कौन हैं Jonas Masseti, जिनका जिक्र PM मोदी ने मन की बात में किया और क्यों?
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जनता के साथ 'मन की बात' की। इस दौरान उन्होंने भारतीय संस्कृति और शास्त्र के महत्व पर प्रकाश डाला। साथ ही बताया कि भारत किन वजहों से दुनिया के लिए हमेशा अध्यात्म का केंद्र रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉनस मसेटी (Jonas Masetti) का जिक्र किया। साथ ही अधात्मक के लिए किए जा रहे उनके कार्यों की सराहना भी की। आइए जानते हैं कि कौन हैं जॉनस और क्यों पीएम मोदी उनके कार्यों से इतने प्रभावित हैं?
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ब्राजील में रहते हैं जॉनस
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि भारत की संस्कृति और शास्त्र हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं। कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और यहीं के होकर रह गए। तो कई लोग ऐसे भी हैं, जो वापस जाकर अपने देश में भारतीय संस्कृति का प्रचार कर रहे हैं। हाल ही में मुझे जोनस मसेटी के बारे में जानने का मौका मिला, जिन्हें विश्वनाथ के नाम से भी जाना जाता है। पीएम के मुताबिक जॉनस ब्राजील में लोगो को वेदांत और गीता सिखाते हैं। वे विश्वविद्या नाम की एक संस्था भी चलाते हैं, जो Rio De Janeiro से घंटेभर की दूरी पर Petroplis के पहाड़ों में स्थित है।
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इंजीनियरिंग छोड़ अध्यात्म को चुना
पीएम ने बताया कि जॉनस ने पहले तो मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद स्टॉक मार्केट में अपनी कंपनी के लिए काम किया। बाद में उनका रुझान भारतीय संस्कृति और खासकर वेदांत की तरफ हो गया। स्टॉक से लेकर अधात्म तक वास्तव में उनकी एक लंबी यात्रा है। पीएम मोदी के मुताबिक जॉनस ने भारत में वेदांत दर्शन का अध्ययन किया और 4 साल तक वे कोयम्बटूर के आर्ष विद्या गुरूकुलम में रहे हैं। जॉनस में एक और खासियत है वो अपने मैसेज को आगे पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं। वो नियमित रूप से ऑनलाइन प्रोग्राम करते हैं। साथ ही प्रतिदिन उनका पोडकॉस्ट भी होता है। पिछले 7 वर्षों में जॉनस ने वेदांत पर अपने फ्री ओपन कोर्स के माध्यम से डेढ़ लाख से ज्यादा छात्रों को पढ़ाया है।
पीएम ने दी जॉनस को बधाई
जॉनस की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि वो ना केवल एक बड़ा काम कर रहे हैं, बल्कि उसे एक ऐसी भाषा में कर रहे हैं, जिसे समझने वालों की संख्या बहुत अधिक है। लोगों में इसको लेकर काफी रुचि है कि कोरोना और क्वारंटीन के इस समय में वेदांत कैसे मदद कर सकता है। अंत में पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात के जरिए मैं जॉनस को उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूं और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
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