Rafale Deal: जानिए कौन हैं संजय भंडारी और क्या है इनका रॉबर्ट वाड्रा से कनेक्शन?
नई दिल्ली। राफेल डील पर हुए विवाद में एक नाम सामने आया है वो है संजय भंडारी। आज हम सबसे पहले आपको संजय भंडारी के बारे में बताएंगे कि आखिर ये हैं कौन? दरअसल संजय भंडारी हाई प्रोफाइल आर्म्स कंसल्टैंट हैं। इसके अलावा विदेशी हथियार कंपनियों के लिए उच्च प्रोफाइल रक्षा सलाहकार, संपर्क सेवा प्रदाता और ऑफसेट की जिम्मेदारी निभाते हुए इन्होंने साल 2008 में पनी फ्लैगशिप कंपनी ऑफ़सेट इंडिया सॉल्यूशंस (ओआईएस) ग्रुप की स्थापना की। वो भी मात्र एक रुपए की पेड-अप पूंजी के साथ।
संजय भंडारी पहली बार जांच एजेंसियों के रडार पर 2010 में आए। मामला इंडियन एयर फोर्स के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट में कथित रूप से शामिल होने का था। संजय भंडारी के समूह के तेजी से बढ़ोतरी के बाद बहुत सारी कंपनियों की इनपर नजर पड़ी। लेकिन जब साल 2014 में एनडीए की सरकार सत्ता की गद्दी पर बैठी तो कुछ चीजे सामने आने लगी। लेकिन कांग्रेस के सरकार में भंडारी की सिस्टम में पैठ बन चुकी थी। भंडारी की कंपनी ओआईएस दुनिया भर में आयोजित आर्म्स शोज में शामिल होती है। इसकी वजह से भी इस इंडस्ट्री में भंडारी की अच्छी पकड़ है।
राफेल खरीद से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेज जो सिर्फ रखा मंत्रालय में होने चाहिए थे रोबर्ट वाड्रा के अभिन्न मित्र संजय भंडारी के घर से निकले है, ये कागज़ वहाँ तक कैसे पहुंचे? डॉ. @sambitswaraj #RahulThreatToNationalSecurity pic.twitter.com/NZPLEKz9Ck
— BJP (@BJP4India) September 25, 2018
महत्वपूर्ण
दस्तावेज
संजय
भंडारी
के
घर
से
निकले
हैं:
बीजेपी
वहीं
संजय
भंडारी
बीजेपी
ने
अब
जो
आरोप
लगया
है
उसमें
कहा
है
कि
राफेल
विमान
की
खरीद
से
जुड़े
महत्वपूर्ण
दस्तावेज
रॉबर्ट
वाड्रा
के
दोस्त
संजय
भंडारी
के
घर
से
निकले
हैं।
यह
बताता
है
कि
कांग्रेस
की
नीयत
क्या
थी?
इससे
पहले
संजय
भंडारी
के
लगभग
100
करोड़
रुपए
के
व्यापार
आयकर
विभाग
के
साथ-साथ
प्रवर्तन
निदेशालय
के
रडार
पर
है।
राजस्व
खुफिया
निदेशालय
कि
ओर
से
मिले
शिकायत
के
बाद
सीबीआई
ने
मामले
की
जांच
भी
है
जिसमें
भंडारी
पर
कार
इम्पोर्ट
पर
लगने
वाले
कस्टम
ड्यूटी
चार्ज
को
नहीं
देने
का
आरोप
था।
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