संसद में अपने पहले ही भाषण से छा गई ये सांसद, मल्टीनेशनल कंपनी में कर चुकी हैं काम
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से चुनकर आई टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा की चर्चा बीते तीन दिनों से लगातार चर्चा हो रही है। महुआ की चर्चा उनके लोकसभा में दिए गए पहले भाषण को लेकर हो रही है। मंगलवार को अपने भाषण में 44 साल की सांसद ने सांत प्वाइंट में मोदी सरकार को घेरते हुए अपनी बात रखी। तमाम मुद्दों पर जिस तरह से उन्होंने सरकार को घेरा उसके लिए उनकी तारीफ हो रही है। महुआ पहली बार सासंद चुनी गई हैं, इसलिए पश्चिम बंगाल के बाहर उन्हें कम ही लोग जानते हैं। ऐसे में हर कोई ये सवाल कर रहा कि पहले ही भाषण से छा गईं ये सांसद हैं कौन?
बैंकर हैं महुआ, अमेरिका में कर चुकीं नौकरी
पहली बार सांसद चुनी गईं महुआ मोइत्रा बैकिंग के क्षेत्र में महारत रखती है। महुआ का शुरुआती जीवन असम और कोलकाता में बीता। महुआ जब 15 साल की थीं तो उनका परिवार अमेरिका शिफ्ट हो गया। माउंट होल्योके कॉलेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई कनरे के बाद महुआ बैंकिग के क्षेत्र में आ गईं। महुआ ने अमेरिक और लंदन में कई सालों तक बैंकर के तौर पर काम कर अपनी पहचान बनाई। जेपी मॉर्गन जैसी बड़ी कंपनी में महुआ बड़े पद पर वो काम कर चुकी हैं।
कांग्रेस से की राजनीति में एंट्री
महुआ मोइत्रा ने करीब दस साल पहले नौकरी छोड़ राजनीति में आने का फैसला किया। 2008 में वो राहुल गांधी के मिशन 'आम आदमी का सिपाही' से जुड़ीं, इसके बाद यूथ कांग्रेस में उन्होंने काम किया। हालांकि जल्दी ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और 2010 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गईं। 2016 में टीएमसी के टिकट पर करीमपुर विधानसभा से महुआ अपना पहला चुनाव लड़ीं और जीतीं। इसके बाद 2019 में कृष्णानगर सेटीएमसी के टिकट पर लड़ते हुए भाजपा के कल्याण चौबे को 63 हजार वोटों से हराकर सांसद बनीं।
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विधायक के तौर पर काम की तारीफ
2016 में टीएमसी ने महुआ को करीमपुर से चुनाव लड़ाया तो उनके विदेश में रहने को लेकर सवाल किए गए। करीमपुर से विधायक बनने के बाद महुआ मोइत्रा ने अपने बैंकिंग क्षेत्र से होने का फायदा उठाते हुए क्षेत्र में करीब 150 करोड़ रुपए का निवेश कराया। जिसके लिए उनकी तारीफ हुई और पार्टी ने उनको इसका इनाम लोकसभा टिकट के तौर पर दिया।
सात प्वाइंट में रखी बात
महुआ के जिस पहले भाषण के लिए उनकी तारीफ हो रही है। उसमें उन्होंने एनआरसी, बेरोजगारी, फेक न्यूज, मीडिया पर सरकारी दबाव, राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों पर बात रखी। इस दौरान उन्होंने शेर, कविता और कुछ मशहूर लोगों को भी उद्धत किया। कुछ इस तरह से महुआ ने अपने भाषण में सरकार को घेरा।
- कट्टर राष्ट्रवाद से देश के सामाजिक ताने-बाने को आघात पहुंचा है। इस तरह के राष्ट्रवाद का नजरिया काफी संकीर्ण और डराने वाला है।
- देश में सरकार के हर स्तर पर मानव अधिकारों का हनन हो रहा है।ऐसा माहौल बनाया गया है जिसमें नफरत के आधार पर हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं।
- मीडिया को उस हद तक नियंत्रित किए जाने की कोशिशें हो रही हैं जितना सोचा भी नहीं जा सकता। ज्यादातर मीडिया सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में झूठ फैला रही है।
- देश में राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर शत्रु खड़ा करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। हर कोई इस बेनामी 'काले भूत' से डर रहा है।
- सरकार सिटिजन अमेंडमेंट बिल के जरिए एक खास समुदाय के लोगों को निशाना बना रही है। सरकार में बैठे मंत्री अपनी डिग्री दिखा नहीं सकते और दशकों से यहां रह रहे लोगों से नागरिकता का सबूत मांग रहे हैं।
- ये सरकार बुद्धिजीवियों और कलाकारों का तिरस्कार कर रही है। मोदी सरकार ने विरोध को दबाने की सारी कोशिशें की हैं।
- 2019 के चुनावों में 60 हजार करोड़ खर्च हुए और सिर्फ एक पार्टी (भाजपा) ने इसका 50 फीसदी खर्च किया।
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