#ParikshaPeCharcha: जानिए आत्मविश्वास की वो कहानी, जो परीक्षा पर चर्चा में प्रधानमंत्री ने सुनाई
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के जरिए उन छात्रों के बीच में थे जो किसी न किसी तरह के एग्जाम की तैयारियों में बिजी हैं। यहां पर पीएम मोदी ने छात्रों की ओर से कई तरह के सवालों का जवाब देते हुए उन्हें हौसले और आत्मविश्वास की एक कहानी भी सुनाई।
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नई दिल्ली। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के जरिए उन छात्रों के बीच में थे जो किसी न किसी तरह के एग्जाम की तैयारियों में बिजी हैं। यहां पर पीएम मोदी ने छात्रों की ओर से कई तरह के सवालों का जवाब देते हुए उन्हें हौसले और आत्मविश्वास की एक कहानी भी सुनाई। पीएम मोदी की यह कहाना कनाडा के स्नोबोर्डर मार्क मैक्मोरिस और उनके कमबैक से जुड़ी थी। मैकमोरिस ने पिछले दिनों साउथ कोरिया में जारी विंटर ओलंपिक्स में शानदार कमबैक किया है। मार्क की कहानी सिर्फ स्कूल जाने वाले बच्चों को ही नहीं बल्कि किसी भी उस इंसान को प्रेरित कर सकती है जो अपनी जिंदगी में कई तरह के संघर्षों का सामना कर रहे हैं लेकिन कभी-कभी उनकी हिम्मत उन्हें जवाब दे देती है। अगर आप जानना चाहते हैं कि मार्क कौन हैं और उनकी कहानी ने कैसे पीएम मोदी को भी प्रभावित किया तो पढ़े यह रिपोर्ट।
17 फ्रैक्चर का सामना करने वाले मार्क
आपके लिए एक साधारण सी मोच भी कभी-कभी दर्द की बड़ी वजह बन जाती है। मार्क एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने एक एक्सीडेंट में एक, दो नहीं बल्कि पूरे 17 फ्रैक्चर का सामना किया था। मार्क इससे घबराए नहीं बल्कि उन्होंने विंटर ओलंपिक्स में कमबैक किया और अपने देश के लिए मेडेल भी जीता। मार्क की हालत को देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता था कि वह अपने पैरों पर भी खड़े हो पाएंगे। मार्क ने यहां पर कांस्य पदक अपने देश के लिए जीता है।
24 वर्ष के मार्क का हौसला टूटा
करीब एक साल पहले मार्क स्नोबोर्डिंग के दौरान एक पेड़ से टकरा गए और एक खतरनाक एक्सीडेंट हो गया। इस एक्सीडेंट में उनकी 17 हड्डियां टूट गई थीं और उनके फेफड़ों में भी कई तरह की मुसीबतें आ गई थीं। मार्क एक्सीडेंट के बाद कोमा में भी चले गए थे। मार्क की उम्र सिर्फ 24 वर्ष थी और एक्सीडेंट ने उन्हें अंदर से तोड़कर रख दिया था। लेकिन मार्क ने ठान लिया था कि वह अपनी कमजोरियों को खुद पर हावी नहीं होने देंगे।
अब हर दिन ईश्वर का आर्शीवाद
मार्क ने कई दिनों तक मेहनत की और खुद को पूरी तरह से फिट करने में अपनी सारी एनर्जी लगाई। ठीक होने के बाद मार्क ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि अब वह अपने हर दिन को ईश्वर के आर्शीवाद की तरह देखते हैं। मैक्मोरिस ने नवंबर में बीजिंग में हुए एक आयोजन में बिग एयर वर्ल्ड कप जीता था, इसके एक महीने बाद ही उन्होंने विंटर एक्स गेम्स में ब्रोंज मेडल जीता था। पिछले दिनों जब उन्होंने प्योंगचेंग में जब मेडल जीता तो फिर से उनकी चर्चा होने लगी।
एक नहीं मार्क के दो एक्सीडेंट
मार्क ने एक नहीं बल्कि दो बार एक्सीडेंट का सामना किया। फरवरी-2016 में अमेरिका के लॉस एंजिल्स में बिग एयर इवेंट में उनकी जांघ की हड्डी टूट गई थी। पांच माह बाद जुलाई-2016 में फिट हुए। मार्क फिट हुए ही थे कि फरवरी-2017 में फिर उनका एक्सीडेंट हो गया। उनके डॉक्टरों को जरा भी उम्मीद नहीं थी कि मार्क सिर्फ चार माह बाद ही फिर से स्नोबोर्डिंग कर पाएंगे।