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बिहार के स्वास्थ्य मंत्री कौन लालू या तेज प्रताप?

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पटना (मुकुंद सिंह)। बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री और राजद सुप्रीमों लालू यादव के द्वारा आचानक आईजीआईएमएस अस्पताल का औचक निरक्षण करने को लेकर एक फिर से राजनितिक गलियारों को झकझोर कर रख दिया है ।लालू के हर दांव के आगे नीतीश अब बेबस नजर आने लगी है।

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लालू ने जब से आईजीआईएमएस अस्पताल का दौरा किया, तब से सरकार विपक्ष के निशाने पर है सभी के जवान पर एक ही सवाल है आखिर कार बिहार के स्वास्थ्य मंत्री कौन लालू या तेज प्रताप। एक तरफ जहाँ इस औचक निरक्षण को लेकर बीजेपी के विधायक नीतिन नवीन ने हमला करते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री कब तक दुधमुंहा बच्चा बने रहेंगे। पिता बेटे को सलाह दे सकता है लेकिन लालू यादव किस हैसियत से अस्पताल का दौरा करने गए, उन्हें जवाब देना चाहिए। तो बिहार की अन्य विरोधी पार्टियां तब से लगातार आरोप लगा रही थी कि लालू यादव सुपर सीएम के रुप में काम कर रहे हैं।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री कौन लालू या तेज प्रताप?

इस बात को उस समय और बल मिल गया जब लालू यादव अचानक पटना में इंदिरा गांधी मेडिकल संस्थान पहुंच गए। आपको बताते चले कि रविवार को लालू यादव अचानक पटना में इंदिरा गांधी मेडिकल संस्थान पहुंच गए।

पहले तो लोगों ने समझा कि लालू शायद अपने किसी परिचित मरीज को देखने आए हैं, लेकिन संस्थान के निदेशक और अन्य वरिष्ठ डॉक्टरों को तुरंत समझ में आ गया कि लालू अपने अनोखे अंदाज में इस संस्थान का औचक निरीक्षण करने पहुंचे हैं। लालू मरीजों से पूछताछ करने लगे और उन्होंने कई वार्डों का जायजा लिया।

लालू मरीजों से पूछताछ करने लगे और वार्डों का जायजा लिया

गौरतलब हो कि वर्ष 1997 में चारा घोटाले में न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद लालू आईजीआईएमएस में कई महीनों तक रहे थे। तो स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने लालू यादव के अस्पताल दौरे को सही बताते हुए कहा कि पिता जी आईजीआईएमस में थे और उन्होंने जो जो चीजें वहां देखी है उसपर हमलोग विचार कर तुरंत लागू करने वाले है।

तेज प्रताप ने लालू के दौरे को सही बताया

साथ ही उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार के द्वारा उन्हें यह जिम्मेदारी मिली है और बिहार की जनता हमलोगों को चुनकर भेजी है और हमलोग उनके हित के लिए काम कर रहे है।आपको बताते चले कि सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार लालू ने जबसे अपराध के मुद्दे पर नीतीश सरकार को आंखें दिखाई थीं, तभी से जेडीयू खेमे में नाराजगी है।

लालू की हरकतों पर जेडीयू खेमा नाराज!

सरकार में लालू की यह दखल अंदाजी जेडीयू नेताओं को नागवार गुजर रही है। दबी जुबान से जेडीयू नेता ये स्वीकारते जरुर हैं कि जंगलराज के पर्याय बन चुके लालू कैसे नीतीश को डिक्टेट कर सकते हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि लालू ने नीतीश को सीधे तौर पर कहा था कि जिले में अधिकारी भी मेरे हिसाब से रखे जाएं। बदली परिस्थितियों में लालू प्रसाद यादव की राजनैतिक महत्वकांक्षा एक बार फिर से अंगड़ाई लेने लगी है।

लालू कैसे नीतीश को डिक्टेट कर सकते हैं?

वे चाहते है कि जिन जिलों में उनकी पार्टी के एमपी व एमएलए अधिक हों, वहां डीएसपी उन्हीं के हिसाब से रखे जाएं। तबादले की सूची लालू ने नीतीश कुमार के पास भेज दी है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि लालू समझौता नहीं अपनी शर्तों पर काम करते हैं। वो शर्त वक्त के हिसाब से बदलता रहता है। नीतीश के साथ गठबंधन के बाद लालू ने कहा था कि हम देश की राजनीति करेंगे व नीतीश राज्य की। लेकिन अब लालू ने अपनी रणनीति बदल ली है। वे अब दिल्ली के बजाय अपना ज्यादा समय राज्य में ही व्यतीत करते हैं।

English summary
A day after Rashtriya Janata Dal supremo Lalu Prasad inspected IGIMS Patna to take stock of its infrastructure and facilities, BJP leader Sushil Kumar Modi sought an explanation from Chief Minister Nitish Kumar over the issue.
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