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दो राज्यों की राज्यपाल रहीं Margaret Alva कौन हैं ? कांग्रेस पर लगा चुकी हैं गंभीर आरोप

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नई दिल्ली, 17 जुलाई: विपक्षी दलों ने बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनकड़ के खिलाफ कांग्रेस की बुजुर्ग नेता मार्गरेट अल्वा को अपना साझा उम्मीदवार घोषित किया है। अल्वा ने 17 विपक्षी दलों के इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार लिया है। मार्ग्रेट अल्वा का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है और कुछ वर्ष पहले तक वह राजनीति में सक्रिय रह चुकी हैं। वह कई राज्यों की राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और पांच बार की सांसद रही हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से।

कई राज्यों की राज्यपाल रह चुकी हैं मार्गरेट अल्वा

कई राज्यों की राज्यपाल रह चुकी हैं मार्गरेट अल्वा

उपराष्ट्रपति के चुनाव में 17 विपक्षी दलों ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा को अपना साझा उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है। अल्वा पांच बार की सांसद रह चुकी हैं। वह राजस्थान और उत्तराखंड जैसे राज्यों की गवर्नर भी रह चुकी हैं और कुछ समय के लिए गोवा और गुजरात जैसे राज्यों की राज्यपाल का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल चुकी हैं। 14 अप्रैल, 1942 को कर्नाटक के दक्षिण कनारा जिले के मैंगलोर में जन्मीं मार्गरेट अल्वा पेशे से वकील और सोशल ऐक्टिविस्ट रही हैं। उत्तराखंड के गवर्नर के पद पर उनकी नियुक्ति यूपीए सरकार ने 2009 में की थी, बाद में उन्हें 2012 में राजस्थान राजभवन भेज दिया गया था।

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Margaret Alva Vice President Candidate कौन हैं विपक्ष की उम्मीदवार अल्वा? | वनइंडिया हिंदी | *News
कई मंत्रालयों में संभाल चुकी हैं जिम्मेदारी

कई मंत्रालयों में संभाल चुकी हैं जिम्मेदारी

रोमन कैथोलिक परिवार में जन्मीं मार्गरेट अल्वा 1974 से राजनीति में सक्रिय हो गई थीं। 1984 में राजीव गांधी सरकार में पहली बार संसदीय मामलों की राज्य मंत्री बनाई गई थीं। उसके बाद उन्होंने मानव संसाधन विकास,युवा मामले और खेल, महिला एवं बाल विकास के प्रभारी मंत्री के दायित्वों को भी संभाला। 1991 में उन्हें कार्मिक, पेंशन, जन परिवेदना और प्रशासनिक सुधार (पीएमओ के अधीन) मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री की भूमिका दी गई। उन्होंने कुछ समय के लिए विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय में भी योगदान दिया। भारतीय संसद में करीब 30 वर्षों के कार्यकाल के दौरान अल्वा ने कई अहम समितियों में भी योगदान दिया। वो महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण के मद्देनजर 84वें संविधान संशोधन के लिए बनी संयुक्त चयन समिति की भी हिस्सा रहीं।

पेशे से वकील रही हैं मार्गरेट अल्वा

पेशे से वकील रही हैं मार्गरेट अल्वा

मार्गरेट अल्वा ने बैंगलुरु के माउंट कारमेल कॉलेज और राजकीय विधि महाविद्यालय से पढ़ाई की है। उन्होंने बीए, बीएल किया हुआ है। उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी मिली हुई है। वह बैंगलुरु की ही स्थायी निवासी हैं और उनके पति निरंजन अल्वा अब इस दुनिया में नहीं हैं। अल्वा के पिता का नाम पीए नाजरेथ था। देश के अगले उपराष्ट्रपति के पद के लिए अपने नाम पर विपक्ष के दांव लगाने पर वो काफी गदगद हैं। उन्होंने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है- 'भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार नामांकित होना विशेषाधिकार और सम्मान की बात है। मैं इसे बड़ी ही विनम्रता के साथ स्वीकार करती हूं और विपक्ष के नेताओं को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मुझ पर भरोसा किया है। जय हिंद।'

कांग्रेस पर लगा चुकी हैं गंभीर आरोप

कांग्रेस पर लगा चुकी हैं गंभीर आरोप

हालांकि, गवर्नर बनाए जाने से पहले मार्गरेट अल्वा का कांग्रेस आलाकमान से झगड़ा भी हो चुका है। 2008 के नवंबर में उन्हें अनुशासनहीनता के आरोपों में कांग्रेस पार्टी में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था कांग्रेस वर्किंग कमिटी और केंद्रीय चुनाव समिति से बर्खास्त कर दिया गया था। इससे पहले उन्होंने ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के 6 राज्यों के प्रभारी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल, उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अंदर टिकट वितरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। 6 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उनके आरोपों से पार्टी असहज हो गई थी। लेकिन, बाद में अल्वा और कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच के मतभेद दूर हो गए थे।

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धनकड़ के मुकाबले मार्गरेट अल्वा

धनकड़ के मुकाबले मार्गरेट अल्वा

मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा रविवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने की है। इससे एकदिन पहले ही बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ को 6 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है। 80 वर्षीय अल्वा 19 जुलाई को अपना नामांकन दाखिल कर सकती हैं, जो कि इसके लिए निर्धारित अंतिम दिन है। पवार के मुताबिक अल्वा के नाम पर 17 विपक्षी दल सहमत हैं और टीएमसी और आम आदमी पार्टी का समर्थन मिलने के बाद इनकी संख्या 19 हो जाएगी।

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English summary
Profile of Margaret Alva. Was Governor of Rajasthan, Uttarakhand, took additional charge of Goa-Gujarat. She was the Union Minister of many departments. Serious allegations have been leveled against Congress
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