कौन हैं हरसिमरत कौर बादल, मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने की क्या है असल वजह
कौन हैं हरसिमरत कौर बादल और क्या है उनके इस्तीफा देने की मुख्य वजह?
नई दिल्ली। मोदी सरकार के तीन कृषि विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सरकार के इन विधेयकों को लेकर पिछले कई दिनों से पंजाब और हरियाणा में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एनडीए के प्रमुख सहयोगी शिरोमणि अकाली दल का कहना है कि इन विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार ने उनसे कोई सलाह नहीं ली। आइए जानते हैं कि कौन हैं हरसिमरत कौर बादल और क्या है उनके इस्तीफा देने की मुख्य वजह?
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बठिंडा से लगातार तीसरी बार बनीं सांसद
मोदी सरकार में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री के पद से इस्तीफा देने वालीं हरसिमरत कौर पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं। हरसिमरत कौर पंजाब की बठिंडा सीट से लोकसभा की सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा को हराकर हरसिमरत कौर तीसरी बार इस सीट से सांसद बनी हैं। सबसे पहले 2009 में इसी सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर हरसिमरत कौर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
दिल्ली में हुई हरसिमरत कौर की पढ़ाई
दिल्ली में जन्मीं हरसिमरत कौर ने लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद टेक्सटाइल डिजाइन में डिप्लोमा किया हुआ है। 21 नवंबर 1991 को सुखबीर सिंह बादल से हरसिमरत कौर की शादी हुई और उनके तीन बच्चे हैं। हरसिमरत के भाई बिक्रम सिंह मजीठिया भी राजनीति में हैं और पंजाब की मजीठा विधानसभा सीट से शिरोमणि अकाली दल के विधायक हैं।
क्यों दिया मोदी सरकार से इस्तीफा
पंजाब में किसान वोट बैंक शिरोमणि अकाली दल की रीढ़ माना जाता है। हाल ही में हरसिमरत कौर के पति सुखबीर सिंह बादल ने एक बयान देते हुए कहा भी था कि हर अकाली एक किसान है और हर किसान एक अकाली है। इस समय केंद्र सरकार के तीनों कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब के सभी किसान संगठन आपसी राजनीतिक मतभेद भुलाकर सड़कों पर हैं। यही नहीं, मालवा बेल्ट में किसानों ने खुले तौर पर चेतावनी दी है कि केंद्र के कृषि विधेयकों का समर्थन करने वाले किसी किसी भी नेता को उनके गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा।
किसानों का मुद्दा SAD के लिए जीने-मरने का सवाल
पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2017 में शिरोमणि अकाली दल का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और पंजाब की 117 सीटों में से महज 15 सीटों पर ही पार्टी को जीत मिली थी। ऐसे में शिरोमणि अकाली दल किसानों की नाराजगी का जोखिम नहीं लेना चाहती। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कृषि विधेयकों का यह मुद्दा शिरोमणि अकाली दल के लिए जीने-मरने का सवाल है। किसी ने नहीं सोचा था कि इस मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल भाजपा का विरोध करेगा, लेकिन हरसिमरत कौर ने केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा देकर अपनी पार्टी को 2017 की हार के बाद फिर से खड़ा होने का मौका दे दिया है।
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