कौन हैं सुखोई के लापता वे दो पायलट, बजते-बजते अब बंद हो गए जिनके फोन
इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के गायब सुखोई के पायलट्स का अभी तक कुछ पता नहीं। घने जंगल की वजह से बढ़ रही हैं चिंताएं। दोनों पायलट का मोबाइल फोन भी हुआ स्विच ऑफ।
नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स (आइएएफ) के गायब फाइटर जेट सुखोई-30 का ब्लैक बॉक्स मिल गया। लेकिन इसके पायट्स कहां हैं, इस बारे में अभी तक कुछ जानकारी नहीं मिल सकी है। सुखोई में सवार दोनों पायलट्स के नाम स्क्वाड्रन लीडर दिवेश पंकज और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अचुदेव है। स्क्वाड्रन लीडर की पंकज की उम्र 35 वर्ष तो फ्लाइट लेफ्टिनेंट अचुदेव 25 वर्ष के हैं।
मंगलवार से लापता था सुखोई
मंगलवार 22 मई को सुखोई-30 ने असम के तेजपुर एयरबेस से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के आधे घंटे के अंदर ही रडार और एटीसी से इसका संपर्क टूट गया। सुखोई-30 तेजपुर से 60 किलोमीटर दूर उत्तर में चीन के बॉर्डर के पास लापता हुआ था और करीब छह दिनों तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद इसका ब्लैक बॉक्स मिल सका। ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद भी पायलट्स का कुछ पता नहीं लग पा रहा है।
पायलट्स के पास होता है एक सरवाइवल किट
पायलट्स के पास पास सरवाइवल किट होती है। इस पैक में पानी से लेकर, खाना, फर्स्ट एड किट, दवाईयां, माचिस, मच्छरों से बचाने का सामान जैसे जरूरी आइटम थे। यह सारा सामान एयरक्राफ्ट से इजेक्शन के बाद उनके लिए काफी मददगार साबित हुआ हो सकता है। वैसे यह किट आईएएफ के हर पायलट के पास होती है। पायलट्स को इजेक्शन के बाद स्पाइनल इंजरी और पैरालाइससि से बचने के लिए भी खास आदेश दिए जाते हैं।
मोबाइल भी स्विच ऑफ
दोनों पायलट्स के मोबाइल फोन शनिवार तक ऑन थे और अब स्विच ऑफ हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक ऐसा हो सकता है कि फोन की बैटरी खत्म हो गई हो या फिर कुछ और वजह हो।
जंगली जानवरों का डर
जिन जंगलों में सुखोई के टुकड़े मिले हैं वहां पर जंगली जानवर खासकर कि भालू बड़ी तादाद में हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इस इलाके में रहने वाले कबायली लोग ही जानवरों से निबट सकते हैं। दोनों पायलट्स के बारे में अभी तक कोई भी जानकारी नहीं है और इसे लेकर उनके साथी काफी परेशान हैं।
माता पिता तेजपुर रवाना
स्क्वाड्रन लीडर दिवेश पंकज और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अचुदेच दोनों ही नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) से पासआउट हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट अचुदेव केरल के कोझीकोड के रहने वाले हैं। फिलहाल पिता साहदेवन और मां जयश्री दोनों ही तिरुवनंतपुरम में रह रहे हैं। उनके पिता इसरो से रिटायड हैं और जैसे ही दोनों को एयरक्राफ्ट के गायब होने की जानकारी मिली वे तेजपुर के लिए रवाना हो गए थे। दिवेश पंकज एक बेटी के पिता हैं और अगले माह वह स्क्वाड्रन लीडर से प्रमोट होकर विंग कमांडर बनने वाले थे।