कौन हैं बिरला ख़ानदान के 'विलफ़ुल डिफ़ॉल्टर यश बिरला?
कौन हैं यश बिरला? यश का बिरला परिवार भारत के मशहूर बिज़नेस परिवारों में से एक है. यश बिरला की उम्र जब 23 साल थी जब एक हवाई दुर्घटना में उनके माता, पिता और बहन की मौत हो गई. यश का परिवार मुंबई से बैंगलूरू जा रही फ़्लाइट आईसी 605 पर सवार था जो 14 फ़रवरी 1990 को क्रैश हो गई. दुर्घटना में 92 लोग मारे गए थे.
कोलकाता से संचालित यूको बैंक ने रविवार को यशोवर्धन बिरला को 'विलफ़ुल डिफॉल्टर' घोषित कर दिया.
ये पहली बार है कि बिरला परिवार के किसी व्यक्ति को 'विलफ़ुल डिफ़ॉल्टर' या जानबूझकर क़र्ज़ नहीं लौटाने वाला व्यक्ति घोषित किया है.
यश बिरला पर आरोप है कि उनकी कंपनी बिरला सूर्या लिमिटेड को 67.65 करोड़ रुपए बैंक को लौटाने थे जो उन्होंने नहीं लौटाए.
यूको बैंक के रिकवरी डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की.
बैंक की तरफ़ से अख़बारों में छपे पब्लिक नोटिस में यश बिरला की तस्वीर भी छपी थी.
विल्फ़ुल डिफॉल्टर घोषित करने का अर्थ ये हुआ कि यश बिरला क़र्ज़ लौटा सकते हैं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्होंने जिस काम के लिए क़र्ज़ लिया था, उसके लिए कर्ज़ का इस्तेमाल नहीं किया.
विल्फ़ुल डिफॉल्टर की घोषणा के बाद न सिर्फ़ कंपनी के लिए बल्कि जिस कंपनी में व्यक्ति डॉयरेक्टर हो उसके लिए कर्ज़ लेना मुश्किल हो जाता है.
रोचक बात ये है कि यूको बैंक की कल्पना, 6 जनवरी 1943 को बैंक की स्थापना करने वाले यशोवर्धन बिरला के परदादा रामेश्वरदास बिरला के भाई घनश्यामदास बिरला थे.
बैंकों की राष्ट्रीयकरण की नीति के चलते 19 जुलाई 1969 को यूको बैंक भी सरकार का हिस्सा हो गया था.
यश बिरला की तुलना कई बार उनके रिश्तेदार, भारत के सबसे धनी लोगों में से एक और आदित्य बिरला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिरला से की जाती है.
फ़ोर्ब्स मैगज़ीन के मुताबिक़ आदित्य बिरला के पास 11.5 अरब डॉलर की संपत्ति है और उनके आदित्य बिरला ग्रुप का कुल आमदनी 44.3 अरब डॉलर है.
और दूसरी तरफ़ हैं बॉडी बिल्डिंग के शौक़ीन यश बिरला जिनके इंस्टाग्राम पर अपने बाइसेप्स, ट्राइसेप्स, ऐब्स दिखाती तस्वीरें भरी पड़ी हैं.
कौन हैं यश बिरला?
यश का बिरला परिवार भारत के मशहूर बिज़नेस परिवारों में से एक है.
यश बिरला की उम्र जब 23 साल थी जब एक हवाई दुर्घटना में उनके माता, पिता और बहन की मौत हो गई.
यश का परिवार मुंबई से बैंगलूरू जा रही फ़्लाइट आईसी 605 पर सवार था जो 14 फ़रवरी 1990 को क्रैश हो गई.
दुर्घटना में 92 लोग मारे गए थे.
At last a big name makes it to the defaulters photo gallery instead of small fry hounded by banks! #YashBirla #NoBadaBhai pic.twitter.com/ZeaMyturEY
— Sucheta Dalal (@suchetadalal) 16 June 2019
मारे गए लोगों में यश बिरला के पिता और मशहूर उद्योगपति और अशोक बिरला, उनकी मां सुनंदा और उनकी बहन सुजाता भी थीं.
यश उस वक्त अमरीका के नॉर्थ कैरोलाइना में एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे.
इस तरह 800 करोड़ रुपए के बिज़नेस की ज़िम्मेदारी यश के कंधों पर आन पड़ी.
कुछ साल पहले 'रैंदेवू विद सिमी ग्रेवाल' टीवी शो में बात करते हुए यश बिरला ने कहा, "सुबह के सात बजे थे और मेरी आंटी का फ़ोन आया. उन्होंने बताया कि एक प्लेन क्रैश हो गया है. मैं नींद में था, मैंने पूछा क्या? उन्होंने कहा, तुम्हारे माता-पिता उस प्लेन पर सवार थे. मैंने कहा, मेरी बहन कहां है, उसे फ़ोन दो. उन्होंने बताया, वो भी उसी प्लेन पर सवार थी."
फ़ोन कॉल के बाद यश की हालत की स्थिति किसी पागल जैसी थी.
उस वक़्त दुर्घटना में मारे गए लोगों की सूची नहीं आई थी.
यश ने अपने दोस्तों को फ़ोन करके तुरंत बुलाया और न्यूयॉर्क, लंदन के रास्ते मुंबई के लिए रवाना हो गया.
शो में उन्होंने बताया कि "पूरे रास्ते क्या हुआ, मुझे कुछ याद नहीं…. आपने मेरी मां के बारे में बात की तो मेरे रोंगटे खड़े गए... मुझे विश्वास नहीं हुआ कि एक क्षण में मेरा परिवार मुझे छोड़कर चला गया."
यश के मुताबिक़ वो बचपन से ही धर्म और दर्शनशास्त्र से जुड़ी किताबें पढ़ते थे जिस कारण उन्हें इस सदमें से उबरने में मदद मिली.
लेकिन 1990 के बाद ऐसा क्या हुआ कि 2013-14 आते-आते बिज़नेस बुरे दौर में पहुंच गया.
जून 2013 में मनीलाइफ़ बेवसाइट पर एक लेख में सवाल पूछा गया कि क्या यश बिरला ग्रुप कंपनियों की हालत ख़राब है?
लेख के मुताबिक़ निवेशक चिट्ठी लिख रहे हैं कि दो यश बिरला कंपनियों ज़ेनिश बिरला और बिरला पावर सॉल्यूंशंस में उनका निवेश उन्हें वापस नहीं मिल रहा है.
लेख के मुताबिक़ एक मार्च 2013 से ग्रुप की आठ में सात कंपनियों के रिटर्न्स नेगेटिव में थे.
ये आठ कंपनियां थीं - बिरला कैपिटल ऐंड फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़, बिरला कॉट्सियन (इंडिया), बिरला पैसिफ़िक मेडस्पा, बिरला पावर सॉल्यूशंस, बिरला प्रिसीज़न टेक्नॉलजीज़, बिरला श्लोका एजुटेक, मेल्स्टॉर इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजीज़ और ज़ेनिश बिरला (इंडिया).
साल 2013 में अख़बार बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में यश बिरला ने बताया कि उनकी कंपनियों की "धीमी रफ़्तार" का कारण था कि उनका बिज़नेस उनके सलाहकार चलाते थे, और इन सलाहकारों को भेजने वालीं थीं उनकी बड़ी आंट प्रिंयवदा बिरला और बिरला ख़ानदान के दूसरे लोग जिन्हें बिज़नेस में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं थी.
यश कहते हैं, "जब तक मुझे अपनी टीम मिली, तब तक आठ-नौ साल गुज़र चुके थे."
इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, केमिकल्स, वेलनेस, लाइफ़स्टाइल, आईटी आदि सेक्टरों से जुड़ी उनकी 20 कंपनियों का सालाना बिज़नेस 3000 करोड़ के आसपास था और टैक्स काटने से पहले कंपनियों का मुनाफ़ा 1,000 करोड़ के क़रीब था.
अख़बार के मुताबिक आर्थिक मुश्किलों के बावजूद यश बिरला के कंपनियों की बड़ी-बड़ी योजनाएं थीं जैसे पुणे के नज़दीक सोलर सेल्स बनाने के लिए 2000 करोड़ के प्लांट में निवेश करना, क़रीब 3000 करोड़ की लागत से महाराष्ट्र के धुले में 600 मेगावाट का कोयले से चलने वाला प्लांट और अपन वेलनेस बिज़नेस को आघे बढ़ाना. साथी वो अफ़्रीका में निवेश करना चाहते थे.
साल 2014 में ख़बर आई कि कथित आर्थिक गड़बड़ियों के लिए यश बिरला की जांच की जा रही है, और ये कि मुंबई पुलिस ने बिरला पावर सॉल्यूशंस के ख़िलाफ़ उनकी फिक्स्ड डिपॉज़िट स्कीम में कथित तौर पर पैसा नहीं लौटाने को लेकर जांच शुरू कर दी है.
रिपोर्टों के मुताबिक़ कंपनी के ऊपर 8,800 निवेशकों का 214 करोड़ रुपए का क़र्ज़ था.
पुलिस ने बिरला पावर के एक वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ़्तार किया और रिपोर्ट के मुताबिक़ यश बिरला को देश नहीं छोड़ने का आदेश दिया.
रिपोर्टों के मुताबिक़ विभिन्न सरकारी एजेंसियां कंपनी की जांच कर रही थीं, और इस बात की भी जांच कर रही थीं कि जिस काम के लिए पैसा जुटाया गया, उसका किस तरह इस्तेमाल किया गया.
सवाल उठे कि क्या उस पैसे का निवेश विदेश में किया गया?
ऐसे में कंपनी के दफ़्तरों पर छापे पड़ने की भी ख़बर आई.
अख़बार मिंट ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा कि निवेशकों के पैसे चुकाने के लिए यश बिरला के रिश्तेदार और बिज़नेसमैन कुमार मंगलम बिरला ने उन्हें 30 करोड़ रुपए दिए लेकिन उस पैसे का कथित तौर पर कहीं और इस्तेमाल किया गया.
साल 2016 में अख़बार एशियन एज ख़बर आई कि यश बिरला अपना मशहूर घर बिरला हाउस खो सकते हैं और राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने उनकी प्रॉपर्टी ज़ब्त कर ली है, हालांकि अख़बार में उनके उस वक़्त के वकील रमाकांत गौड़ को ये कहते बताया गया कि जब 100 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच की जा चुकी है तो बाक़ी प्रॉपर्टी अटैच करने की क्या ज़रूरत थी.
साल 2017 में 'मिड-डे' में ख़बर छपी की कंपनी बिरला पावर सॉल्यूशंस लिमिटेड के निवेशकों का पैसा लौटाने की तैयारी में है.
'मिड-डे' से बातचीत में यश बिरला ने कहा कि वो 775 निवेशकों का 51 करोड़ रुपए लौटा चुके हैं और 400 निवेशकों के 3.56 करोड़ रुपए देने बाक़ी हैं. साथ ही कंपनियों के 211 करोड़ रुपए के 120 करोड़ रुपए बाक़ी हैं और वो भी वापस देने की तैयारी है.
यश बिरला और उनकी कंपनियों पर चल रहे मामलों की क्या स्थिति है, ये साफ़ नहीं है.
हमने उनसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन ऐसा हो न सका.