जानें कौन हैं 'शाहीन बाग की दादी' के नाम से मशहूर 82 वर्षीय बिल्किस, दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों में हैं शामिल
जानें कौन हैं 'शाहीन बाग की दादी' के नाम से मशहूर 82 वर्षीय बिल्किस, दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल
नई दिल्ली: 'शाहीन बाग की दादी' के नाम से मशहूर 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला बिल्किस (Shaheen Bagh dadi Bilkis) को दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में टाइम मैगजीन (TIME) ने शुमार किया है। TIME मैगजीन की ताजा लिस्ट में बिल्किस को 'आइकन' कैटेगरी में जगह दी गई है। दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में भारत के टाइम ने पांच लोगों को जगह दी है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिल्किस, एक्टर आयुष्मान खुराना, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (जो भारतीय हैं) और लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर रवींद्र गुप्ता शामिल हैं। लेकिन इन सब के बीच जो सबसे ज्यादा चर्चा में बनी हुई हैं वो हैं- बिल्किस।
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जानें आखिर कौन हैं बिल्किस ( Who is Bilkis)
बिल्किस उन हजारों महिला प्रदर्शनकारियों में से एक थीं, जो दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ सड़कों पर बैठी रहीं। इस विरोध प्रदर्शन में यूं तो कई बुजुर्ग महिलाएं धरना देती थीं लेकिन बिल्किस उन दिनों मीडिया जाना-पहचाना चेहरा बन गई थीं। बिल्किस शाहीन बाग इलाके की रहने वाली एक स्थानीय महिला हैं। तकरीबन तीन महीनों तक विरोध के दौरान शाहीन बाग की सड़कों पर बैठी थीं।
बिल्किस ने उस वक्त कभी नहीं सोचा होगा शाहीन बाग में विरोध कर उनको इंटरनेशनल पहचान मिलेगी। हालांकि की बिल्किस को पहचान की कोई परवाह भी नहीं थी, उन्होंने कई मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ये सब वो लोग आने वाले बच्चों के लिए कर रही हैं...क्योंकि वो तो बुजुर्ग हो चुकी हैं।
बिल्किस ने कहा था- सरकार सोचे, हम सड़कों पर ठंड में क्यों हैं?
जनवरी 2020 में, शाहीन बाग सहित देश भर में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन से प्रेरित होकर, बिल्किस ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा था, "हम बूढ़े हो गए हैं और हम अपने लिए ऐसा नहीं कर रहे हैं... यह हमारे बच्चों के लिए है। हम खुले में अपने जीवन की सबसे ठंडी सर्दियों के दौरान अपने दिन और रात क्यों बिताएंगे? ये सरकार को सोचना चाहिए।''
प्रदर्शन के दौरान बिल्किस ने कई मीडिया से कहा था, मोदी सरकार जबतक सीएए (CAA) को वापस नहीं लेगी, तब तक वह शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगी। हालांकि शाहीन बाग का विरोध 101 दिनों तक चला और दिल्ली पुलिस ने 24 मार्च को कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर इसे खाली करवा दिया था।
पीएम मोदी के 'जनता कर्फ्यू' पर बिल्किस ने कही थी ये बात
सीएए (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग में स्थानीय लोगों से लेकर ऐक्टिविस्ट्स ने लंबे वक्त तक प्रदर्शन किया था। मार्च महीने के अंत में जब भारत में कोरोना के मामले बढ़ने लगे तो इसे खाली करवाया गया था।
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2020 में 'जनता कर्फ्यू' की घोषणा की थी तो बिल्किस ने कहा था,अगर प्रधानमंत्री को हमारी सेहत की इतनी ही चिंता सता रही है तो आज इस काले कानून (caa) को रद्द कर दें फिर हम भी रविवार के दिन को जनता कर्फ्यू में शामिल हो जाएंगे।
जब शाहीन बाग में बिल्किस ने फहराया था तिरंगा
26 जनवरी 2020 को, बिल्किस ने रोहिथ वेमुला और जुनैद खान की मा के साथ, शाहीन बाग में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था...क्योंकि विरोध की वजह से वहां प्रदर्शन कर रहे हजारों लोग गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे। उस दौरान "शाहीन बाग के दादियों" ने जमकर देशभक्ति गीतों, कविताओं और नारे लगाए थे।
ये गोलियां हमें डराती नहीं हैं: बिल्किस
फरवरी में, जब एक हमलावर ने शाहीन बाग में मंच से 50 मीटर की दूरी पर फायरिंग की तो उस वक्त बिल्किस वहीं थीं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बिल्किस ने उस घटना को लेकर कहा था, जब फायरिंग हुई तो तम्बू के अंदर लोगों में घबराहट थी लेकिन लोगों ने फिर खुद को संभाल लिया। हम उस जगह पर भी गए थे, जहां गोलियां चलाई गई थी और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने कहा था - ''ये गोलियां हमें डराती नहीं हैं। "
ट्विटर पर ट्रेंड हुआ शाहीन बाग
टाइम मैगजीन की तरफ से लिस्ट जारी होने के बाद ट्विटर पर 'शाहीन बाग' ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स बिल्किस की तारीफ कर रहे हैं। इसी बीच पत्रकार राणा अय्युब का ट्वीट वायरल हो गया है। राणा अय्युब ने बिल्किस को लेकर लिखा है, 'बिल्किस को मशहूर होना ही चाहिए ताकि दुनिया तानाशाही के खिलाफ संघर्ष की ताकत का एहसास कर सके।'
कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने भी बिल्किस को बधाई देते हुए एक तस्वीर ट्वीट की है। इसके अलावा यूजर्स दादी की लंबी उम्र की दुआ मांग रहे हैं और कई लोगों ने बिल्किस के जज्बे की तारीख की है।