कौन हैं साइना नेहवाल की बहन चंद्रांशु, छोटी बहन ने पूरा किया मां का अधूरा सपना
नई दिल्ली- दिल्ली चुनाव के दौरान स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल के साथ ही उनकी बड़ी बहन अबु चंद्रांशु नेहवाल भी शामिल हुई हैं। उम्र में चंद्रांशु साइना से काफी बड़ी हैं, लेकिन उनके बारे में कम ही लोगों को ज्यादा पता है। आइए जानते हैं किस क्षेत्र में धुरंधर रही हैं और भाजपा में उन्हें साइना के साथ एंट्री क्यों दी गई है। बता दें कि चंद्रांशु की पहले से भी राजनीतिक दलों में रूचि रही है और वह राजनेताओं के साथ की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करती रही हैं। लेकिन, उन्होंने इस फिल्ड में कदम तभी आजमाया है, जब उनके साथ उनकी छोटी बहन साइना ने कमल थामा है।
वॉलीबॉल खिलाड़ी रही हैं साइना नेहवाल की बहन चंद्रांशु
साइना नेहवाल के साथ उनकी बड़ी बहन अबु चंद्रांशु नेहवाल भी भाजपा में शामिल हुई हैं। साइना के परिवार के चारों सदस्य यानि उनके माता-पिता और बहन सभी स्पोर्ट्समैन हैं। साइना की मां ऊषा रानी बैडमिंटन में अपने गृह राज्य हरियाणा का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी हैं। लेकिन, भावनात्मक रूप से साइना के बेहद करीब उनकी बड़ी बहन चंद्रांशु की बचपन से रूचि बैडमिंटन की ओर नहीं, बल्कि वॉलीबॉल की ओर रही है। हालांकि, वॉलीबॉल में उनका करियर ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाया और वह शादीशुदा हैं और उनकी करीब साढ़े 11 साल की बेटी है। वॉलीबॉल में वह मनचाहा मुकाम क्यों नहीं हासिल कर पाईं, इसके बारे में आगे बात करेंगे, लेकिन उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में अपना हाथ जरूर आजमाया है।
छोटी बहन ने पूरा किया मां का सपना
एक इंटरव्यू में साइना की मां ऊषा रानी ने बताया था कि बचपन में चंद्रांशु काफी कमजोर थीं जिसकी वजह से अक्सर मोहल्ले के बच्चों से पिट जाती थीं। इसके चलते वह बहुत ही सहमी-सहमी रहने लगीं थीं। उन्होंने वॉलीबॉल खेलना शुरू किया, लेकिन अस्थमा की वजह से वह इस खेल को करियर नहीं बना सकीं और ज्यादा दिन तक खेल में नहीं टिक पायी। इसलिए, मां हमेशा चाहती थीं कि उनकी छोटी बेटी साइना मजबूत बने और उन्होंने इंटरनेशनल बैडमिंटन प्लेयर बनकर अपनी मां का सपना पूरा कर दिखाया। साइना के बारे में ऊषा रानी कहती हैं कि 'मेरी बेटी बहुत कूल है।'
इन बातों पर मां-बेटी के बीच झगड़ा भी हो जाता है
मदर्स डे पर दिए एक इंटरव्यू में साइना और उनकी मां ने यह बताया था कि आखिर किन बातों पर उनका आपस में झगड़ा हो जाता है। साइना ने बताया था कि उनकी मां उनके पिता से भी ज्यादा उनके पीछे की मोटिवेशनल फोर्स हैं। साइना अपनी मां से कोई बात शेयर करना नहीं भूलतीं। साइना अपनी मां की कितनी करीब हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि वह जब घर पर रहती हैं तो अक्सर मां के साथ एसी चलाने को लेकर झगड़ लेती हैं। मसलन, साइना कहती हैं कि 'मम्मी एसी मत चलाओ, अगर मुझे सर्दी लग गई तो क्या होगा? और उनकी मां कहती हैं, थोड़ा चला लेते हैं।' और आखिरकार साइना मां की बात मान लेती हैं। ऊषा कहती हैं, 'हमारे नोकझोंक सबकी तरह ही हैं।'
दोनों बहनों ने शुरू की है नई पारी
भाजपा की सदस्यता लेकर साइना और उनकी बड़ी बहन चंद्रांशी ने सियासी खेल की एक नई पारी की शुरुआत की है। राजनीति का चुनावी टूर्नामेंट बैडमिंटन और वॉलीबॉल से काफी अलग है। माता-पिता ने दोनों बहनों को उनके मुकाम तक पहुंचाने के लिए काफी संघर्ष किया है। चंद्रांशु की सेहत आड़े नहीं आती तो हो सकता है कि छोटी बहन की तरह वॉलीबॉल की दुनिया में उनकी भी एक अलग पहचान होती। लेकिन, अब दोनों बहनों को एक स्तर का सियासी मैदान मिला है। बीजेपी को दिल्ली चुनाव में दोनों बहनों से काफी उम्मीदें हैं। ये हरियाणवी हैं, दिल्ली के जाट मतदाताओं समेत युवाओं और महिला वोटरों पर काफी असर डाल सकती हैं।
राजनीति में पहले भी रूचि रखती रही हैं चंद्रांशु
करीब एक साल पहले चंद्रांशु ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर की थीं। हालांकि, उनका ट्विटर का यह अकाउंट आधिकारिक नहीं है। इस तस्वीर में वह मुंबई कांग्रेस के नेता संजय निरुपम के साथ नजर आ रही हैं। चंद्रांशु के साथ उनकी मां ऊषा भी दिखाई दे रही हैं। इस तस्वीर में उन्होंने लिखा भी है कि 'आदरणीय संजय निरुपम सर से मिली। 'हालांकि, ये मुलाकात किस सिलसिले में थी या किसी कॉमन पार्टी के दौरान संयोगवश मुलाकात हो गई इसका जिक्र नहीं किया गया है।
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