क्या करते हैं केरल के मुपट्टम श्रीनारायणन ? जिनकी पीएम मोदी ने 'मन की बात' में की है सराहना
नई दिल्ली, 27 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित होने वाले अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में एक बार फिर से गर्मी में जल संरक्षण और उससे जुड़े विभिन्न प्रेरणादायक व्यक्तियों की सराहना की है और उनके जरिए पूरे देश को प्रेरित करने की कोशिश की है। 'मन की बात' के 87वें एपिसोड में उन्होंने इसके लिए जिनका नाम प्रमुखता से लिया है, वे हैं केरल के रहने वाले मुपट्टम श्रीनारायण। पीएम मोदी ने श्रीनारायण के 'पॉट्स फॉर वॉटर ऑफ लाइफ' प्रोजेक्ट की चर्चा की है। वे गर्मियों में पशु-पक्षियों के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए मिट्टी के बर्तन बांटते हैं और अब वह एक लाखवां बर्तन बांटने वाले हैं।

पशु-पक्षियों को पानी देने के लिए मिट्टी के बर्तन बांटने का अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुपट्टम श्रीनारायण के बारे में बताया है कि गर्मियों में पशु-पक्षियों को पानी के लिए मोहताज ना होना पड़े इसके लिए, वे मिट्टी के बर्तन बांटने का अभियान चला रहे हैं। ऐसा उन्होंने गर्मी के दिनों में पशु-पक्षियों को होने वाली परेशानी देखकर किया है। पीएम मोदी बोले, "उन्होंने सोचा कि क्यों ना वे खुद ही मिट्टी के बर्तन बांटने शुरू कर दें ताकि दूसरों के पास उन बर्तनों में सिर्फ पानी भरने का ही काम रह जाए। आप हैरान रह जाएंगे कि नारायणन जी द्वारा बांटे गए बर्तनों का आंकड़ा 1 लाख को पार करने जा रहा है। अपने अभियान में 1 लाखवां बर्तन वे गांधी जी द्वारा स्थापित साबरमती आश्रम में दान करेंगे।"
"रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून"
उनका उदाहरण देते हुए पीएम मोदी बोले कि अब जब गर्मी ने दस्तक दे दिया है तो उनका यह प्रयास दूसरों को भी जरूर प्रेरित करेगा और बाकी लोग भी पशु-पक्षियों के लिए इसी तरह पानी का इंतजाम करेंगे। इसी के साथ प्रधानमंत्री फिर एक बार देशवासियों से पानी की एक-एक बूंद के संरक्षण के लिए जो भी प्रयास हो सकते हैं, वह करने का आह्वान किया है। उन्होंने पानी की रिसाइकलिंग पर भी जोर दिया है और रहीमदास के इस दोहे को दोहराया है कि "रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून"। प्रधानमंत्री ने कहा कि "और पानी बचाने के इस काम में मुझे बच्चों से बहुत ही उम्मीद है। स्वच्छता को जैसे हमारे बच्चों ने आंदोलन बनाया, वैसे ही वो 'वॉटर वॉरियर' बनकर, पानी बचाने में भी मदद कर सकते हैं।"
'हर जिले में 75 अमृत सरोवर बने'
उन्होंने देश के विभिन्न भागों में जल संरक्षण की दिशा में काम करने वाले लोगों का जिक्र करते हुए अपने गृह राज्य गुजरात की भी चर्चा की और बताया है कि वहां पानी की हमेशा से ही किल्लत रही है। प्रधानमंत्री बोले कि "गुजरात में स्टेपवेल्स को वाव कहते हैं। गुजरात जैसे राज्य में वाव की बड़ी भूमिका रही है। इन कुओं या बावड़ियों के संरक्षण के लिए 'जल मंदिर योजना' ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। पूरे गुजरात में अनेकों बावड़ियों को पुनर्जीवित किया गया। इससे इन इलाकों में वॉटर लेवेल को बढ़ाने में भी काफी मदद मिली।" उन्होंने देशवासियों से इस तरह की मुहिम स्थानीय स्तर पर शुरू करने की ओर प्रेरित किया है। इस देशा में चेक डैम, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को सामूहिक प्रयासों से काम शुरू करने का आह्वान किया है। साथी ही उन्होंने कहा कि "आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाए जा सकते हैं। कुछ पुराने सरोवरों को सुधार करके बेहतर किया जा सकता है, कुछ नए सरोवर बनाए जा सकते हैं। मुझे विशवास है, आप इस दिशा में जरूर कुछ ना कुछ प्रयास करेंगे।"
I come from Gujarat which faces water scarcity. Stepwells are crucial in Gujarat for water. 'Jal Mandir Yojana' was a turning point in water conservation & in rejuvenating stepwells. It did help in increasing water levels in many areas: PM Modi in 'Mann ki Baat pic.twitter.com/wxNg9T7ONm
— ANI (@ANI) March 27, 2022