गया है।

शाहीन बाग, अलीगढ़, कानपुर समेत कई शहरों में घूम चुका है शरजील

शाहीन बाग, अलीगढ़, कानपुर समेत कई शहरों में घूम चुका है शरजील

शरजील इमाम के विवादित वीडियो वायरल होने के बाद उसके बारे में कई खुलासे हुए। मिली जानकारी के अनुसार, शरजील इमाम शाहीन बाग, अलीगढ़, कानपुर समेत कई शहरों में घूम चुका है और CAA की आड़ में लोगों को भड़का भी रहा है।

दिल्ली और अलीगढ़ में शरजील पर सबसे पहले दर्ज हुआ केस

दिल्ली और अलीगढ़ में शरजील पर सबसे पहले दर्ज हुआ केस

रविवार, 26 जनवरी को असम को देश के बाकी हिस्से से काटने के विवादित भाषण देने के आरोप में सबसे पहले दिल्ली में शरजिल इमाम पर मामला दर्ज किया। इमाम ने वायरल हो रहे वीडियो में विवादित भाषण अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर में 16 जनवरी देने के मामले में 25 जनवरी को राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। पिछले साल 13 दिसंबर को भी इमाम ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी ऐसा ही भाषण दिया था। असम पुलिस ने भी उसके भाषण को लेकर उसके खिलाफ उग्रवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत एक प्राथमिकी भी दर्ज की है।

शऱजील इमाम को असम को शेष भारत से काटने की बात कहते सुना गया

शऱजील इमाम को असम को शेष भारत से काटने की बात कहते सुना गया

16 जनवरी के एक ऑडियो क्लिप में इमाम को यह कहते हुए सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है। ऐसी खबर है कि उसने यह भी कहा था कि अगर वह पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें, तो असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है। अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है।

शरजील इमाम के बयान पर भड़के AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी

शरजील इमाम के बयान पर भड़के AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी

जेएनयू के पूर्व छात्र शरजिल इमाम के भारत के टुकड़े-टुकड़े वाले बयान की एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निंदा की है। ओवैसी ने कहा कि भारत कोई मुर्गी की गर्दन नहीं है जो टूट या अलग हो जाए। ये एक राष्ट्र है। कोई भी भारत या किसी भी क्षेत्र को नहीं तोड़ सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान बर्दाश्त करने के लायक नहीं है।

दिल्ली डिप्टी CM मनीष सिसोदिया बोले, BJP का आदमी है शऱजील इमाम?

दिल्ली डिप्टी CM मनीष सिसोदिया बोले, BJP का आदमी है शऱजील इमाम?

शरजील इमाम के विवादित वीडियो पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर हमला बोला है। सिसोदिया ने कहा है कि ऐसे बयान देने वाले व्यक्ति को बीजेपी जेल में डाले, वर्ना ये माना जाएगा कि ये बीजेपी की साजिश के तहत ये व्यक्ति बयान दे रहा है। सिसोदिया ने कहा कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं होती है तो यह माना जाएगा कि ये BJP का आदमी है, और BJP बयान दिलवा रही है।

गुंडागर्दी का केंद्र बन गया है तो जेएनयू विश्वविद्यालयः केंद्रीय मंत्री

गुंडागर्दी का केंद्र बन गया है तो जेएनयू विश्वविद्यालयः केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि शरजील इमाम ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएचडी किया है लेकिन उनका व्यवहार देशद्रोही जैसा है। रामदास अठावले ने आगे कहा कि, 'यदि कोई भारत को तोड़ने की बात करेगा तो उस पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए. ऐसे शख्स पर कार्रवाई होनी चाहिए। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षा का केंद्र रहा है, पर अब गुंडागर्दी का केंद्र बन गया है तो विश्वविद्यालय प्रशासन को भी ऐसे छात्र पर कार्रवाई करने की जरूरत है।

शरजील इमाम ने जेएनयू से किया है एम फिल और पीएचडी

शरजील इमाम ने जेएनयू से किया है एम फिल और पीएचडी

शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है। शरजील इमाम ने IIT बॉम्बे से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। बताया जाता है कि शरजील ने कुछ दिनों तक वहां पढ़ाया भी है. ग्रेजुएशन के बाद दो साल तक उसने बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में डेवलपर के तौर पर काम किया। 2013 में जेएनयू में आधुनिक इतिहास में मास्टर्स करने के लिए प्रवेश किया है। इसके बाद उसने एम फिल और फिर पीएचडी भी किया।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर शरजिल को कहा गद्दार

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर शरजिल को कहा गद्दार

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर शरजिल को गद्दार करार दिया है। गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया, 'ये कहते है सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में...किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है। इन गद्दारों की बात सुनकर कैसे मान लूं की इनका खून शामिल है यहां की मिट्टी में? कह रहा है असम को काट कर हिंदुस्तान से अलग कर देंगे।'

संबित पात्रा ने शाहीन बाग को बताया दिशाहीन बाग

संबित पात्रा ने शाहीन बाग को बताया दिशाहीन बाग

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि शाहीन बाग में प्रदर्शन के नाम पर भारत के टुकड़े करने की साजिश चल रही है। पात्रा बोले, 'वहां खुलेआम आगजनी, खुले जिहाद का आवाहन किया जा रहा है। असम को अलग करने की बात की जा रही है।' पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने शाहीन बाग का खुला समर्थन किया था। अब फिर दोनों को सबके सामने आकर बोलना चाहिए। पात्रा नए तथ्य लेकर आए और शाहीन बाग को दिशाहीन बाग और तौहीन बाग कह दिया।

संबित पात्रा ने शेयर किया था शरजील इमाम का विवादत वीडियो

संबित पात्रा ने शेयर किया था शरजील इमाम का विवादत वीडियो

CAA को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें शरजील इमाम असम को इंडिया से अलग करने की बात कर रहा है। शरजील इमाम ने अलीगढ़ में ये विवादित बयान देते हुए कहा, असम को इंडिया से काट कर अलग करना हमारी जिम्मेदारी, Chicken Neck मुसलमानों का है, इतना मवाद डालो पटरी पे की इंडिया की फौज असम जा ना सके, सारे गैर-मुसलमानों को मुसलमानों के शर्त पर ही आना होगा।'इसके अलावा शरजील इमाम का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में शरजील इमाम, AAP विधायक अमानतुल्लाह खाल के साथ नजर आ रहा है।

क्या कहती है देशद्रोह की धारा 124ए ?

क्या कहती है देशद्रोह की धारा 124ए ?

देश के खिलाफ बोलना, लिखना या ऐसी कोई भी हरकत जो देश के प्रति नफरत का भाव रखती हो वो देशद्रोह कहलाएगी। अगर कोई संगठन देश विरोधी है और उससे अंजाने में भी कोई संबंध रखता है या ऐसे लोगों का सहयोग करता है तो उस व्यक्ति पर भी देशद्रोह का मामला बन सकता है। अगर कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक तौर पर मौलिक या लिखित शब्दों, किसी तरह के संकेतों या अन्य किसी भी माध्यम से ऐसा कुछ करता है। जो भारत सरकार के खिलाफ हो, जिससे देश के सामने एकता, अखंडता और सुरक्षा का संकट पैदा हो तो उसे तो उसे उम्र कैद तक की सजा दी जा सकती है। देश द्रोह कानून 149 साल पहले भारतीय दंड संहिता में जोड़ा गया।

2014 से 2016 के दौरान देश में देशद्रोह के कुल 112 मामले दर्ज हुए

2014 से 2016 के दौरान देश में देशद्रोह के कुल 112 मामले दर्ज हुए

2014 से 2016 के दौरान देशद्रोह के कुल 112 मामले दर्ज हुए। करीब 179 लोगों को इस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया। देशद्रोह के आरोप के 80 फीसदी मामलों में चार्जशीट भी दाखिल नहीं हो पाई। सिर्फ 2 लोगों को ही सजा मिल पाई।

सरकार या फिर प्रशासन की आलोचना से राजद्रोह का मुकदमा नहीं बनता

सरकार या फिर प्रशासन की आलोचना से राजद्रोह का मुकदमा नहीं बनता

केदारनाथ बनाम बिहार राज्य केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार की आलोचना या फिर प्रशासन पर टिप्पणी करने भर से राजद्रोह का मुकदमा नहीं बनता। देशद्रोह कानून का इस्तेमाल तब ही हो जब सीधे तौर पर हिंसा भड़काने का मामला हो। सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की संवैज्ञानिक बेंच ने तब कहा था कि केवल नारेबाजी देशद्रोह के दायरे में नहीं आती। बलवंत सिंह बनाम पंजाब राज्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में कहा था कि महज नारेबाजी करना राजद्रोह नहीं है। दो लोगों ने उस समय खालिस्तान की मांग के पक्ष में नारे लगाए थे।

पूर्व PM इंदिरा गांधी की हत्या वाले दिन 'खालिस्तान जिंदाबाद' के लगे थे नारे

पूर्व PM इंदिरा गांधी की हत्या वाले दिन 'खालिस्तान जिंदाबाद' के लगे थे नारे

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या वाले दिन (31 अक्टूबर 1984) को चंडीगढ़ में बलवंत सिंह नाम के एक शख्स ने अपने साथी के साथ मिलकर 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए थे। इससे पहले, 26 मई 1953 को फॉरवर्ड कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य केदारनाथ सिंह ने बिहार के बेगूसराय में एक भाषण दिया था। राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ दिए गए उनके इस भाषण के लिए उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया।

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज हुआ राजद्रोह का केस

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज हुआ राजद्रोह का केस

गुजरात में पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग करने वाले कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ भी राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था और जमानत पर बाहर थे। अभी हाल में गुजरात पुलिस ने हार्दिक को गिरफ्तार किया था और एक हफ्ते तक पुलिस हिरासत में रहने के बाद वह रिहा हुए हैं

जेएनयू में भारत विरोधी नारे के लिए कन्हैया कुमार पर दर्ज हुआ देशद्रोह

जेएनयू में भारत विरोधी नारे के लिए कन्हैया कुमार पर दर्ज हुआ देशद्रोह

संसद हमले के दोषी आंतकी अफजल गुरू की पहली बरसी पर जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाने और गतिविधि के लिए दिल्ली पुलिस ने जेएनयूएसयू के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उनके साथी उमर खालिद समेत 7 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था, लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अभी तक मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी है। उस दौरान नारे लगे थे, भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाअल्लाह, इंशाअल्लाह।

दिवंगत बीजेपी नेता अरूण जेटली पर दर्ज हुआ था देशद्रोह का मुकदमा

दिवंगत बीजेपी नेता अरूण जेटली पर दर्ज हुआ था देशद्रोह का मुकदमा

दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ साल 2015 में उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने राजद्रोह के आरोप लगाए थे। इन आरोपों का आधार नेशनल ज्यूडिशियल कमिशन एक्ट (NJAC) को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना बताया गया।

दो साल में राजद्रोह के मामले भारत दोगुने हो गए हैंः NCRB 2018

दो साल में राजद्रोह के मामले भारत दोगुने हो गए हैंः NCRB 2018

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी NCRB ने साल 2018 के आंकड़े के मुताबिक, दो साल में राजद्रोह के मामले दोगुने हो गए हैं। 2016 में ये आंकड़ा 35 था, वो 2018 में बढ़कर 70 हो गया। राजद्रोह के मामले में झारखंड लिस्ट में 18 केस के साथ पहले नंबर पर है। इसके अलावा असम दूसरे नंबर पर है, जहां 17 मामलों में 27 लोगों पर दर्ज केस हुए। जम्मू-कश्मीर में 2018 में 12 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 2017 में राजद्रोह का एक ही केस दर्ज किया गया था। साथ ही केरल में नौ, मणिपुर में चार केस दर्ज हुए हैं।

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English summary
JNU student Sharjeel Imam, who has given anti-national speech in AMU, has so far been booked for sedition in about 5 states and the police are constantly pushing him everywhere to arrest him. The UP police has raided the ancestral home of Sharjeel Imam in Kako in Jehanabad district of Bihar. It is believed that after the case of sedition, the accused Sharijal Imam has gone underground.
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