कौन हैं वो 35 किसान, जो कर रहे हैं सरकार से बातचीत, क्या है उनका पॉलिटिकल कनेक्शन, जानिए
किसान संगठनों के नेताओं में एक पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी, एक पूर्व सैनिक और एक पूर्व डॉक्टर भी शामिल हैं।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान सड़कों पर हैं। पिछले कई दिनों से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं और इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली में चौथे दौर की बातचीत हुई। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सरकार के साथ बैठक में किसान संगठनों के 35 नेता शामिल हुए, जिनमें एक पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी, एक पूर्व सैनिक और एक पूर्व डॉक्टर शामिल हैं। आइए जानते हैं कि कौन हैं ये 35 किसान और क्या है इनका पॉलिटिकल कनेक्शन?
आंदोलन के बड़े चेहरों में हैं सुरजीत सिंह फूल
1:-
सुरजीत
सिंह
फूल,
भारतीय
किसान
यूनियन
(क्रांतिकारी)
किसान
आंदोलन
के
सबसे
बड़े
चेहरों
में
शामिल
75
वर्षीय
सुरजीत
सिंह
फूल
भारतीय
किसान
यूनियन
(क्रांतिकारी)
के
अध्यक्ष
हैं
और
उनका
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
कोई
कनेक्शन
नहीं
है।
पंजाब
सरकार
ने
2009
में
माओवादियों
से
संबंध
के
आरोप
में
सुरजीत
सिंह
पर
यूएपीए
के
तहत
केस
दर्ज
किया
था।
सुरजीत
सिंह
फिलहाल
दिल्ली
के
बुराड़ी
मैदान
में
अपने
संगठन
के
साथ
विरोध
प्रदर्शन
कर
रहे
हैं।
2:-
हन्नान
मोल्लाह,
ऑल
इंडिया
किसान
सभा
74
वर्षीय
हन्नान
मोल्लाह
सीपीएम
से
जुड़े
हुए
हैं।
हन्नान
16
साल
की
उम्र
से
ही
सीपीएम
में
शामिल
हो
गए
थे
और
बाद
में
पोलित
ब्यूरो
के
सदस्य
भी
बने।
3:-
बोघ
सिंह
मनसा,
भारतीय
किसान
यूनियन
पिछले
42
सालों
से
किसानों
के
अलग-अलग
मुद्दों
पर
काम
कर
रहे
बोघ
सिंह
मनसा
छात्र
जीवन
से
ही
आंदोलनों
से
जुड़
गए
थे।
68
वर्षीय
बोघ
सिंह
मनसा
किसी
भी
राजनीतिक
पार्टी
से
जुड़े
हुए
नहीं
हैं।
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सेना के बाद खेती से जुड़े जोगिंदर सिंह
4:-
जोगिंदर
सिंह,
भारतीय
किसान
यूनियन
(उग्राहां)
कृषि
कानूनों
का
विरोध
कर
रहे
संगठनों
में
भारतीय
किसान
यूनियन
(उग्राहां)
एक
बड़ा
संगठन
है।
75
वर्षीय
जोगिंदर
सिंह
2002
में
भारतीय
सेना
की
नौकरी
छोड़कर
कृषि
से
जुड़े
और
भारतीय
किसान
यूनियन
(उग्राहां)
का
गठन
किया।
जोगिंदर
सिंह
उन
किसान
नेताओं
में
शामिल
हैं,
जिनसे
गृह
मंत्री
अमित
शाह
ने
बात
कर
आंदोलन
के
बुराड़ी
में
शिफ्ट
करने
का
निवेदन
किया
था।
जोगिंदर
सिंह
का
कोई
भी
पॉलिटिकल
कनेक्शन
नहीं
है।
5:-
डॉ.
दर्शनपाल,
क्रांतिकारी
किसान
यूनियन
70
वर्षीय
डॉ.
दर्शनपाल
ने
पंजाब
सिविल
मेडिकल
सर्विस
से
स्वैच्छिक
रिटायरमेंट
लेने
के
बाद
कृषि
का
काम
शुरू
किया।
उनके
परिवार
के
पास
15
एकड़
कृषि
भूमि
है।
2016
में
जब
क्रांतिकारी
किसान
यूनियन
का
गठन
हुआ,
तो
डॉ.
दर्शनपाल
इसके
सदस्य
बने
और
इसी
साल
उन्हें
इस
संगठन
का
अध्यक्ष
बनाया
गया।
6:-
कुलवंत
सिंह
संधू,
जम्हूरी
किसान
सभा
65
साल
के
कुलवंत
सिंह
संधू
रिवोल्यूशनरी
मार्क्सिस्ट
पार्टी
ऑफ
इंडिया
की
केंद्रीय
कमेटी
के
सदस्य
हैं।
इमरजेंसी में 19 महीने जेल में रहे निर्भय सिंह
7:-
बूटा
सिंह
बुर्ज
गिल,
भारतीय
किसान
यूनियन
(एकता-दकोंदा)
66
वर्षीय
बूटा
सिंह
बुर्ज
गिल
1984
से
किसानों
के
मुद्दों
पर
काम
कर
रहे
हैं।
इससे
पहले
वो
भारतीय
किसान
यूनियन
(एकता-सिद्धूपुर)
के
भी
सदस्य
रह
चुके
हैं।
8:-
निर्भय
सिंह
दुधिके,
कीर्ति
किसान
यूनियन
निर्भय
सिंह
दुधिके
सीपीआई
(एमएल)
न्यू
डेमोक्रेसी
पार्टी
से
जुड़े
हुए
हैं।
इमरजेंसी
के
दौरान
निर्भय
सिंह
दुधिके
19
महीनों
तक
जेल
में
रहे
थे।
9:-
बलदेव
सिंह
निहालगढ़,
कुल
हिंद
किसान
सभा
64
वर्षीय
बलदेव
सिंह
निहालगढ़
सीपीआई
की
प्रदेश
कार्यकारिणी
में
सदस्य
हैं।
बलदेव
सिंह
की
गिनती
पंजाब
के
दिग्गज
किसान
नेताओं
में
होती
है।
10:-
रुलदू
सिंह
मनसा,
पंजाब
किसान
यूनियन
रुलदू
सिंह
मनसा
सीपीआई
(एमएल)
लिब्रेशन
से
जुड़े
हुए
हैं।
दिल्ली
में
चल
रहे
किसान
आंदोलन
के
दिग्गज
नेताओं
में
रुलदू
सिंह
मनसा
शामिल
हैं।
कॉलेज के दिनों से एक्टिव हैं सतनाम सिंह पन्नू
11:-
मेजर
सिंह
पुन्नावल,
ऑल
इंडिया
किसान
सभा
60
वर्षीय
मेजर
सिंह
पुन्नावल
पंजाब
के
पुन्नावल
में
खेती
करते
हैं
और
पिछले
पांच
दशक
से
सीपीएम
से
जुड़े
हुए
हैं।
12:-
इंद्रजीत
सिंह
कोट
बुद्धा,
किसान
संघर्ष
समिति
पंजाब
पंजाब
में
तरण
तारण
के
गांव
कोट
बुद्धा
में
7
एकड़
जमीन
के
मालिक
इंद्रजीत
सिंह
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
हुए
नहीं
है।
तबीयत
खराब
होने
की
वजह
से
50
वर्षीय
इंद्रजीत
सिंह
आज
बैठक
में
शामिल
नहीं
हो
पाए।
13:-
गुरबख्श
सिंह
बरनाला,
जय
किसान
आंदोलन
जय
किसान
आंदोलन
का
गठन
2015
में
हुआ
था
और
गुरबख्स
सिंह
इसके
संस्थापक
सदस्य
हैं।
गुरबख्स
सिंह
ने
बताया
कि
उनके
पास
बरनाला
जिले
के
कट्टू
गांव
में
2.5
एकड़
जमीन
है।
गुरबख्श
सिंह
बरनाला
का
कोई
राजनीतिक
कनेक्शन
नहीं
है।
14:-
सतनाम
सिंह
पन्नू,
किसान
मजदूर
संघर्ष
समिति
किसान
मजदूर
संघर्ष
समिति
पंजाब
के
10
जिलों
में
एक्टिव
है।
तरण
तारण
के
पिद्दी
गांव
से
आने
वाले
65
वर्षीय
सतनाम
सिंह
पन्नू
अपने
कॉलेज
के
दिनों
से
आंदोलनों
में
भाग
लेते
रहे
हैं।
सतनाम
सिंह
पन्नू
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
हुए
नहीं
हैं।
15:-
कंवलप्रीत
सिंह
पन्नू,
किसान
संघर्ष
समिति
पंजाब
55
वर्षीय
कंवलप्रीत
सिंह
पन्नू
2015
में
भूमि
अधिग्रहण
कानून
के
खिलाफ
हुए
आंदोलन
का
भी
हिस्सा
रह
चुके
हैं।
कंवलप्रीत
सिंह
पन्नू
का
भी
कोई
राजनीतिक
कनेक्शन
नहीं
है।
फुटबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं सतनाम सिंह साहनी
16:-
हरजिंदर
सिंह
टांडा,
आजाद
किसान
संघर्ष
समिति
हरजिंदर
सिंह
टांडा
के
पास
पंजाब
में
13
एकड़
जमीन
है,
जिसपर
वो
धान
और
सब्जियों
की
खेती
करते
हैं।
57
वर्षीय
हरजिंदर
सिंह
पिछले
15
साल
से
अपने
गांव
के
सरपंच
हैं।
उनका
संगठन
पंजाब
के
4
जिलों
में
एक्टिव
है।
हरजिंदर
सिंह
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
हुए
नहीं
हैं।
17:-
जगजीत
सिंह
दालेवाल,
भारतीय
किसान
यूनियन
(सिद्धूपुर)
भारतीय
किसान
यूनियन
(सिद्धूपुर)
पंजाब
का
एक
बड़ा
किसान
संगठन
है
और
दावा
किया
जाता
है
कि
इसके
1.75
लाख
सदस्य
हैं।
पिछले
तीन
दशक
से
इस
संगठन
से
जुड़े
जगजीत
सिंह
दालेवाल
के
पास
पंजाब
में
17
एकड़
जमीन
है
और
वो
किसी
भी
राजनीतिक
दल
के
सदस्य
नहीं
हैं।
18:-
हरमीत
सिंह,
भारतीय
किसान
यूनियन
(कादियां)
हरमीत
सिंह
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
हुए
नहीं
हैं।
हरमीत
सिंह
के
दादा
भारतीय
किसान
यूनियन
के
संस्थापक
सदस्य
थे।
पंजाब
में
20
एकड़
जमीन
के
मालिक
हरमीत
सिंह
15
साल
पहले
इस
संगठन
से
जुड़े
थे।
19:-
बलबीर
सिंह
राजेवाल,
भारतीय
किसान
यूनियन
(राजेवाल)
77
वर्षीय
बलबीर
सिंह
राजेवाल
1971
में
यूनियन
से
जुड़े
थे।
60
एकड़
जमीन
के
मालिक
बलबीर
सिंह
पंजाब
में
एक
स्कूल,
एक
कॉलेज
औक
एक
'ऑनेस्टी
शॉप'
चलाते
हैं,
जहां
कोई
दुकानदार
नहीं
है,
केवल
एक
बॉक्स
लगा
है।
लोग
यहां
से
अपनी
जरूरत
का
सामान
लेते
हैं
और
उसकी
कीमत
बॉक्स
में
डाल
देते
हैं।
बलबीर
सिंह
राजेवाल
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
नहीं
हैं।
20:-
सतनाम
सिंह
साहनी,
भारतीय
किसान
यूनियन
(दोआबा)
सतनाम
सिंह
साहनी
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
हुए
नहीं
हैं
और
किसान
आंदोलन
के
बीच
एक
युवा
चेहरा
हैं।
खालसा
कॉलेज
से
पोस्टग्रेजुएट
सतनाम
सिंह
साहनी
पंजाब
यूनिवर्सिटी
में
एक
फुटबॉल
खिलाड़ी
रह
चुके
हैं
और
वो
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
नहीं
हैं।
टीवी चैनलों का जाना पहचाना नाम हैं बलदेव सिंह
21:-
बलविंदर
सिंह
औलख,
माझा
किसान
समिति
42
साल
के
बलविंदर
सिंह
औलख
पिछले
6
साल
से
गन्ना
किसानों
की
समस्याओं
को
लेकर
आंदोलन
करते
रहे
हैं।
अपने
गांव
के
सरपंच
बलविंदर
सिंह
ने
2014
में
समिति
की
स्थापना
की
थी
और
वो
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
हुए
नहीं
हैं।
22:-
बलदेव
सिंह
सिरसा,
लोक
भलाई
इंसाफ
वेलफेयर
सोसाइटी
अमृतसर
के
रहने
वाले
बलदेव
सिंह
सिरसा
पंजाब
के
स्थानीय
टीवी
चैनलों
पर
एक
जाना
पहचाना
नाम
हैं।
72
साल
के
बलदेव
सिंह
पिछले
लंबे
समय
से
आंदोलनों
का
हिस्सा
रहे
हैं।
बदलेव
सिंह
सिरसा
का
भी
कोई
राजनीतिक
कनेक्शन
नहीं
है।
23:-
सतनाम
सिंह
बेहरू,
इंडियन
फॉर्मर्स
एसोसिएशन
81
साल
के
सतनाम
सिंह
बेहरू
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
हुए
नहीं
हैं
और
पिछले
4
दशक
से
आंदोलनों
में
हिस्सा
लेते
रहे
हैं।
सतनाम
सिंह
ने
स्वामीनाथन
आयोग
की
सिफारिशें
ना
लागू
करने
पर
2011
में
मनमोहन
सिंह
सरकार
के
खिलाफ
सुप्रीम
कोर्ट
में
याचिका
दाखिल
की
थी।
24:-
बूटा
सिंह
शादीपुर,
भारतीय
किसान
मंच
बूटा
सिंह
के
पिता
शिरोमणि
अकाली
दल
के
सदस्य
थे
और
वो
खुद
भी
पार्टी
से
जुड़े
रह
चुके
हैं।
2016
में
बूटा
सिंह
ने
भारतीय
किसान
मंच
की
स्थापना
की
और
शिरोमणि
अकाली
दल
से
इस्तीफा
दे
दिया।
25:-
जंगबीर
सिंह
टांडा,
दोआबा
किसान
समिति
जंगबीर
सिंह
टांडा
पंजाब
के
होशियारपुर
जिले
के
रहने
वाले
हैं
और
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
हुए
नहीं
हैं।
रेल रोको आंदोलन का हिस्सा थे मुकेश चंद्र
26:-
मुकेश
चंद्र,
दोआबा
किसान
संघर्ष
समिति
दोआबा
किसान
संघर्ष
समिति
के
उपाध्यक्ष
मुकेश
चंद्र
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
जुड़े
हुए
नहीं
हैं।
सीएम
अमरिंदर
सिंह
ने
रेल
रोको
आंदोलन
को
हटाने
के
लिए
जिन
किसान
नेताओं
से
बातचीत
की
थी,
65
साल
के
मुकेश
चंद्र
भी
उन
नेताओं
में
शामिल
थे।
27:-
सुखपाल
सिंह
दफ्फर,
गन्ना
संघर्ष
समिति
सुखपाल
सिंह
दफ्फर
गन्ना
किसानों
की
समस्याओं
पर
काम
करने
वाली
'गन्ना
संघर्ष
समिति'
के
अध्यक्ष
हैं।
दो
साल
पहले
गन्ना
किसानों
के
बकाया
भुगतान
की
मांग
को
लेकर
गन्ना
संघर्ष
समिति
ने
जम्मू-जालंधर
हाईवे
और
रेलवे
ट्रैक
ब्लॉक
कर
एक
बड़ा
आंदोलन
खड़ा
किया
था।
61
साल
के
दफ्फर
का
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
संबंध
नहीं
है।
28:-
हरपाल
सिंह,
आजाद
किसान
समिति
दोआबा
हरपाल
सिंह
किसी
भी
राजनीतिक
पार्टी
से
जुड़े
हुए
नहीं
हैं।
केंद्र
सरकार
के
कृषि
कानूनों
के
खिलाफ
हरपाल
सिंह
ने
सितंबर
से
ही
आंदोलन
की
कमान
संभाली
हुई
है।
29:-
बलदेव
सिंह
मियापुर,
भारतीय
किसान
यूनियन
(Mann)
भारतीय
किसान
यूनियन
(Mann)
का
मुख्यालय
हरियाणा
में
है।
69
साल
के
बलदेव
सिंह
को
कांग्रेस
का
करीबी
कहा
जाता
है।
30:-
कृपाल
सिंह
नाथूवाला,
किसान
बचाओ
मोर्चा
किसान
बचाओ
मोर्चा
के
अध्यक्ष
कृपाल
सिंह
नाथूवाला
का
किसी
भी
राजनीतिक
दल
से
कोई
संबंध
नहीं
है।
रेल
रोको
आंदोलन
को
वापस
लेने
के
मुद्दे
पर
जिन
नेताओं
से
पंजाब
सरकार
ने
बातचीत
की
थी,
कृपाल
सिंह
भी
उस
प्रतिनिधिमंडल
का
हिस्सा
थे
1980 से किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं शिवकुमार कक्का
31:-
परमिंदर
सिंह
पाल
माजरा,
भारतीय
किसान
यूनियन
(लाखोवाल)
65
वर्षीय
परमिंदर
सिंह
पाल
माजरा,
भारतीय
किसान
यूनियन
(लाखोवाल)
के
पंजाब
के
अध्यक्ष
हैं
और
उनके
संगठन
को
शिरोमणि
अकाली
दल
का
करीबी
माना
जाता
है।
32:-
प्रेम
सिंह
भांगू,
कुल
हिंद
किसान
फेडरेशन
प्रेम
सिंह
भांगू,
मार्क्सिस्ट
कम्युनिस्ट
पार्टी
ऑफ
इंडिया
से
जुड़े
हुए
हैं।
पंजाब
और
हरियाणा
हाईकोर्ट
में
वकील
प्रेम
सिंह
भांगू
ने
2014
में
कुल
हिंद
किसान
फेडरेशन
की
स्थापना
की
थी।
33:-
किरणजीत
शेखों,
कुल
हिंद
किसान
फेडरेशन
(संगरूर)
अपने
कॉलेज
के
दिनों
से
किरणजीत
शेखों
मार्क्सिस्ट
कम्युनिस्ट
पार्टी
ऑफ
इंडिया
और
किसान
संगठनों
से
जुड़े
रहे
हैं।
किरणजीत
संगरूर
में
वकालत
करते
हैं।
34:-
गुरनाम
सिंह
चंदूनी,
भारतीय
किसान
यूनियन
(चंदूनी)
हरियाणा
के
रहने
वाले
गुरनाम
सिंह
पिछले
काफी
समय
से
किसानों
के
हक
की
लड़ाई
लड़ते
रहे
हैं।
उनकी
पत्नी
आम
आदमी
पार्टी
के
टिकट
पर
लोकसभा
का
चुनाव
भी
लड़
चुकी
हैं।
35:-
शिवकुमार
कक्का,
राष्ट्रीय
किसान
मजदूर
महासंघ
मध्य
प्रदेश
के
रहने
वाले
शिवकुमार
कक्का
जेपी
आंदोलन
में
भी
भाग
ले
चुके
हैं।
किसान
परिवार
में
जन्मे
शिवुकमार
1980
से
किसानों
के
मुद्दे
पर
आवाज
उठाते
रहे
हैं।
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