जानिए कौन हैं नोएडा के नए डीएम सुहास एल वाई, जिनके सामने कोरोना से लड़ने की है बड़ी चुनौती
नोएडा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बृजेश नारायण सिंह को हटा दिया है और साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। उनकी जगह आईएएस अधिकारी सुहास एल वाई को गौतमबुद्धनगर की जिम्मेदारी दी गई है। वे उत्तर प्रदेश कैडर के 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और इसके पहले वे प्रयागराज के जिलाधिकारी थे।
सुहास एल वाई को नोएडा की जिम्मेदारी
सोमवार को शाम को सुहास एल वाई की नियुक्ति के बारे में जानकारी मुख्य सचिव आर.के तिवारी ने दी। इस दौरान मुख्य सचिव ने बताया कि गौतमबुद्धनगर जिले में कोरोना वायरस को लेकर की जा रहीं तैयारियों की समीक्षा में पाया गया कि जिलाधिकारी के स्तर पर समन्वय में काफी कमी रही, पॉजिटिव पाए गए लोगों को क्वारंटाइन करने में भी कमी पाई गई। आईएएस अधिकारी सुहास एल वाई की बात करें तो, वे गौतमबुद्धनगर से पहले आजमगढ़, जौनपुर और प्रयागराज जैसे जिलों की कमान संभाल चुके हैं।
ये भी पढ़ें: मरकज परिसर को बंद करने का दिया गया था नोटिस- दिल्ली पुलिस
एशियन पैरालंपिक बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं
मूलत: कर्नाटक के निवासी सुहास एल वाई एशियन पैरालंपिक बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। बैडमिंटन के अलावा क्रिकेट से भी उनका जुड़ाव रहा है। वे प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालने के साथ-साथ अपने खेल के लिए वक्त देते हैं। 2019 के प्रयागराज कुंभ के दौरान क्राउड मैनेजमेंट से लेकर शहर में अन्य इंतजामों को लेकर उनकी काफी तारीफ हुई थी। फिलहाल, उनके सामने नोएडा में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम करने की बड़ी चुनौती है।
यूपी कैडर के 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं
आईएएस अफसर अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद आगरा में एडीएम नियुक्त किए गए थे। सुहास एल वाई यूपी सरकार के योजना विभाग में स्पेशल सेक्रेटरी रह चुके हैं। वे मथुरा में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर भी रह चुके हैं। इसके अलावा महाराजा गंज, हाथरस और सोनभद्र के जिलाधिकारी के तौर पर भी तैनात रहे। उन्होंने जौनपुर और आजमगढ़ की जिम्मेदारी भी संभाली। वे यूपी सरकार के एक्साइज डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी बने। इसके बाद वे प्रयागराज के जिलाधिकारी नियुक्त किए गए थे। नोएडा में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में आईएएस अफसर के सामने सबसे बड़ा चैलेंज यही है कि संक्रमण रोकने के लिए प्रभावी इंतजाम किए जाएं।