कौन हैं पूर्णिया की महिलाएं जिनका PM मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र, आज कमा रहीं लाखों रुपए
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को सुबह 11 बजे अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 62वें संस्करण को संबोधित किया, इस दौरान देश की आधी आबादी की प्रतिभा को सलाम किया। इसी दौरान पीएम मोदी ने बिहार के पूर्णिया जिले की महिलाओं का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि पूर्णिया की कहानी देश के लोगों को प्रेरणा से भर देने वाली है, विषम परिस्थितियों में पूर्णिया की कुछ महिलाओं ने एक अलग रास्ता चुना और अपनी किस्मत बदल ली।
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'मन की बात' का 62वां संस्करण
रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 62वें संस्करण में यूं तो पीएम मोदी ने हुनर हाट, अंतरिक्ष और कॉप कन्वेंशन का भी जिक्र किया लेकिन इस बार उनके कार्यक्रम का क्रेंद महिला सशक्तिकरण रहा। पीएम मोदी ने न सिर्फ पूर्णिया की महिलाओं का जिक्र किया बल्कि केरल की कोल्लम में रहने वाली भागीरथा अम्मा का भी उदाहरण दिया जिन्होंने 105 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई पूरी की। पीएम मोदी ने माउंट एकोनगोवा दक्षिण अमेरिका में सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराने वाली काम्या के भी हौसले की तारीफ की।
पूर्णिया की महिलाओं ने सबका ध्यान आकर्षित किया
हालांकि इन सबके बीच पूर्णिया की महिलाओं ने सबका ध्यान आकर्षित किया और सभी जानना चाहते हैं कि उन्होंने किस प्रकार का काम किया जिसके लिए खुद पीएम मोदी उनकी तरीफ कर रहे हैं। पीएम मोदी ने बताया कि पूर्णिया की महिलाओं ने शहतूत के पेड़ पर रेशम के कीड़ों से कोकुन तैयार करती थीं, जिसका उन्हें मामूली दाम मिलता था। उसे खरीदकर उससे रेशम के धागे बनाने वाले लोगों को अच्छी कीमत मिलती थी। बाद में इन महिलाओं ने नई शुरुआत की।
इसलिए जाना जाता है पूर्णिया
पीएम मोदी ने बताया कि इन महिलाओं ने सरकार के सहयोग से शहतूत उत्पादन समूह बनाए। फिर रेशम के धागे बनाए और इन धागों से उन्होंने खुद ही साड़ी बनवाकर बेचना शुरू किया। अब ये साड़िया हजारों में बिक रही हैं। उन्होंने कहा, 'आदर्श जीविका महिला मलबरी उत्पादन समूह' की दीदियों ने जो कमाल किये हैं, उसका असर अब कई गावों में देखने को मिल रहा है। पूर्णिया के कई गावोँ की किसान दीदियां, अब न केवल साड़ियाँ तैयार करवा रही हैं, बल्कि बड़े मेलों में, अपने स्टाल लगा कर इन्हें बेच भी रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि पूर्णिया की महिलाएं इस बात का उदाहरण है कि आज की महिला शक्ति, नई सोच के साथ किस तरह नए लक्ष्यों को प्राप्त कर रही हैं। हमारे देश की महिलाओं, हमारी बेटियों की उद्यमशीलता, उनका साहस, हर किसी के लिए गर्व की बात है। अपने आस पास हमें अनेकों ऐसे उदाहरण मिलते हैं जिनसे पता चलता है कि बेटियाँ किस तरह पुरानी बंदिशों को तोड़ रही हैं, नई ऊंचाई प्राप्त कर रही हैं।
PM Narendra Modi in #MannKiBaat: Bhageerathi Amma, who lives in Kerala's Kollam, had to drop out of school when she was not even 10-year-old. She resumed her studies at 105 years of age & cleared level 4 exams with 75 %. She is big source of inspiration. I pay my respects to her. pic.twitter.com/xfmnkl7gPz
— ANI (@ANI) February 23, 2020
105 वर्षीय भागीरथा अम्मा की कहानी भी बताई
बता दें कि बिहार के पूर्णिया जिले के धमदाहा की जीविका दीदियों की कहानी वाकई में लोगों को प्रेरणा से भर देने वाली है। दशकों से बाढ़ त्रासदी से जूझने वाली धमदाहा के किसनपुर बलुआ गांव की महिलाओं ने कड़ी परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अलग रास्ता चुना। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 105 वर्षीय भागीरथा अम्मा की कहानी भी बताई जिन्होंने लेवल फोर की परीक्षा में 75% अंक प्राप्त किए। पीएम मोदी ने कहा, भागीरथी अम्मा को प्रणाम करना चाहता हूं।
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